अमावस्या पर देवताओं तथा पितरों की पूर्ण कृपा प्राप्त करें 🙏 amavasya par pitra dosh ke upay
pitra dosh ke upay |
🔔हिन्दु
धर्म शास्त्रो के अनुसार मनुष्य पर मुख्य रूप से तीन प्रकार के ऋण होते हैं- देव ऋण,
ऋषि ऋण एवं पितृ ऋण। इनमें पितृ ऋण को सबसे प्रमुख माना गया हैं।
पितृ ऋण में पिता के अतिरिक्त माता तथा परिवार के वह समस्त दिवंगत सदस्य जो पितरों
में शामिल हो गए हैं वह समस्त पितृ ऋण में आते हैं।पितृ ऋण से मुक्ति के लिए ,
पितरों की तृप्ति के लिए, उनकी कृपा प्राप्त
करने के लिए प्रत्येक अमावस्या पर कुछ उपाय अवश्य ही
करने चाहिए।
⧴🚩शास्त्रों
के अनुसार अमावस्या की रात में इन पाँच स्थानों में तेल
का दीपक जलाने से दैवीय कृपा प्राप्त होती हैं, माँ लक्ष्मी
का स्थाई निवास होता हैं। ⧴
🚩 हिंदू
धर्म में तुलसी को सर्वाधिक पवित्र तथा माता स्वरुप माना जाता हैं। सामान्यता
समस्त हिन्दु परिवारों में तुलसी अवश्य ही मिलती हैं, तुलसी
माँ को घर-घर में पूजा जाता हैं। भगवान श्री विष्णु तथा उनके समस्त अवतारों को
तुलसी के बिना भोग सम्पूर्ण ही नहीं समझा जाता हैं। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या
की रात में तुलसी के निकट एक दीपक अवश्य ही जलाना चाहिए। इससे भगवान विष्णु अति
प्रसन्न होते हैं एवं माँ लक्ष्मी भी उस घर को कभी भी छोड़ कर नहीं जाती हैं।
🚩हिन्दु
धर्म शास्त्रों एवं वास्तु के अनुसार घर के मुख्य द्वार को अत्यंत साफ तथा सजा कर
रखना चाहिए, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा रहती हैं।
शास्त्रों के अनुसार अमावस्या की रात में घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर एक एक
दीपक अवश्य ही जलाएं, इससे घर में प्रेम, हर्ष - उल्लास तथा ऊर्जा का वातावरण बनता हैं, माँ
लक्ष्मी की असीम कृपा बनती हैं।
🚩शास्त्रों
के अनुसार अमावस्या की रात में घर की छत पर भी एक दीपक अवश्य ही जलाएं इससे घर से
नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती हैं, घर में किसी भी अशुभ शक्तियों
का प्रवेश नहीं होता हैं।अमावस की रात में घर की छत पर दीपक जलाने से माँ लक्ष्मी
की सदैव कृपा बनी रहती हैं।
🚩अमावस्या
की रात्रि को सर्वत्र गहन अंधकार होता हैं। अमावस्या की गहन अँधेरी रात को घर के
मंदिर में भी एक दीपक अवश्य ही जलाएं, इससे हमें अपने इष्ट
देवता, कुल देवता तथा समस्त देवताओं की पूर्ण कृपा प्राप्त
होती हैं घर धन धान्य से भरा रहता हैं🚩
🙏🙏पीपल
पर देवताओं तथा पितरों दोनों का वास माना गया हैं। अमावस्या की रात को पीपल के
नीचे एक दीपक अवश्य ही जलाना चाहिए इससे शनि, राहु - केतु का
प्रकोप शान्त होता हैं, कुंडली के ग्रहों के शुभ फल मिलते हैं
एवं पितरों की भी पूर्ण कृपा मिलती हैं। यदि पीपल का पेड़ किसी मंदिर में हो तो तथा
भी उत्तम हैं। 👆🏆🔥🔔🚩🙏
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🙏पितरों को
अमावस, का देवता माना गया हैं। शास्त्रों के अनुसार हर
अमावस्या के दिवस पितृ अपने घर अपने वंशजो के पास आते हैं तथा उनसे अपने निमित
