रक्षा बंधन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त कब है 2021 Raksha Bandhan Rakhi Bandhne ka Shubh Muhurat kab hai
Raksha Bandhan |
प्रदोष काल का मुहूर्त
भद्रा पूँछ
भद्रा मुख
भद्रा अन्त समय
रक्षाबन्धन मन्त्रः (Raksha
Bandhan Mantra)
येन बद्धो वली राजा दानवेन्द्रो महाबलः ।
तेन त्वा रक्षबध्नामी रक्षे माचल माचल ॥
Yen Baddho bali raja danvendro
mahabal,
ten twam RakshBadhnami rakshe
machalmachal.
The meaning of Raksha Mantra -
"I tie you with the same Raksha thread which tied the most powerful, the
king of courage, the king of demons, Bali. O Raksha (Raksha Sutra), please
don't move and keep fixed throughout the year."
🌷 रक्षाबंधन 🌷
➡ सर्वरोगोपशमनं सर्वाशुभविनाशनम् ।
सकृत्कृते नाब्दमेकं येन रक्षा कृता भवेत्।।
🙏🏻 इस पर्व पर धारण किया हुआ रक्षासूत्र सम्पूर्ण रोगों
तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है ।इसे वर्ष में एक बार धारण करने से वर्षभर मनुष्य रक्षित
हो जाता हैं। (भविष्य पुराण)
रक्षाबंधन का पर्व सनातन भारतवर्ष में मनाये जाने वाले पवित्र तथा प्रमुख
त्योहारों में से एक हैं। रक्षाबंधन का पर्व भाई व बहन के अतुल्य स्नेह के प्रतीक
के स्वरूप में भक्ति एवं उत्साह के साथ मनाया जाता हैं, जिसमें बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं साथ
ही अपने भाई की दिर्ध आयु के लिए प्रार्थना करती हैं तथा भाई अपनी बहनकी रक्षा
करने का वचन देता हैं। हिंदुओ में रक्षाबंधन का पर्व अत्यंत हर्षोल्लास के साथ,
धूमधाम से मनाया जाता हैं। साथ ही सिख,
जैन, तथा लगभग सभी भारतीय समुदायों में यह पर्व बिना किसी
रुकावट के तथा प्रेम-भाव के साथ मनाया जाता हैं। रक्षाबंधन के पर्व में रक्षा
सूत्र अर्थात “राखी” का सबसे अधिक विशेष महत्व होता हैं। माना
जाता हैं की “राखी” बहन का अपने भाई के प्रति स्नेह व आदर का
प्रतीक होती हैं। रक्षाबंधन का त्योहार सनातन हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास
के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं जो की अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अगस्त या
सितंबर के महीने में आता हैं। रक्षा बंधन के ठीक आठ दिन के पश्चात भगवान् श्री
कृष्ण का जन्मदिन अर्थात श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता हैं।
रक्षाबंधन के शुभ दिवस पर प्रत्येक जातक को चाहिए की वह रक्षा सूत्र को भगवान
शिव की प्रतिमा के समक्ष अर्पित कर 108 या उस से भी अधिक बार “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें या शिव के
पंचाक्षरी तथा अत्यंत प्रभावशाली मन्त्र “ॐ नमः शिवाय” का जप करें तथा उसके पश्चात
ही रक्षा सूत्र को अपने भाईयों की कलाई पर बांधे। ऐसा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा
दृष्टि प्राप्त होती हैं। क्योंकि श्रावण का पवित्र मास सम्पूर्ण प्रकार से भगवान भोलेनाथ
को समर्पित होता हैं।
रक्षाबन्धन का शुभ मुहूर्त 2021
इस वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त, शनिवार की साँय 07 बजकर
01 मिनिट से प्रारम्भ हो कर, 22
अगस्त, रविवार
की साँय 05 बजकर 31 मिनिट
तक व्याप्त रहेगी।
अतः इस वर्ष 2021 में
रक्षा-बंधन का पर्व 22 अगस्त,
रविवार के शुभ दिवस मनाया जाएगा।
इस वर्ष, रक्षाबंधन के
त्योहार पर राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त 22 अगस्त, रविवार की दोपहर 01 बजकर 47 से साँय 04 बजकर 18 मिनिट तक
का रहेगा।
यह भी ध्यान रहे की,
१. रक्षा
बन्धन के दिन भद्रा प्रातः 06 बजकर 16 मिनिट पर समाप्त हो जाने के कारण राखी
बांधने का शुभ मुहूर्त प्रातः 06 बजकर 16 मिनिट से साँय 05 बजकर 31 मिनिट तक, अर्थात पूर्णिमा तिथि के समाप्ति तक का
रहेगा।
२. वैदिक
मतानुसार अपराह्न का समय राखी बांधने के लिये सर्वाधिक उपयुक्त माना गया हैं,
जो कि हिन्दु समय गणना के अनुसार
दोपहर के पश्चात का समय होता हैं।
३. यदि
अपराह्न का समय भद्रा आदि के कारण उपयुक्त नहीं हैं तो, प्रदोष काल का समय भी रक्षा बन्धन
के संस्कार के लिये उपयुक्त माना गया हैं।
४. हिन्दु धार्मिक
मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक शुभ कार्यों हेतु भद्रा का त्याग किया जाना चाहिये।
अतः भद्रा का समय रक्षा बन्धन के लिये निषिद्ध माना गया हैं।
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