क्या है गुप्त नवरात्रि | गुप्त नवरात्रि 2019 | गुप्त नवरात्रि मंत्र | गुप्त नवरात्रि के उपाय | गुप्त नवरात्रि साधना | Ashadh Gupt Navratri 2019
gupt navratri 2019 |
🌷 चैत्र तथा शारदीय नवरात्र से बहुत कठिन होती हैं गुप्त
नवरात्र की पूजन विधि 🌷
बहुत से लोग
सालभर में आने वाली केवल दो नवरात्रों के बारे में जानते हैं जिसमे प्रथम चैत्र या
वासंतिक नवरात्र तथा दूसरा आश्विन या शारदीय नवरात्र किन्तु इसके अलावा दो तथा
नवरात्र भी आते हैं। जी हाँ, उन नवरात्रों में विशेष कामनाओं की सिद्धि हो जाती हैं। ऐसे में आप सभी को
बता दें कि माघ मास की गुप्त नवरात्र का आरंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा (5 फरवरी,
मंगलवार ) से होने जा रहा हैं तथा यह 14 फरवरी, गुरुवार को समाप्त होगी। ऐसे में आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि की पूजन
विधि।
🌷 गुप्त नवरात्रि की पूजन विधि 🌷
आप सभी को बता दें कि चैत्र तथा
शारदीय नवरात्र की तुलना में गुप्त नवरात्र में देवी की साधाना ज्यादा कठिन होती हैं
तथा इस दौरान मां दुर्गा की आराधना गुप्त रूप से की जाती हैं इसलिए इन्हें गुप्त
नवरात्र कहा जाता हैं। कहते हैं इन नवरात्र में मानसिक पूजन का महत्व माना जाता हैं
तथा इसका वाचन गुप्त होता हैं, किन्तु सतर्कता भी आवश्यक
मानी जाती हैं। इसमें ऐसा कोई नियम नहीं हैं कि गुप्त नवरात्र केवल तांत्रिक
विद्या के लिए ही होते हैं क्योंकि यह सभी के लिए सामन्य माने जाते हैं। कहते हैं
इनको कोई भी कर सकता हैं किन्तु इस दौरान कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक माना जाता
हैं।
🌷 देवी सती ने किया था 10 महाविद्याओं का
प्रदर्शन 🌷
कहते हैं इस दौरान भगवान शंकर की
पत्नी सती ने जिद थी कि वह अपने पिता दक्ष प्रजापति के यहां अवश्य जाएंगी। ऐसे में
प्रजापति ने यज्ञ में न सती को ही बुलाया तथा न अपने दामाद भगवान शंकर को। उस दौरान
शंकर जी ने कहा कि बिना बुलाए कहीं नहीं जाते हैं। किन्तु सती जिद पर अड़ गईं तथा
सती ने उस समय अपनी दस महाविद्याओं का प्रदर्शन किया। उस दौरान उन्होंने सती से
पूछा- ‘कौन हैं ये?’
सती ने बताया, ‘यह मेरे दस रूप
हैं। सामने काली हैं। नीले रंग की तारा हैं। पश्चिम में छिन्नमस्ता, बाएं भुवनेश्वरी, पीठ के पीछे बगलामुखी, पूर्व-दक्षिण में धूमावती, दक्षिण-पश्चिम में
त्रिपुर सुंदरी, पश्चिम-उत्तर में मातंगी तथा उत्तर-पूर्व
में षोड़शी हैं। मैं खुद भैरवी रूप में अभयदान देती हूं। इन्हीं दस महाविद्याओं ने
चंड-मुंड तथा शुम्भ-निशुम्भ वध के समय देवी के साथ असुरों से युद्ध करती रहीं।
💥नवदुर्गा
की पूजन
🌷
5 फरवरी से आरंभ गुप्त नवरात्रि 2019 🌷
💁🏻♂शारदीय नवरात्र के वक्त शक्ति की प्रतीक माँ दुर्गा की आराधना जोर-शोर से
की जाती हैं। हालांकि चैत्र नवरात्र में भी देवी की अराधना बड़े पैमाने पर होती हैं।
क्या आपको पता हैं कि साल भर में शारदीय तथा चैत्र नवरात्र के अलावा दो तथा
नवरात्र सहित कुल चार नवरात्र होते हैं। अगर नहीं तो हम अपको बताते हैं। इन दोनों
के अलावा दो गुप्त नवरात्र होते हैं। पहले इसके बारे में कम ही लोगों को पता था, किन्तु अब लोग इसके बारे में भी जानने
लगे हैं। हालांकि इन दोनों गुप्त नवरात्रों में भी माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों
