दिवाली पूजा लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त समय 2022 Deepavali Pooja Lakshmi Pujan ka Shubh Muhurat Time
Diwali Lakshmi Puja |
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे
विष्णु पत्न्यै च धीमहि
तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात् ॥
शुभम करोति कल्याणम ।
अरोग्यम धन संपदा ॥
शत्रु-बुद्धि विनाशायः ।
दीपःज्योति नमोस्तुते ॥
असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मा अमृतं गमय।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
अनुवाद:- असत्य से सत्य की ओर
अंधकार से प्रकाश की ओर
मृत्यु से अमरता की ओर हमें ले जाओ।
ॐ शांति शांति शांति।।
आप सभी को सपरिवार दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपके जीवन को दीपावली का दीपोत्सव सुख, समृद्धि, सौहार्द, शांति तथा अपार खुशियों की रोशनी से जग-मग करें।
लक्ष्मी बीज मन्त्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
Om Hreem Shreem Lakshmibhayo Namah॥
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।।
Om Shreeng Mahalaxmaye Namah।।
दिवाली का पर्व सनातन हिन्दू धर्म का सर्वाधिक पवित्र तथा प्रसिद्ध त्योहार है, तथा इस पर्व को दिपावली, लक्ष्मी पूजा, अमावस्या लक्ष्मी पूजा, केदार गौरी व्रत, चोपड़ा पूजा, शारदा पूजा, बंगाल की काली पूजा, दिवाली स्नान, दिवाली देवपूजा, लक्ष्मी-गणेश पूजा तथा दिवाली पूजा के नाम से जाना जाता है। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।
जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर गतिमान बनाने वाला यह त्यौहार सम्पूर्ण भारतवर्ष के साथ-साथ संपूर्ण जगत में अत्यंत उत्साह एवं धूमधाम से मनाया जाता हैं। दीपावली के त्यौहार की तैयारी प्रत्येक व्यक्ति कई दिन पूर्व ही आरंभ कर देते हैं, जिसका प्रारम्भ घर को स्वच्छ तथा पवित्र करने से किया जाता हैं, क्योंकि, दिवाली के दिवस शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की विधि-पूर्वक पूजा की जाती हैं, तथा माँ लक्ष्मीजी वही निवास करती हैं जहाँ स्वच्छता होती हैं।
दिवाली के दिवस भगवान श्री गणेश जी तथा माता लक्ष्मी जी की पूजा करने के लिए उपयुक्त समय प्रदोष काल का माना जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त के पश्चात प्रारम्भ होता है तथा लगभग २ घण्टे २२ मिनट तक व्याप्त रहता है। धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार श्री महालक्ष्मी पूजन हेतु शुभ समय प्रदोष काल से प्रारम्भ हो कर अर्ध-रात्रि तक व्याप्त रहने वाली अमावस्या तिथि को श्रेष्ठ माना गया है। अतः प्रदोष काल का मुहूर्त लक्ष्मी पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ है। अतः प्रदोष के समय व्याप्त पूर्ण अमावस्या तिथि दिवाली की पूजा के लिए विशेष महत्वपूर्ण होती है।
अतः हम आपको बताएंगे दिवाली की पूजा करने के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त-
इस वर्ष, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 24 अक्तूबर, सोमवार की साँय 05 बजकर 27 मिनिट से प्रारम्भ हो कर, 25 अक्तूबर, मंगलवार की साँय 04 बजकर 18 मिनिट तक व्याप्त रहेगी।अतः इस वर्ष 2022 में, दिवाली पूजा का त्योहार 24 अक्तूबर, सोमवार के दिन मनाया जाएगा।
इस वर्ष, दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त, 24 अक्तूबर, सोमवार की साँय 07 बजकर 09 से रात्रि 08 बजकर 24 मिनिट तक का रहेगा।
इस दिवस दिवाली, नरक चतुर्दशी, तमिल दीपावली, लक्ष्मी पूजा, केदार गौरी व्रत, चोपड़ा पूजा, शारदा पूजा तथा काली पूजा की जाएगी।
हमारे द्वारा बताए गए इस प्रदोष काल तथा स्थिर लग्न के सम्मिलित शुभ मुहूर्त में पूजा करने से धन तथा स्वास्थ्य का लाभ होता है तथा व्यक्ति के व्यापार तथा आय में अति वृद्धि होती है। ऐसा माना जाता है कि यदि स्थिर लग्न के दौरान लक्ष्मी पूजा की जाये तो माँ लक्ष्मीजी घर में सदा के लिए वास करते है। अतः लक्ष्मी पूजा के लिए यह समय सबसे उपयुक्त होता है।
दीपावली के दिवस अन्य शुभ समय
24 अक्तूबर 2022, सोमवारवृषभ काल मुहूर्त - 19:08 से 21:08
अभिजित मुहूर्त - 11:48 से 12:34
चौघड़िया मुहूर्त - 16:28 से 17:54 अमृत - सर्वोत्तम
सूर्योदय - 06:28 सूर्यास्त - 17:54
चन्द्रोदय - 05:58 चन्द्रास्त - 17:20
राहुकाल - 05:53 से 09:19
भारत के अन्य प्रमुख शहरों में दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
07:23 से 08:35 - पुणे 06:53 से 08:16 - नई दिल्ली
07:06 से 08:13 - चेन्नई 07:02 से 08:23 - जयपुर
07:06 से 08:17 - हैदराबाद 06:54 से 08:17 - गुरुग्राम
06:51 से 08:16 - चण्डीगढ़ 06:19 से 07:35 - कोलकाता
07:26 से 08:39 - मुम्बई 07:16 से 08:23 - बेंगलूरु
07:21 से 08:38 - अहमदाबाद 06:52 से 08:15 - नोएडा
Auspicious time for Lakshmi Pujan on Deepawali in other major cities of India
Other auspicious Times on the Day of Diwali 2022
24
October 2022, MondayPradosh Kaal Muhurta - 17:54 to 20:25
Vrishabha Kaal Muhurta - 19:08 to 21:08
Abhijit Muhurta - 11:48 to 12:34
Choghadiya Muhurta - 16:28 to 17:54 Amrit - Best
Sunrise - 06:28 Sunset - 17:54
Moonrise - 05:58 Moonset - 17:20
Rahukaal - 05:53 to 09:19