लाभ पंचमी 2017 | लाभ पंचमी पूजन तथा पूजा मंत्र | Labh Pancham Puja Vidhi in Hindi
लाभ पंचमी के शुभ दिवस पर विशेष मंत्र जाप द्वारा भगवान श्री गणेश तथा भगवान शिव
का आवाहन किया जाता हैं, जिससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है तथा कार्यक्षेत्र, नौकरी तथा व्यवसाय
में समृद्धि प्राप्त होती है।
दोस्तों, आज हम आपको बताएँगे, लाभ पंचमी पूजन तथा भगवान श्री गणेश तथा भगवान शिव का पूजा मंत्र
गुजरात राज्य में अधिकतर
दुकान मालिकों तथा व्यापारियों द्वारा दिवाली उत्सव के पश्यात लाभ पंचमी पर अपनी व्यावसायिक
गतिविधियों को दोबारा से शुरू किया जाता है। दिवाली के अगले दिवस ही गुजराती नववर्ष मनाया जाता है। अतः गुजरात में, 4 दिनों की छुट्टी के पश्यात, लाभ पंचमी नववर्ष का प्रथम कामकाजी
दिवस माना जाता है। इस दिवस व्यापारि गण, नया बही-खाता भी प्रारंभ
करते है जिसकी बाईं ओर शुभ तथा दाईं ओर लाभ लिखा जाता है तथा प्रथम पृष्ठ के केंद्र में एक स्वास्तिक को रेखांकित किया
जाता हैं।
लाभ पंचमी पूजन विधि
लाभ पंचमी पूजन के दिवस सुबह स्नान इत्यादि से निवृत होकर सूर्य को जलाभिषेक करने
का नियम है। उसके पश्यात शुभ मुहूर्त में भगवान शिव व भगवान् गणेश जी की प्रतिमाओं
या मूर्ति को स्थापित किया जाता है। श्री गणेश जी को सुपारी पर मौली लपेटकर चावल के
अष्टदल पर विराजित किया जाता है। भगवान गणेश जी को चंदन, सिंदूर, अक्षत, फूल, दूर्वा से पूजन
करना चाहिए तथा भगवान भोलेनाथ को भस्म, बिल्वपत्र, धतुरा, सफेद वस्त्र अर्पित कर पूजन किया जाता है तथा उसके पश्यात गणेश को मोदक व शिव को
दूध के सफेद पकवानों का भोग लगाया जाता है।
श्री गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए यह मन्त्र का जाप करना चाहिए।
गणेश मंत्र –
लम्बोदरं महाकायं गजवक्त्रं चतुर्भुजम्।
आवाहयाम्यहं देवं गणेशं सिद्धिदायकम्।।
भगवान् शिव जी को प्रसन्न करने के लिए यह मन्त्र का जाप करना चाहिए।
शिव मंत्र –
त्रिनेत्राय नमस्तुभ्यं उमादेहार्धधारिणे।
त्रिशूलधारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नम:।।
भगवान श्रीगणेश तथा महादेव की विधिवत पूजा अर्चना करने से घर-परिवार में सुख समृद्धि
की प्राप्ति होती है तथा व्यापार में सफलता प्राप्त होती हैं।
Shlok Vinod Pandey
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