05 November 2018

धनतेरस 2018 | धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त | Dhanteras Pujan Muhurat 2018 | Auspicious Time of Dhanteras

धनतेरस 2018 | धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त | Dhanteras Pujan Muhurat 2018 | Auspicious Time of Dhanteras

Auspicious Time of dhanteras
dhanteras puja muhurat 2018
 
शुभम करोति कल्याणम,
अरोग्यम धन संपदा,
शत्रु-बुद्धि विनाशायः,
दीपःज्योति नमोस्तुते ॥
आप सभी को सपरिवार दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपके जीवन को दीपावली का दीपोत्सव सुख, समृद्धि, सौहार्द, शांति तथा अपार खुशियों की रोशनी से जग-मग करें।
यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये
धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। अतः इस दिन को धनतेरस के नाम से जाना जाता हैं। धन तेरस की पूजा शुभ मुहुर्त में करना श्रेष्ट माना गया हैं। पांच दिनों तक चलने वाले महापर्व दीपावली का प्रारंभ धनतेरस के त्यौहार से होता हैं। धनतेरस सुख, धन तथा समृद्धि का त्योहार माना जाता हैं। इस दिन चिकित्सा के  देवता 'धन्वंतरि' की पूजा की जाती हैं तथा अच्छे स्वास्थ्य की भी कामना की जाती हैं। स्कन्द पुराण के अनुसार देवताओं तथा राक्षसों के बीच समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु देवताओं को अमर करने हेतु 'भगवान धन्वंतरि' के रूप में प्रकट होकर कलश में अमृत लेकर समुद्र से निकले थे। अतः 'भगवान धन्वंतरि' की पूजा करने से माता लक्ष्मी जी भी अति प्रसन्न होती हैं। भगवान धनवंतरी की चार भुजाएं हैं, जिनमें से दो भुजाओं में वे शंख तथा चक्र धारण किए हुए हैं तथा दूसरी दो भुजाओं में औषधि के साथ अमृत का कलश धारण किए हुए हैं। समुद्र मंथन के समय अत्यंत दुर्लभ तथा कीमती वस्तुओं के अलावा शरद पूर्णिमा का चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी के दिन कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धनवंतरी तथा कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को भगवती माँ लक्ष्मी जी का समुद्र से अवतरण हुआ था। धनतेरस के दिन लक्ष्मीमाँ की पूजा प्रदोष काल के समय करनी श्रेष्ठ मानी गई हैं, प्रदोष काल सूर्यास्त के पश्चात प्रारम्भ होता हैं तथा 2 घण्टे 22 मिनट तक व्याप्त रहता हैं। धनतेरस के दिन चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता हैं क्योंकि चांदी, चंद्रमा का प्रतीक माना जाता हैं तथा चन्द्रमा शीतलता का प्रतिक हैं, अतः चांदी खरीदने से मन में संतोष रूपी धन का वास होता हैं अतः जिसके पास संतोष हैं वह व्यक्ति स्वस्थ, सुखी तथा धनवान हैं। ऐसा माना जाता हैं कि पीतल भगवान धनवंतरी की प्रिय धातु हैं क्योकि अमृत का कलश पीतल का बना हुआ था। अतः धनतेरस के दिन पीतल खरीदना भी शुभ माना गया हैं। मान्यता हैं कि इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु शुभ फल प्रदान करती हैं तथा लंबे समय तक कार्यरत रहती हैं तथा शुभ एवं मंगलदायक फल प्रदान करती हैं। मान्यता यह भी हैं की, इस दिन सूखे धनिया के बीज खरीद कर घर में रखना भी परिवार की धन संपदा में वृ्द्धि करता हैं। धनतेरस के पर्व पर देवी लक्ष्मी जी तथा धन के देवता कुबेर के पूजन की परम्परा के साथ साथ देवता यम को दीपदान करके पूजा करने का भी विधान हैं। माना जाता हैं की धनतेरस के त्यौहार पर यमदेव की पूजा करने से घर में असमय मृत्यु का भय नष्ट हो जाता हैं। अतः यमदेव की पूजा करने के पश्चात घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर मुख वाला एक दीपक पूरी रात्रि जलाना चाहिए।

इस वर्ष 2018 में, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 04 नवम्बर, रविवार की मध्यरात्री 01 बजकर 24 मिनिट से प्रारम्भ हो कर, 05 नवम्बर, सोमवार की रात्री 11 बजकर 46 मिनिट तक व्याप्त रहेगी।
अतः इस वर्ष धनतेरस पूजा का त्योहार 05 नवम्बर, सोमवार के दिन मनाया जाएगा।
इस वर्ष 2018 में, धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त, 05 नवम्बर, सोमवार की साँय 06 बजकर 08 से 07 बजकर 58 मिनिट तक का रहेगा।
इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से धन तथा स्वास्थ्य का लाभ होता हैं तथा व्यक्ति की आयु में वृद्धि होती हैं।

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