17 April 2017

हनुमान जी का अत्यंत शक्तिशाली, अद्भुत तथा चमत्कारी श्लोक

अत्यंत शक्तिशाली, अद्भुत तथा चमत्कारी श्लोक 

हर बाधा से मुक्ति दिलाए हनुमान जी का यह मंत्र 

जय श्री राम | जय हनुमान |

नमस्कार ! में विनोद पांडे, आप सभी भक्तो का हार्दिक स्वागत करता हु!

दोस्तों भगवान शिव के रुद्रावतार तथा भगवान श्री राम के परमभक्त हनुमान जी की उपासना से जीवन के सारे  संकट क्षण में ही समाप्त जाते है। श्री बजरंगबली को सनातन हिन्दू धर्म में साहस, शक्ति, भक्ति एवं निस्वार्थ सेवा के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि श्री हनुमान एक ऐसे देवता है जो थोड़ी-सी प्रार्थना और पूजा से ही शीघ्र प्रसन्न हो जाते है। हनुमान जी की पूजा के लिए मुख्य रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है लेकिन आज हम आपको बताएँगे श्री हनुमान जी का अत्यंत शक्तिशाली, अद्भुत तथा चमत्कारी श्लोक! जो मनुष्य, हनुमानजी का ध्यान कर, प्रतिदिन यह श्लोकका पाठ करे, सुने या स्मरण करने से भी मनोवांछित वरदान प्राप्त होता है, भय दूर होता है तथा सारे संकट क्षण में ही समाप्त हो जाते हैं। मंगलवार और शनिवार के दिन इस श्लोक का प्रभाव अधिक रहता हैं!

श्लोक
मनोजवं मारुततुल्यवेगं
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं ।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं
श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ।

अर्थ
हे मनोहर, वायुवेग से चलने वाले, इन्द्रियों को वश में करने वाले, बुद्धिमानो में सर्वश्रेष्ठ, श्री हनुमान आपको प्रणाम।

हे वायु पुत्र, हे वानर सेनापति, हे श्री रामदूत हम सभी आपके शरणागत है।।



Mano-Javam Maaruta-Tulya-Vegam
Jite[a-I]ndriyam Buddhi-Mataam Varissttha |
Vaata-Atmajam Vaanara-Yuutha-Mukhyam
Shriiraama-Duutam Sharannam Prapadye |


 
Meaning:

1: Who is Swift as the Mind and Fast as the Wind,
2: Who is the Master of the Senses, and Honored for His Excellent Intelligence, Learning and Wisdom,
3: Who is Son of the Wind God and Chief among the Vanaras (Who were part of the Devas incarnated in the species of the monkeys to serve Sri Rama during His Incarnation),
4: To that Messenger of Sri Rama, I take Refuge (by prostrating before him).

 

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