श्री अहोई अष्टमी व्रत की संध्या कालीन पुजा का शुभ मुहूर्त | Shri Ahoi Ashtami Puja Shubh Muhurat 2019
ahoi ashtami puja shubh muhurat 2019 |
करवा चौथ के
पश्चात, अहोई माता के
व्रत रूप में सम्पूर्ण उत्तरी भारत में एक प्रमुख त्यौहार मनाया जाता हैं। जैसे कि
करवा चौथ पति की दीर्घ आयु के लिए किया जाता हैं, उसी प्रकार
अहोई अष्टमी संतान की खुशहाली के लिए किया जाता हैं। अहोई अष्टमी के दिवस प्रत्येक संतानवती
महिलाएँ अपने संतान की भलाई तथा उसकी लम्बी आयु की कामना हेतु उषाकाल अर्थात
प्रातः सूर्योदय से प्रारम्भ कर गोधूलि बेला अर्थात संध्याकाल तक उपवास करती हैं।
करवा चौथ के समान अहोई अष्टमी का दिवस भी कठोर उपवास का दिवस होता हैं तथा बहुत सी
महिलाएँ सम्पूर्ण दिवस जल तक ग्रहण नहीं करती हैं। संध्याकाल में आकाश में तारों
का दर्शन करने के पश्चात ही यह व्रत तोड़ा जाता हैं। साथ में, यह भी देखा गया हैं की,
कई महिलाएँ चन्द्रमा के दर्शन करने के
पश्चात ही यह व्रत को तोड़ती हैं, किन्तु इसका अनुसरण करना अत्यंत कठिन होता हैं,
क्योंकि अहोई अष्टमी के दिवस रात में चन्द्रोदय अत्यंत देरी से होता हैं।
करवा चौथ के समान
अहोई अष्टमी का व्रत अधिकतर उत्तरी-भारत में अधिक प्रसिद्ध हैं। यह व्रत कार्तिक
मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिवस किया जाता हैं तथा अहोई अष्टमी व्रत का
दिवस करवा चौथ के चार दिवस पश्चात तथा दीवाली पूजा से आठ दिवस पूर्व आता हैं। साथ
ही, अङ्ग्रेज़ी कैलेंडर
के अनुसार यह व्रत अक्तूबर या नवम्बर के महीने में आता है। अहोई अष्टमी का दिवस
अहोई आठें के नाम से भी जाना जाता हैं क्योंकि यह व्रत अष्टमी तिथि,
जो कि महीने का आठवाँ दिवस होता हैं।
अहोई का अर्थ एक प्रकार से यह भी होता हैं की, "अनहोनी से बचाना"। अतः अहोई अष्टमी का पर्व
मुख्यतः अपनी संतान की लम्बी आयु की कामना तथा उसके रक्षण के लिये किया जाता हैं।
इस व्रत के विषय में एक ध्यान देने योग्य बात यह भी हैं कि इस व्रत को उसी वार को
किया जाता हैं, जिस वार को दिपावली हों।
अहोई अष्टमी व्रत के संध्या कालीन पुजा का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष कार्तिक
मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 21 अक्तूबर, सोमवार की
प्रातः 06 बजकर 44 मिनिट से प्रारम्भ हो कर, 22 अक्तूबर, मंगलवार की प्रातः 05 बजकर 25 मिनिट तक व्याप्त रहेगी।
अतः इस वर्ष 2019 में अहोई अष्टमी का व्रत 21 अक्तूबर, सोमवार के दिवस किया जाएगा।
इस वर्ष,
अहोई अष्टमी व्रत की संध्या
कालीन पुजा का शुभ मुहूर्त, 21 अक्तूबर, सोमवार
की संध्या 05 बजकर 51 मिनिट से 07 बजकर 04 मिनिट तक का रहेगा।
साथ ही तारों
को देखने का समय साँय 06 बजकर 11 मिनिट तथा
चन्द्रोदय मध्यरात्रि 11 बजकर 57 मिनिट के
पश्चात का होगा।
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