21 March 2020

चैत्र नवरात्र कब से चालू है 2020 Chaitra Navratri kab se Start hai 2020 में नवरात्रि कितनी तारीख को है

चैत्र नवरात्र कब से चालू है 2020 Chaitra Navratri kab se Start hai 2020 में नवरात्रि कितनी तारीख को है #Navratri

chaitra navratri kab se start hai
Chaitra Navratri
मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे।

जय माता दी
जय श्री कालका माँ

इस विडियो मे हम आपको बताएँगे-
१-  चैत्र नवरात्रि कब से प्रारम्भ हैं?
२-  चैत्र नवरात्रि के महत्वपूर्ण मुहूर्त
३-  चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
४-  नौ देवियो की पूजा नौ तिथि के अनुसार
५-  नौ दिवस के नौ भोग (प्रसाद)
६-  नौ दिनों के लिए नौ शुभ रंग
७-  चैत्र नवरात्री का महत्व
८-  नवरात्रि के कुछ विशेष नियम

नवरात्र हिन्दुओं का एक पवित्र त्यौहार हैं। नवरात्र की पूजा नौ दिनों तक चलती हैं तथा इन दिनों में माता के नौ रुपों की पूजा की जाती हैं।

चैत्र नवरात्रि कब से प्रारम्भ हैं?

इस वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 24 मार्च, मंगलवार की दोपहर 02 बजकर 57 मिनिट से प्रारम्भ हो कर, 25 मार्च, बुधवार की साँय 05 बजकर 26 मिनिट तक व्याप्त रहेगी।

अतः इस वर्ष 2020 में चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 25 मार्च, बुधवार के शुभ दिवस से हो रहा हैं। तथा यह नवरात्र 02 अप्रैल, गुरुवार तक रहेंगे।

प्रारंभ:- 25 मार्च 2020, बुधवार
समापन:- 02 अप्रैल 2020, गुरुवार

नवरात्र के प्रथम दिन अर्थात 25 मार्च, बुधवार के दिन को माता दुर्गाजी के प्रथम स्वरूप माँ शैलपुत्री की पूजा होगी। पार्वती तथा हेमवती भी माँ शैलपुत्री के अन्य नाम हैं।

इस वर्ष 2020 में देवी दुर्गा माताजी का आगमन नाव पर होगा तथा उनका प्रस्थान मनुष्य की सवारी पर होगा।

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना (कलश स्थापना) मुहूर्त

इस वर्ष, चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, 25 मार्च, बुधवार की प्रातः 06 बजकर 27 मिनिट से 07 बजकर 26 मिनिट तक लाभ तथा अमृत योग में रहेगा। यदि इस समय आप कलश स्थापना करेंगे तो यह अति शुभ फलदायक सिद्ध होगा।


चैत्र नवरात्रि के महत्वपूर्ण मुहूर्त- 25 मार्च 2020

अभिजीत मुहूर्त:- नहीं हैं
राहुकाल:- 12:33-14:04
सूर्योदय:- 06:29 सूर्यास्त:- 18:36
चन्द्रोदय:- 07:07 चन्द्रास्त:- 19:33

नौ देवियो की पूजा नौ तिथि के अनुसार

नवरात्र की पूजा नौ दिनों तक चलती हैं, तथा इन नौ दिनों में माताजी के नौ भिन्न-भिन्न स्वरुपों की पूजा की जाती हैं।

25 मार्च, बुधवार (पहला दिन):- घट स्थापन,चंद्र दर्शन, नववर्ष, गुड़ी पड़वा, उगादी तथा माँ शैलपुत्री की पूजा
26 मार्च, गुरुवार (दूसरा दिन):- सिन्धारा दूज तथा माता ब्रह्राचारिणी की पूजा
27 मार्च, शुक्रवार (तीसरा दिन):- गौरी तीज,सौभाग्य तीज तथा माँ चन्द्रघंटा की पूजा
28 मार्च, शनिवार (चौथा दिन):- वरद विनायक चौथ तथा माँ कूष्मांडा की पूजा
29 मार्च, रविवार (पाँचवाँ दिन):- लक्ष्मी पंचमी, नाग पूजा तथा माँ स्कंदमाता की पूजा
30 मार्च, सोमवार (छटा दिन):- यमुना छठ, स्कन्द षष्ठी तथा माता कात्यायनी की पूजा
31 मार्च, मंगलवार (सातवाँ दिन):- महा सप्तमी तथा माता कालरात्रि की पूजा
01 अप्रैल, बुधवार (आठवाँ दिन):- दुर्गा अष्टमी, अन्नपूर्णा अष्टमी, सन्धि पूजा तथा माँ महागौरी की पूजा
02 अप्रैल, गुरुवार (नौवाँ दिन):- नवरात्रि का अंतिम दिन, राम नवमी तथा माँ सिद्धिदात्रि की पूजा   03 अप्रैल, शुक्रवार (दसवाँ दिन):- नवरात्रि व्रत पारण

