निंद्रा के समय का श्लोक - मंत्र
राम स्कन्धं हनुमतं ।
वैनतेयं वृकोदरम् ॥
शयनेय स्मरनित्यम् ।
दुस्वप्नम् तस्यनस्यति ॥
भावार्थः :-
हम प्रतिरात्रि भगवान श्री हनुमान जी, गरुड़ भगवान एवं वीर भीम जी को याद करते है कि वे हमें रात्रि में आने वाले ख़राब सपनो से हमारी रक्षा करे ।
श्लोक का महत्व :-
आम तौर पर आरामदायक निंद्रा , अच्छे सपने और अच्छी रात्रि के लिए यह मंत्र पढ़ना चहिये। यह श्लोक रात्रि में कभी अशुभ स्वप्न नहीं आने देता ।
जिसके फलस्वरूप हमारी सामान्य जीवनचर्या और सभी काम बहुत ही आसानी से और सफलतापूर्ण पूरे होते है ।
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