की आराधना के साथ ही दस महाविद्या की पूजन की जाती हैं। खास तौर पर गुप्त नवरात्र
में तंत्र साधना की जाती हैं।
🌷 अषाढ़ तथा माघ माह में मनाई जाती हैं गुप्त
नवरात्रि 🌷
गुप्त
नवरात्रि आषाढ़ तथा माघ माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती हैं। तंत्र पूजन के लिए
गुप्त नवरात्रि को बहुत खास माना जाता हैं। वर्ष 2019 में गुप्त नवरात्र माघ माह
के शुक्ल पक्ष में 5 फरवरी से शुरू हो रही हैं,
जिसका समापन 14 फरवरी को होगा।
🌷 10 महाविद्या की होती हैं पूजन 🌷
गुप्त
नवरात्रि की पूजन के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की बजाय दस
महाविद्याओं की पूजन की जाती हैं। ये दस महाविद्याएं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर
सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता,
त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, बगलामुखी, मातंगी तथा कमला देवी हैं।
🌷 गुप्त माघ नवरात्रि 2019 🌷
नवरात्रि का प्रथम दिन
तिथि – प्रतिपदा
5 फरवरी 2019, मंगलवार
घटस्थापना, कलश स्थापना, शैलपुत्री
पूजन
नवरात्रि
का दूसरा दिन
तिथि – द्वितीया
6 फरवरी 2019, बुधवार
ब्रह्मचारिणी
पूजन
नवरात्रि
का तीसरा दिन – तिथि
वहीं रहेगी
तिथि – द्वितीया
7 फरवरी 2019, गुरुवार
ब्रह्मचारिणी
पूजन
नवरात्रि
का चौथा दिन
तिथि – तृतीया
8 फरवरी 2019, शुक्रवार
चंद्रघंटा पूजन
नवरात्रि
का पांचवा दिन
तिथि – चतुर्थी
9 फरवरी 2019, शनिवार
कुष्मांडा पूजन
नवरात्रि
का छठा दिन
तिथि – पंचमी
10 फरवरी
2019, रविवार
स्कंदमाता पूजन
नवरात्रि
का सातवां दिन
तिथि – षष्ठी
11 फरवरी
2019, सोमवार
कात्यायनी पूजन
नवरात्रि
का अठवां दिन
तिथि – सप्तमी
12 फरवरी
2019, मंगलवार
कालरात्रि पूजन
नवरात्रि
का नौवां दिन
तिथि – अष्टमी
13 फरवरी
2019, बुधवार महागौरी पूजन,
दुर्गा अष्टमी, महाष्टमी पूजन, संधि पूजन
नवरात्रि
का दसवां दिन
तिथि – नवमी
14 फरवरी
2019, गुरुवार सिद्धिदात्री पूजन,
नवरात्रि पारण, नवरात्री हवन।।
🚩पं। विनोद पांडे🚩
🌷 गुप्त नवरात्रि 🌷
🙏🏻 हिंदू धर्म के अनुसार, एक
वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं, किन्तु आमजन केवल दो
नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। आषाढ़ तथा माघ मास
की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता हैं। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि का
आरंभ माघ शुक्ल प्रतिपदा (05 फरवरी, मंगलवार) से हो रहा हैं,
जिसका समापन 14 फरवरी, गुरुवार को होगा। इस
नवरात्रि में भी हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप की पूजन की जाती हैं। जानिए
गुप्त नवरात्रि में किस दिन देवी के किस रूप की पूजन करें-
🙏🏻 पहले दिन करें मां शैलपुत्री की
पूजन
गुप्त
नवरात्रि के पहले दिन (05 फरवरी, मंगलवार) को मां शैलपुत्री की पूजन की जाती हैं। मार्कण्डेय पुराण के
अनुसार, देवी का यह नाम हिमालय के यहां जन्म होने से पड़ा।
हिमालय हमारी शक्ति, दृढ़ता, आधार व
स्थिरता का प्रतीक हैं। मां शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता हैं।
नवरात्रि के प्रथम दिन योगीजन अपनी शक्ति मूलाधार में स्थित करते हैं व योग साधना
करते हैं।
