प्रतिदिन ओम (ॐ) मंत्र के जाप करने का सही तरीका । Learn Oum Chanting | How To Chant Om by Pt VKJ Pandey
ओम मंत्र का जाप में न करे ये गलतिया । ओम मंत्र सही उच्चारण की विधि
नमस्कार दोस्तों! में विनोद पांडे, आपका हार्दिक
स्वागत करता हु!
दोस्तों, ॐ शब्द ईश्वर का संकेत माना जाता है तथा यह सनातन हिन्दु धर्मं का
सर्वाधिक पवित्र शब्द हैं । ब्रह्माण्ड से सदा ॐ की ध्वनी सुनी गयी है। पूजा एवं
मंत्रोच्चार की शुरूआत भी ॐ के उच्चारण के साथ होती है। यजुर्वेद में कहा गया है
"ओम ख़म ब्रह्म " अर्थात ओम ही सर्वत्र व्याप्त परम ब्रह्म है। ॐ के बिना
विश्व की कल्पना भी नहीं हो सकती है। ॐ शब्द का निर्माण तीन अक्षरों से हुआ है-
अ
उ म।
ॐ का अर्थ :-
अ
का अर्थ उत्पन्न होना हैं
उ
का अर्थ उठना अर्थात विकास करना हैं
म्
का अर्थ मौन हो जाना अर्थात ब्रह्मलीन हो जाना हैं
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे प्रतिदिन ॐ मन्त्र के जाप करने का
सही तरीका-
1.
ॐ मन्त्र का उच्चारण सुबह ब्रह्ममहूर्त में करना श्रेष्ट माना गया हैं क्यों की इस
समय हमारे दिमाग मैं पर्याप्त मात्रा मैं ताज़गी होती है तथा आसपास का वातावरण भी
स्फूर्तिदायक होता है,
अँधेरे से उजाले होने के समय अर्थात सूर्योदय के समय, ४.३० से ६ बजे बिच तीव्र ब्रह्म महूर्त होता हैं अतः ॐ का जाप सुबह आप इसी
समय करे तो वह अधिक लाभकारी सिद्ध होगा।
2.
ॐ मन्त्र का जाप करने के लिए सदेव शांत एवं स्वच्छ जगह का ही चुनाव करे, हो सके तो लकड़ी के या सूत के कपडे का आसन बना ले तथा उस पर बैठ के ही ॐ मंत्रोच्चारण करे।
How To Chant Om |
3.
ॐ मन्त्र का जाप खुली जगह,
मैदान प्रदेश, नदी या सागर के किनारे करना
अच्छा माना जाता है इन जगहों पर आप मंत्रोच्चारण, उच्च स्वर
में तथा निरंतर कर सकते है। यदि आप ॐ मन्त्र का जाप घर पर ही करना चाहते है तो
मन्त्र का उच्चारण धीमें स्वर में या फिर मन में ही करे क्यों की, ॐ मन्त्र के कंम्पन से उत्पन्न होने वाली परावर्तित ध्वनि की आवृत्ति
अद्याधिक होती है, यह आवृत्ति आपको हानि भी पहोचा सकती है।
4.
ॐ मन्त्र का उच्चारण आप पद्मासन,
अर्धपद्मासन, वज्रासन या सुखासन में कर सकते
है, कदापि सोते हुए इस मन्त्र का जाप ना करे, यदि आप असमर्थ है या आसन लगाना संभव ना हो तो आप खड़े खड़े या कुर्सी पर बैठ
कर नमस्कार करते हुए इस मन्त्र का जाप करे।
5.
ॐ मन्त्र के जाप के समय पर आप, अपने श्वास-उच्छवास की क्रिया पर ध्यान केन्द्रित करे सांस पर नियंत्रण
बनाये रखे, मन्त्र के उच्चारण के समय पर सांस लंबी तथा गहरी
ले, सांस भर जाने पर जाप का प्रारम्भ करे तथा ॐ की ध्वनि को
लम्बा खिचे।
6.
ॐ मन्त्र का जाप हेतु जपमालाका प्रयोग कर सकते है, नित्य जप के लिए 27, 54
या 108 मणियों की जपमाला का प्रयोग करे।
7.
यदि आपको कोई रोग है तो ॐ के उच्छारण को लम्बा खींचे एवं अनुभव करे की ॐ की ध्वनि
आपके रोग तक जा रही है तथा यह ध्वनि कंम्पन के माध्यम से औषध का कार्य करते हुए
आपके कष्टों का निवारण कर रही है।
8.
ॐ मन्त्र का यथाशक्ति उच्चारण करे तथा उच्चारण सम्पूर्ण होने के पश्चात कुछ देर
योग मुद्रा में ध्यान लगाये तथा विश्राम करे।
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धन्यवाद् ......!
Shlok Vinod Pandey
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