शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय shanidev ko kaise prasann kare
shanidev ko kaise prasann kare |
सनातन हिन्दु पंचांग में नये चन्द्रमा
के दिवस को अमावस्या कहते हैं। यह एक महत्वपूर्ण दिवस होता हैं क्योंकि कई धार्मिक
कृत्य केवल अमावस्या तिथि के दिवस ही किये जाते हैं।
अमावस्या जब सोमवार के दिवस आती हैं तो
उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं तथा अमावस्या जब शनिवार के दिवस आती हैं तो उसे शनि
अमावस्या कहते हैं।
पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए
अमावस्या के समस्त दिवस श्राद्ध की रस्मों को करने के लिए उपयुक्त हैं। कालसर्प
दोष निवारण की पूजा करने के लिए भी अमावस्या का दिवस उपयुक्त होता हैं।
• इस दिवस पीपल के पेड़ पर सात प्रकार
का अनाज चढ़ाएं तथा सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
• तिल से बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें।
• उड़द दाल की खिचड़ी दरिद्रनारायण को
दान करें।
• अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम तथा
8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें।
• शनि यंत्र, शनि
लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें।
• इस दिवस नीलम या कटैला रत्न धारण
करें। जो फल प्रदान करता हैं।
• काले रंग का श्वान को भोजन दे।अगर हो
सके इस दिवस से पालें तथा उसकी सेवा करें। अत्यंत ही फायदेमंद साबित होगा।
💥पवित्र
नदी के जल से या नदी में स्नान कर शनिदेव का आवाहन तथा उनके दर्शन करे।
💥श्री
शनिदेव का आह्वान करने के लिए हाथ में नीले पुष्प, बेल पत्र,
अक्षत व जल लेकर इस मंत्र अदभुद वैदिक मंत्र का जाप करते हुए
प्रार्थना करें-
"ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं
यमाग्रजम्।
छायार्मात्ताण्डसंभूतं तं नमामि
शनैश्चरम्"।।
🌿ह्रीं
बीजमय, नीलांजन सदृश आभा वाले, रविपुत्र,
यम के अग्रज, छाया मार्तण्ड स्वरूप उन शनि को
मैं प्रणाम करता हूं तथा मैं आपका आह्वान करता हूँ॥
🔥शनि
अमावस्या के दिवस प्रात: जल में चीनी एवं काला तिल मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित
करके सात परिक्रमा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
🔥शनिदेव को
प्रसन्न करने का सबसे अनुकूल मंत्र हैं --
"ॐ शं शनैश्चराय नम:।"
इस मंत्र की एक माला का जाप अवश्य करें इस दिवस आप श्री शनिदेव के दर्शन जरूर करें।
🔥शनिदेव की
दशा में अनुकूल फल प्राप्ति कराने वाला मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं शं शनैश्चराय नम:
🔥शनि
अमावस्या के दिवस संध्या के समय पीपल के पेड़ पर सप्तधान / सात प्रकार का अनाज
चढ़ाएं तथा सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं, इससे कुंडली
के ग्रहो के अशुभ फलो में कमी आती हैं। जीवन से अस्थिरताएँ दूर होती हैं।
🔥शनि
अमावस्या के दिवस बरगद के पेड की जड में गाय का कच्चा दूध चढाकर उस मिट्टी से तिलक
करें। अवश्य धन प्राप्ति होगी।
🔥उड़द की
दाल की काला नमक डाल कर खिचड़ी बनाकर संध्या के समय शनि मंदिर में जाकर भगवान शनिदेव
का भोग लगाएं फिर इसे प्रसाद के रूप में बाँट दें तथा स्वयं भी प्रसाद के रूप में
ग्रहण करें।
🔥शनिवार के
दिवस काले उड़द की दाल की खिचड़ी काला नमक डाल कर खाएं इससे भी शनि दोष के कारण
होने वाले कष्टों में कमी आती हैं।
🔥इस दिवस
मनुष्य को सरसों का तेल, उडद, काला तिल,
देसी चना, कुलथी, गुड
शनियंत्र तथा शनि संबंधी समस्त पूजा सामग्री अपने ऊपर वार कर शनिदेव के चरणों में
चढाकर शनिदेव का तैलाभिषेक करना चाहिए।
🔥शनिश्चरी
अमावस्या को सुबह या शाम शनि चालीसा का पाठ या हनुमान चालीसा , बजरंग बाण का पाठ करें।
🔥तिल से
बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें तथा
पक्षियों को खिलाएं
।
🔥उड़द दाल
की खिचड़ी दरिद्रनारायण को दान करें।
🔥अमावस्या
की रात्रि में 8 बादाम तथा 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में
रखें। इससे आर्थिक संकट दूर होते हैं नौकरी, व्यापार में
धनलाभ, सफलता की प्राप्ति होती हैं।
🔥शनि
अमावस्या के दिवस संपूर्ण श्रद्धा भाव से पवित्र करके घोडे की नाल या नाव की पेंदी
की कील का छल्ला मध्यमा अंगुली में धारण करें।
🔥शनि
अमावस्या के दिवस 108 बेलपत्र की माला भगवान शिव के शिवलिंग पर चढाए। साथ ही अपने
गले में गौरी शंकर रुद्राक्ष 7 दानें लाल धागें में धारण करें।
🔥जिनके ऊपर
शनि की अशुभ दशा हो ऐसे जातक को मांस , मदिरा, बीडी- सिगरेट नशीला पदार्थ आदि का सेवन न करे।
No comments:
Post a Comment