22 January 2019

रामचरितमानस पाठ के शुभ फलदायक “सम्पुट चौपाई” | Ramayan Samput Chaupai List | रामायण के चौपाई

रामचरितमानस पाठ के शुभ फलदायक “सम्पुट चौपाई” | Ramayan Samput Chaupai List | रामायण के चौपाई

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रामचरितमानस पाठ के शुभ फलदायक “सम्पुट चौपाई”

रामायण के चौपाई

१.       मंगल भवन अमंगल हारी,
द्रबहु सु दसरथ अजिर बिहारी ।

२.       सुमिरि पवनसुत पावन नामु,
अपने बस करि राखै रामु ।

३.       देवि पूज्य पद कमल तुम्हारे,
सुर नर मुनि सब होही सुखारे।

४.       विश्वनाथ मम् नाथ पुरारी,
त्रिभुवन महिमा विदित तुम्हारी ।

५.       सो तुम्ह जान्हउ अन्तर्यामी,
पुरवहु मोर मनोरथ स्वामी ।

६.       सखा सोच त्यागहु बल मोरे,
सब बिधि घटब काज मैं तोरे ।

७.       मोर सुधारिहि सो सब भाँती,
जासु कृपा नहीं कृपा अघाती ।

८.       दीन दयाल बिरिदु समभारी,
हरहु नाथ मम् संकट भारी ।

९.       प्रभु की कृपा भयवु सब काजू,
जन्म हमार सुफल भा आजू 

१०. सीताराम चरन रति मोरे,
अनुदिन बढ़वु अनुग्रह तोरे ।

११. सिया राम मैं सब जग जानी,
करहु प्रनाम जोरि जुग पाणी ।

१२. मोरे हित हरि सम नहीं कोउ,
यहि अवसर सहाय सोई होउ ।

१३. महवीर बिनवउँ हनुमाना,
राम जासु जस आप बखाना ।

१४. जेहि बिधि प्रभु प्रसन्न मन होई,
करुणा सागर कीजै सोई ।

१५. राम कृपा नासहि सब रोगा,
जो एहि भाँति बनै संयोगा ।

१६. होय विवेक मोह भ्रम भागा,
तव रघुनाथ चरन अनुरागा ।
 

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