शरद पूर्णिमा करे यह सरल उपाय जो आपको #धनवान
बना देंगा | शरद पूर्णिमा की रात का महत्व क्या हैं?
शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा की रात्रि
को शरद पूर्णिमा कहा जाता हैं। नारदपुराण के अनुसार शरद पूर्णिमा की मध्यरात्रि मां लक्ष्मी अपने कर-कमलों में वर तथा अभय
लिए संसार में विचरती हैं। इस दिन वह अपने जागते
हुए भक्तों को धन-वैभव का आशीष देती हैं। भगवान् श्रीकृष्ण ने इस रात महारास रचाया
था। ज्योतिष शास्त्रके अनुसार, सम्पुर्ण वर्ष में
केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है तथा पृथ्वी के सबसे समीप भी
होता है। इस दिन को कोजागर व्रत तथा कौमुदी व्रत भी कहते हैं। कोजागर शब्द संस्कृत
भाषा के ‘कौ जाग्रति’ शब्द से बना है जिसका भावार्थ होता है की, ‘कौन जाग रहा है’। जो लोग शरद पूर्णिमा के दिन रात में जाग रहे होते हैं उन्हें
देवी लक्ष्मी धन प्रदान करती है। मान्यता है इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत की
बारिश होती है।
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे शरद पूर्णिमा पर किये जाने वाले कुछ सरल किन्तु
अत्यंत चमत्कारी उपाय जिन्हें करने से माँ लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होते है तथा इस
लोक में तो समृद्धि देती ही हैं तथा शरीर का अंत होने पर परलोक में भी सद्गति
प्रदान करती हैं।
1- शरद पूर्णिमा पर पूजा, मंत्र, भक्ति,
उपवास, व्रत आदि करने से शरीर तंदुरुस्त,
मन प्रसन्न तथा बुद्धि आलोकित होती है।
2- इस रात सूई में धागा पिरोने का
अभ्यास करने से नेत्रज्योति बढ़ती है।
3- इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करनी
चाहिए। शाम के समय चन्द्रोदय होने पर चांदी, सोने या मिट्टी के दीपक जलाने चाहिए।
4- लंकाधिपति रावण शरद पूर्णिमा की रात
किरणों को दर्पण के माध्यम से अपनी नाभि पर ग्रहण करता था। इस प्रक्रिया से उसे
पुनर्योवन शक्ति प्राप्त होती थी।
5- इस दिन घी तथा चीनी से बनी खीर
बनाकर अनेक पात्रों में डालकर रात भर चाँदनी में रखने का विधान है। जब रात्रि का प्रथम
पहर बीत जाए तो यह भोग लक्ष्मी जी को अर्पित कर देना चाहिए।
Shlok Vinod Pandey
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