संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चन्द्रोदय का समय | Chand Nikalne ka Time | संकष्टी चतुर्थी कब है 2019?
chaturthi chandrodaya ka samay |
हिन्दु के अनुसार
प्रत्येक चंद्र मास में दो चतुर्थी होती हैं। सनातन हिन्दू ग्रन्थों के अनुसार
चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि हैं। अमावस के पश्चात आने वाली शुक्ल पक्ष की
चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं तथा पूर्णिमा के पश्चात आने वाली कृष्ण
पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
🌷 ॐ गं गणपते नमः ।
🌷 ॐ सोमाय नमः ।
🌷 चतुर्थी तिथि विशेष 🌷
🙏🏻 चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।
📆 हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो #चतुर्थी होती है।
🙏🏻 पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
➡ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
संकष्टी चतुर्थी व्रत 2019 चन्द्रोदय का समय
24 जनवरी (गुरुवार)
संकष्टी चतुर्थी सकट चौथ चन्द्रोदय 21:32
22 फरवरी (शुक्रवार)
संकष्टी चतुर्थी चन्द्रोदय 21:21
24 मार्च (रविवार) संकष्टी चतुर्थी चन्द्रोदय
22:08
22 अप्रैल (सोमवार)
संकष्टी चतुर्थी चन्द्रोदय 21:55
22 मई (बुधवार) संकष्टी चतुर्थी चन्द्रोदय
22:28
20 जून (गुरुवार) संकष्टी चतुर्थी चन्द्रोदय
21:54
20 जुलाई (शनिवार)
संकष्टी चतुर्थी चन्द्रोदय 21:46
19 अगस्त (सोमवार)
संकष्टी/बहुला चतुर्थी चन्द्रोदय 21:22
17 सितम्बर (मंगलवार)
अंगारकी चतुर्थी चन्द्रोदय 20:24
17 अक्टूबर (गुरुवार)
संकष्टी चतुर्थी/करवा चौथ चन्द्रोदय 20:17
15 नवम्बर (शुक्रवार)
संकष्टी चतुर्थी चन्द्रोदय19:47
15 दिसम्बर (रविवार)
संकष्टी चतुर्थी चन्द्रोदय 20:33
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