नवीन गृह प्रवेश वास्तु हवन पूजन सामग्री लिस्ट
Navin Griha Pravesh Puja Samagri List
- पंडित विनोद पांडे (7878489588) http://www.vkjpandey.in
griha pravesh puja samagri |
1) भगवान जी
प्रतिमा या तस्वीर
2) लकडी की
चौकी - 1
3) केले के
पत्ते
4) मिट्टी या तांबे
का कलश व ढक्कन - 01
5) श्री फल/नारियल
- 1 सबूत व 1 छिला हुआ
6) तुलसी-पत्र
7) लोटा - 02
8) चम्मच - 03
9) कटोरी - 05
10) थाली - 03 बड़ी
11) सुपारी -
02 बड़ी व 02 छोटी
12) लौंग व
इलायची - 10 ग्राम
13) पान के
पत्ते - 02 कपूरी
14) रोली - 50
ग्राम
15) मोली - 1
गोली
16) जनेऊ - 02
17) कच्चा दूध
- 250 ग्राम
18) दही - 150
ग्राम
19) देशी घी -
500 ग्राम
20) शहद - 50
ग्राम
21) शक्कर/खांड
- 250 ग्राम
22) गुड- 100
ग्राम
23) सबूत चावल
- 3 कटोरी
24) मिठाई/प्रसाद
- श्रद्धा अनुसार
25) पांच मेवा
(गरी/नारियल), चिरौंजी,
बादाम, छुहारा और किशमिश का मिश्रण) - 100
ग्राम
26) ऋतुफल -
श्रद्धा अनुसार
27) फूल/फूल
माला - एक माला
28)
धूप/अगरबत्ती -1 पैकेट
29) जौ - 500
ग्राम
30) काले तिल
-100 ग्राम
31) हल्दी - 50
ग्राम
32) हल्दी की गाँठ
- 01 गाँठ
33) लाल चन्दन
- 10 रू
34) मिट्टी/तांबे
का बड़ा दीया - 02
35) मिट्टी के छोटे
दीये - 02
36) रूई/बाती (सबूत)
- 1 पैकेट छोटा
37) पीला/लाल
कपडा - सवा मीटर
38) सफ़ेद कपडा-
सवा मीटर
39) कपूर - 20 टिक्की
बड़ी
40) सबूत उडद
की दाल - 250 ग्राम
41) गंगाजल-
250 मिली
42) इत्र- छोटी
सीसी
43) दूर्वा/दुप-
थोडा सा
44) आम के
पत्ते - 11 पत्ते
45) आम की लकड़ियाँ
- 1.25 किलो
46) हवन कुंड -
01
47) हवन
सामग्री - 1 छोटा पेक
नोट ➔ शक्कर गुड वाली
होनी चाहिए। चावल टूटे हुए न हो। पंच मेवा में बादाम, छुहारे, किशमिश, मखाने, काजू पांच होने चाहिए। पंच
मिठाई में बुन्दी के लड्डू, बर्फी, बेसन के लड्डू या बर्फी,
मिल्क केक, कलाकन्द, नारियल की बर्फी या कोई भी
सुखी मिठाई लेनी हैं। ऋतु फल मौसम के कोई भी पांच फल लेने हैं। जिसमें केला, अनार लेना जरूरी हैं। तीन फल कुछ भी मौसम वाले फल ले सकते हैं।
भगवती श्रृंगार में अपने हाथ की चूड़ियाँ, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी, हार, माला, कंघा, दर्पण, सैंट, जो आप उपयोग में स्वयं के
लिए लाते हैं। भगवती की साड़ी काले, नीले रंग की ना हो। सुनार
से चांदी की देवी की मूर्ति में सोने की बिंदी मस्तक में लगवा दे। दूध,दही, पान के पत्ते चाहिए। हलुआ के स्थान पर आटे का घी में चूर्ण
(कषार, महाभोग) सूखा प्रसाद बना सकते हैं।
पूजन कोई भी हो लकडी की चौकी जरूर होनी चाहिए।
- पंडित विनोद पांडे (7878489588) http://www.vkjpandey.in
गृह प्रवेश की पूजा विधि
सबसे पहले गृह
प्रवेश के लिये दिन, तिथि,
वार एवं नक्षत्र को ध्यान में रखते हुए, गृह
प्रवेश की तिथि और समय का निर्धारण किया जाता हैं। गृह प्रवेश के लिये शुभ मुहूर्त
का ध्यान जरूर रखें। इस सब के लिये एक विद्वान ब्राह्मण की सहायता लें, जो विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण कर गृह प्रवेश की पूजा को संपूर्ण करता हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
माघ, फाल्गुन, वैशाख,
ज्येष्ठ माह को गृह प्रवेश के लिये सबसे सही समय बताया गया हैं।
आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष इसके लिहाज से शुभ नहीं माने गए हैं।
मंगलवार के दिन भी गृह प्रवेश नहीं किया जाता विशेष परिस्थितियों में रविवार और
शनिवार के दिन भी गृह प्रवेश वर्जित माना गाया हैं। सप्ताह के बाकी दिनों में से
किसी भी दिन गृह प्रवेश किया जा सकता हैं। अमावस्या व पूर्णिमा को छोड़कर
शुक्लपक्ष 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, और 13 तिथियां प्रवेश के लिये बहुत शुभ मानी जाती हैं।
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