🙏🏻 हमारे जीवन प्रबंधन में दृढ़ता, स्थिरता व आधार का महत्व सर्वप्रथम हैं। अत: इस दिन हमें अपने स्थायित्व व
शक्तिमान होने के लिए माता शैलपुत्री से प्रार्थना करनी चाहिए। शैलपुत्री का
आराधना करने से जीवन में स्थिरता आती हैं। हिमालय की पुत्री होने से यह देवी प्रकृति
स्वरूपा भी हैं। स्त्रियों के लिए उनकी पूजन करना ही श्रेष्ठ तथा मंगलकारी हैं।
🌷 गुप्त नवरात्रि 🌷
👉 माघ मास, शुक्ल पक्ष की प्रथम नौ
तिथियाँ (05 फरवरी से 14 फरवरी, 2019 तक) माघ मास की गुप्त
नवरात्रियाँ हैं।
🙏 एक वर्ष में कुल चार नवरात्रियाँ आती हैं, जिनमे से सामान्यतः दो नवरात्रियो के बारे में आपको पता हैं, पर शेष दो गुप्त नवरात्रियाँ हैं।
🌷 शत्रु को मित्र बनाने के लिए 🌷
🙏 नवरात्रि में शुभ संकल्पों को पोषित करने, रक्षित करने, मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के
लिए तथा शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग होता हैं।
🙏 नवरात्रि में स्नानादि से निवृत्त हो तिलक लगाके एवं दीपक
जलाकर यदि कोई बीज मंत्र 'हूं' (Hum) अथवा
'अं रां अं' (Am Raam Am) मंत्र की
इक्कीस माला जप करे एवं 'श्री गुरुगीता' का पाठ करे तो शत्रु भी उसके मित्र बन जायेंगे।
👩 माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 🌷
👵 जिन माताओं बहनों को दुःख तथा कष्ट ज्यादा सताते हैं,
वे नवरात्रि के प्रथम दिन (देवी-स्थापना के दिन) दिया जलायें तथा
कुम-कुम से अशोक वृक्ष की पूजन करें, पूजन करते समय निम्न
मंत्र बोलें:
🌷 “अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले "
🙏 " ASHOK SHOK SHAMNO BHAV SARVATRA NAH KULE "
🙏 भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन इस तरह
पूजन करने से माताओ बहनों के कष्टों का जल्दी निवारण होता हैं।
👩 माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 2
🙏 माघ मास शुक्ल पक्ष तृतीया (08 फरवरी 2019) के दिन में
सिर्फ बिना नमक मिर्च का भोजन करें। (जैसे दूध, रोटी या खीर खा सकते हैं, नमक मिर्च का भोजन ही करें।)
🌷 •
" ॐ ह्रीं गौरये नमः " 🌷
🙏 "Om Hreem Goryaye Namah"
🙏 मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को
कुमकुम का तिलक करें।
🐄 गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ ओर रोटी खिलाएं।
💶 श्रेष्ठ अर्थ (धन) की प्राप्ति हेतु 💶
💥 प्रयोग: नवरात्रि में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने
से श्रेष्ठ अर्थ कि प्राप्ति होती हैं
🙏 मंत्र ध्यान से पढ़ें 🙏
🌷 "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह् "
🌷 " OM SHREEM HREEM KLEEM AIM KAMALVAASINYE SWAHA "
👦 विद्यार्थियों के लिए 👦
🙏 प्रथम नवरात्रि के दिन विद्यार्थी अपनी पुस्तकों को ईशान
कोण में रख कर पूजन करें तथा नवरात्रि के तीसरे तीन दिन विद्यार्थी सारस्वत्य
मंत्र का जप करें।
🙏 इससे उन्हें विद्या प्राप्ति में अपार सफलता प्राप्त होती हैं।
🙏 बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का
भ्रूमध्य में ध्यान करें। जिनको गुरुमंत्र मिला हैं वे गुरुमंत्र का, गुरुदेव का, सूर्यनारायण का ध्यान करें।
🙏 अतः इस सरल मंत्र की एक-दो माला नवरात्रि में अवश्य करें तथा
लाभ लें।
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