02 October 2018

इन्दिरा एकादशी कब है 2018 | एकादशी तिथि व्रत पारण का समय | तिथि व शुभ मुहूर्त | Indira Ekadashi 2018 #EkadashiVrat


इन्दिरा एकादशी कब है 2018 | एकादशी तिथि व्रत पारण का समय | तिथि व शुभ मुहूर्त | Indira Ekadashi 2018 #EkadashiVrat



5 अक्टूबर 2018 शुक्रवार | इन्द्राणी एकादशी व्रत | इन्दिरा एकादशी 2018 | Indira Ekadashi 2018 | Indira Ekadashi Vrat | इन्दिरा एकादशी व्रत | Indira ekadashi fast | इन्दिरा एकादशी व्रत का महत्व | Importance of Indira Ekadashi Fast | इन्दिरा एकादशी व्रत पूजा | Indira Ekadashi Vrat Pooja | Indira Ekadashi | vrat ka paran | एकादशी से सम्बंधित महत्वपूर्ण समय | Indira Ekadashi Vrat Parana Time | Indira ekadasi | paran ka muhurt | इन्दिरा एकादशी व्रत महात्म्य | Importance of indira Ekadashi | इन्दिरा एकादशी व्रत पूजन | Puja for indira Ekadashi Vrat | इंदिरा एकादशी का पौराणिक महत्व | Ekadashi Vrat in Hindi | Importance of Indira Ekadashi Vrat in Hindi  | paran ka samay | इंदिरा एकादशी 2018 व्रत तिथि व पूजा मूहुर्त | ekadashi meaning | Indira Ekadashi Vrat significance | कब मनाई जाती हैं इंदिरा एकादशी | Indira Ekadashi Vrat Date 2018 | Indira Ekadashi Vrat Puja in hindi | इंदिरा एकादशी महत्व | Indira Ekadashi Ka Mathva in Hindi | Ekadashi Vrat Paran ke niyam | Indira ekadashi kab hai | ekadashi vrat benefits | when is Indira ekadashi | एकादशी व्रत का नियम | Indira ekadashi in hindi | Indira ekadashi 2018 date | Ekadashi vrat ka paran kya hai | Ekadashi Vrat ke niyam | Ekadashi Vrat | Ekadashi | Ekadashi kab hai | एकादशी कब है | एकादशी व्रत | VKJ Pandey | Pt Vinod Pandey | vkjpandey | vkj pandey astrology | विनोद पांडे | विनोद पांडेय | Vinod Pandey | Ekadashi Vrat Parana Time | #EkadashiVrat


वैदिक विधान कहता है की, दशमी को एकाहार, एकादशी में निराहार तथा द्वादशी में एकाहार करना चाहिए। सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार सम्पूर्ण वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं, किन्तु अधिकमास की एकादशियों को मिलाकर इनकी संख्या 26 हो जाती है। प्रत्येक एकादशी का भिन्न भिन्न महत्व होता है तथा प्रत्येक एकादशीयों की एक पौराणिक कथा भी होती है। एकादशियों को वास्तव में मोक्षदायिनी माना जाता है। भगवानजी को एकादशी तिथि अति प्रिय मानी गई है चाहे वह कृष्ण पक्ष की हो अथवा शुकल पक्ष की। इसी कारण एकादशी के दिन व्रत करने वाले भक्तों पर प्रभु की अपार कृपा-दृष्टि सदा बनी रहती है, अतः प्रत्येक एकादशियों पर हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले भगवान श्रीविष्णु जी की पूजा करते हैं तथा व्रत रखते हैं, एवं रात्री जागरण करते है। किन्तु इन प्रत्येक एकादशियों में से एक ऐसी एकादशी भी है जो की श्राद्ध पक्ष की एकादशी दिन आती है, तथा इस एकादशी के व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होती हैं। यह पितरों को सद्गति देनेवाली एकादशी का नाम इंदिरा एकादशी है। जो की, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन मनाई जाती है। इस एकादशी की महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पितृपक्ष में आती है जिस कारण इसका महत्व अत्यंत अधिक हो जाता है। मान्यता है कि यदि कोई पूर्वज़ जाने-अंजाने हुए अपने पाप कर्मों के कारण यमदेव के पास अपने कर्मों का दंड भोग रहे हैं, तो इस एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत कर इसके पुण्य को उनके नाम पर दान कर दिया जाये तो उन्हें मोक्ष प्राप्त हो जाता है तथा मृत्यु के उपरांत व्रती भी बैकुण्ठ में निवास करता है।


इन्दिरा एकादशी व्रत का पारण
       एकादशी के व्रत की समाप्ती करने की विधि को पारण कहते हैं। कोई भी व्रत तब तक पूर्ण नहीं माना जाता जब तक उसका विधिवत पारण न किया जाए। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के पश्चात पारण किया जाता है।

ध्यान रहे,
१.             एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक है।   
२.             यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के पश्चात ही होता है।
३.             द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान होता है।
४.             एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए।
५.             व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है।
६.             व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्यान के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए।
७.             जो भक्तगण व्रत कर रहे हैं उन्हें व्रत समाप्त करने से पहले हरि वासर समाप्त होने की प्रतिक्षा करनी चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि होती है।
८.             यदि, कुछ कारणों की वजह से जातक प्रातःकाल पारण करने में सक्षम नहीं है, तो उसे मध्यान के पश्चात पारण करना चाहिए।


इस वर्ष 2018 में, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 04 अक्टूबर, रात्री 09 बजकर 49 मिनिट से प्रारम्भ हो कर, 05 अक्टूबर साँय 07 बजकर 17 मिनिट तक व्याप्त रहेगी।
अतः इस वर्ष 2018 में इन्दिरा एकादशी का व्रत 05 अक्टूबर, शुक्रवार के दिन किया जाएगा।


इस वर्ष 2018 में, इन्दिरा एकादशी व्रत का पारण अर्थात व्रत तोड़ने का शुभ समय, 06 अक्टूबर, शनिवार के दिन, प्रातः 06 बजकर 20 से 8 बजकर 41 मिनिट तक का रहेगा।


No comments:

Post a Comment