रामचरितमानस पाठ के शुभ फलदायक “सम्पुट चौपाई” | Ramayan Samput Chaupai List | रामायण के चौपाई
![]() |
ramayan samput chaupai list |
रामचरितमानस पाठ के शुभ फलदायक “सम्पुट चौपाई”
रामायण के चौपाई
१.
मंगल भवन अमंगल हारी,
द्रबहु सु दसरथ अजिर
बिहारी ।
२.
सुमिरि पवनसुत पावन नामु,
अपने बस करि राखै रामु ।
३.
देवि पूज्य पद कमल
तुम्हारे,
सुर नर मुनि सब होही
सुखारे।
४.
विश्वनाथ मम् नाथ पुरारी,
त्रिभुवन महिमा विदित
तुम्हारी ।
५.
सो तुम्ह जान्हउ
अन्तर्यामी,
पुरवहु मोर मनोरथ स्वामी
।
६.
सखा सोच त्यागहु बल मोरे,
सब बिधि घटब काज मैं तोरे
।
७.
मोर सुधारिहि सो सब भाँती,
जासु कृपा नहीं कृपा
अघाती ।
८.
दीन दयाल बिरिदु समभारी,
हरहु नाथ मम् संकट भारी ।
९.
प्रभु की कृपा भयवु सब
काजू,
जन्म हमार सुफल भा
आजू ।
१०.
सीताराम चरन रति मोरे,
अनुदिन बढ़वु अनुग्रह
तोरे ।
११.
सिया राम मैं सब जग जानी,
करहु प्रनाम जोरि जुग
पाणी ।
१२.
मोरे हित हरि सम नहीं कोउ,
यहि अवसर सहाय सोई होउ ।
१३.
महवीर बिनवउँ हनुमाना,
राम जासु जस आप बखाना ।
१४.
जेहि बिधि प्रभु प्रसन्न
मन होई,
करुणा सागर कीजै सोई ।
१५.
राम कृपा नासहि सब रोगा,
जो एहि भाँति बनै संयोगा
।
१६.
होय विवेक मोह भ्रम भागा,
तव रघुनाथ चरन अनुरागा ।
excellent
ReplyDeleteExcellent
ReplyDeletebahut achhha hai
ReplyDeleteHariom
ReplyDelete