धर्म - कर्म, दान - पुण्य की आशा करते हैं। यदि हम उनके
निमित अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं तो वह प्रसन्न होते हैं तथा हमें उनका
आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।
यदि आपके पितृ देवता प्रसन्न होंगे तभी
आपको अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त हो सकती हैं। पितरों की कृपा के बिना
कठिन परिश्रम के बाद भी जीवन में अस्थिरता रहती हैं, मेहनत
के उचित फल प्राप्त नहीं होती हैं।
🏆हर अमावस
के दिवस एक ब्राह्मण को अपने घर पर बुलाकर प्रेम पूर्वक भोजन अवश्य ही कराएं। इससे
आपके पितर सदैव प्रसन्न रहेंगे, आपके कार्यों में अड़चने
नहीं आएँगी, घर में धन की कोई भी कमी नहीं रहेंगी तथा आपका
घर - परिवार को टोने-टोटको के अशुभ प्रभाव से भी बचा रहेगा।
🏆हर अमावस्या
पर पितरों का तर्पण अवश्य ही करना चाहिए। तर्पण करते समय एक पीतल के
बर्तन में जल में गंगाजल , कच्चा दूध, तिल,
जौ, तुलसी के पत्ते, दूब,
शहद तथा सफेद फूल आदि डाल कर पितरों का तर्पण करना चाहिए। तर्पण,
में तिल तथा कुशा सहित जल हाथ में लेकर दक्षिण दिशा की तरफ मुँह
करके तीन बार तपरान्तयामि, तपरान्तयामि, तपरान्तयामि कहकर पितृ तीर्थ यानी अंगूठे की ओर जलांजलि देते हुए जल को
धरती में किसी बर्तन में छोड़ने से पितरों को तृप्ति मिलती हैं। ध्यान रहे तर्पण
का जल तर्पण के बाद किसी वृक्ष की जड़ में चड़ा देना चाहिए वह जल इधर उधर बहाना
नहीं चाहिए।
🏆पितृ दोष निवारण के लिये यदि कोई जातक अमावस्या के दिवस पीपल के पेड़ पर जल में दूध,
गंगाजल, काले तिल, चीनी,
चावल मिलाकर सींचते हुए पुष्प, जनेऊ अर्पित
करते हुये “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाएं नमः" मंत्र का जाप
करते हुये 7 बार परिक्रमा करे।
तत्पश्चात् ॐ पितृभ्यः नमः मंत्र का जप
करते हुए अपने अपराधों एवं त्रुटियों के लिये क्षमा मांगे तो पितृ दोष से उत्पन्न
समस्त समस्याओं का निवारण हो जाता हैं। पितर प्रसन्न होते हैं एवं उनका पूर्ण
आशीर्वाद भी प्राप्त होता हैं।
तथा अगर सोमवती अमावस्या हो तो पीपल की
108 बार परिक्रमा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं।
🏆शास्त्रो
के अनुसार प्रत्येक अमावस्या को पित्तर अपने घर पर आते हैं अतः इस दिवस हर जातक को
यथाशक्ति उनके नाम से दान करना चाहिए। इस दिवस बबूल के पेड़ पर संध्या के समय
पितरों के निमित्त भोजन रखने से भी पित्तर प्रसन्न होते हैं।
⧴🏆पितरों को
खीर अत्यंत पसंद होती हैं इसलिए प्रत्येक माह की अमावस्या को खीर बनाकर ब्राह्मण
को भोजन के साथ खिलाने पर महान पुण्य की प्राप्ति होती हैं, जीवन
से अस्थिरताएँ दूर होती हैं। इस दिवस संध्या के समय पितरों के निमित थोड़ी खीर
पीपल के नीचे भी रखनी चाहिए। ⧴
🏆प्रत्येक
अमावस्या को गाय को पांच फल भी नियमपूर्वक खिलाने चाहिए, इससे
घर में शुभता एवं हर्ष का वातावरण बना रहता हैं। तथा पितरो का पूर्ण आशीर्वाद भी
प्राप्त होता हैं।
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