नौ दिवस के नौ भोग (प्रसाद)

जिस प्रकार नवरात्रि के नौ दिन, मां दुर्गा के भिन्न-भिन्न रूपों की पूजा की जाती है, उसी प्रकार नवरात्रि के नौ दिनों में माता को प्रत्येक दिन के अनुसार नौ भोग या प्रसाद अर्पित करने से माता जी प्रत्येक प्रकार की समस्याओं का नाश कर देती हैं।
25 मार्च, बुधवार (पहला दिन):- केले
26 मार्च, गुरुवार (दूसरा दिन):- देसी घी (गाय के दूध से बने)
27 मार्च, शुक्रवार (तीसरा दिन):- नमकीन मक्खन
28 मार्च, शनिवार (चौथा दिन):- मिश्री
29 मार्च, रविवार (पाँचवाँ दिन):- खीर या दूध
30 मार्च, सोमवार (छटा दिन):- माल-पोआ
31 मार्च, मंगलवार (सातवाँ दिन):- शहद
01 अप्रैल, बुधवार (आठवाँ दिन):- गुड़ या नारियल
02 अप्रैल, गुरुवार (नौवाँ दिन):- धान का हलवा

नौ दिनों के लिए नौ शुभ रंग

शुभकामना के लिए तथा प्रसंता के लिए, नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान लोग नौ भिन्न-भिन्न रंग पहने जाते हैं।
25 मार्च, बुधवार (पहला दिन):- हरा
26 मार्च, गुरुवार (दूसरा दिन):- नीला
27 मार्च, शुक्रवार (तीसरा दिन):- लाल
28 मार्च, शनिवार (चौथा दिन):- नारंगी
29 मार्च, रविवार (पाँचवाँ दिन):- पीला
30 मार्च, सोमवार (छटा दिन):- नीला
31 मार्च, मंगलवार (सातवाँ दिन):- बैंगनी रंग
01 अप्रैल, बुधवार (आठवाँ दिन):- गुलाबी
02 अप्रैल, गुरुवार (नौवाँ दिन):- सुनहरा रंग

चैत्र नवरात्री का महत्व

यह माना जाता हैं कि यदि भक्त बिना किसी इच्छा की पूर्ति के लिए महादुर्गा की पूजा करते हैं, तो वे मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर कर मोक्ष प्राप्त करते हैं।

नवरात्रि के कुछ विशेष नियम

नवरात्रि के नौ पावन दिनो के दौरान कुछ विशेष नियमो का पालन अवश्य करना चाहिए, जो की इस प्रकार हैं।
        1- चैत्र नवरात्रि समारोह का प्रतीक प्रार्थना तथा उपवास माना जाता हैं।
2- त्योहार के आरंभ होने से पूर्व, अपने घर में देवी माँ का स्वागत करने के लिए घर की साफ-सफाई अच्छे से करनी चाहिए।
3- नवरात्रि के दौरान सात्विक जीवन व्यतीत करना चाहिए।
4- नवरात्रि के दौरान भूमि शयन करना चाहिए।
5- नवरात्रि के दौरान सात्त्विक आहार ग्रहण करना चाहिए।
6- नवरात्रि के उपवास करते वक्त सात्विक भोजन जैसे कि आलू, कुट्टू का आटा, दही, फल, आदि खाना चाहिए।
7- नवरात्रि के दौरान, भोजन में सख्त समय का अनुशासन बनाए रखना चाहिए।

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