गणेश चतुर्थी
2018 | श्रीगणेश पूजा शुभमुहूर्त | वर्जित चन्द्र दर्शन समय | Ganesh Chaturthi 2018
Ganesh chaturthi 2018 | श्री गणेश
चतुर्थी | गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त | २०१८
गणेश चतुर्थी | श्रीगणेश
चतुर्थी पर वर्जित चन्द्र-दर्शन का समय | श्रीगणेश चतुर्थी 2018 में कब मनाई जाएगी | गणेश चतुर्थी पूजा शुभमुहूर्त
कब है | Date
and shubh muhurat | गणेश
पूजा की तारीख | ganesh chaturthi 2018 date in India | ganesh chaturthi 2018 in Maharashtra | ganesh
chaturthi 2018 in mumbai
गणेश
चतुर्थी 2018
सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्वकार्येषु सर्वदा॥
अर्थात
:-
हे टेढ़ी सूँड वाले, हे विशाल देह वाले,
करोड़ों सूर्यों के जैसे दीप्त भगवान,
मेरे प्रत्येक कार्य आपकी कृपा से
सदा निर्विघ्न रूप से पूर्ण हों।
श्रीगणेश
चतुर्थी का पावन पर्व सनातन हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। गणेश चतुर्थी
भारत के विभिन्न क्षेत्रो में श्रद्धा एवं पूर्ण विश्वास के साथ मनाई जाती है
किन्तु गुजरात तथा महाराष्ट्र में यह पर्व अत्यंत धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया
जाता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार यह मान्यता है कि भाद्रपद मास में शुक्ल
पक्ष की चतुर्थी अर्थात गणेश चतुर्थी के दिन भगवान् श्रीगणेश जी की उत्पत्ति हुई
थी अतः भगवानजी को यह तिथि अधिक प्रिय मानी गई है। गणेश चतुर्थी का उत्सव १० दिन
तक मनाया जाता हैं तथा अनन्त चतुर्दशी के दिन यह त्योहार गणेश विसर्जन करने से समाप्त
किया जाता है। श्रीगणेश चतुर्थी को पत्थर चौथ तथा कलंक चौथ के नाम भी जाना जाता
है। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था अतः
दोपहर का समय गणेश पूजा के लिये अधिक उपयुक्त माना जाता है। श्रीगणेश पूजा अपने
आपमें अत्यंत ही महत्वपूर्ण व कल्याणकारी मानी गई है। अतः गणेश महोत्सव के दिनो
में पूर्ण श्रद्धा से गणपतिजी की पूजा-अर्चना करने पर भगवानजी की विशेष कृपा-दृष्टि
प्राप्त होती हैं। चाहे वह किसी कार्य की सफलता हो अन्यथा किसी मानोकामनापूर्ति, जैसे
की, स्त्री, पुत्र-पौत्र, धन, समृद्धि आदि या आकस्मित
संकट मे पड़े हुए दुखों के निवारण हेतु श्रीगणेश पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है।
साथ ही यह भी ध्यान देना चाहिए की, शास्त्रों के अनुसार
गणेश उत्सव पर एक ऐसा, निश्चित समय भी आता है की जब
चन्द्र-दर्शन नहीं करना चाहिए, ऐसा करना अशुभ होता है। ऐसा
माना जाता है कि इस दिन चन्द्र के दर्शन करने से मिथ्या दोष अथवा मिथ्या कलंक प्राप्त
होता है, जिसके कारण व्यक्ति को चोरी का मिथ्या आरोप सहना पड़
सकता है।
आज हम आपको बताएँगे श्री
गणेश चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त तथा किस समय चन्द्र दर्शन करना वर्जित रहेगा।
श्रीगणेश चतुर्थी पूजा का शुभ-मुहूर्त
इस वर्ष 2018 में, भाद्रपद के शुक्लपक्ष
की चतुर्थी तिथि 12 सितंबर, बुधवार के दिन साय 04 बजकर 07 मिनिट से प्रारम्भ हो कर, 13 सितम्बर, गुरुवार के
दिन दोपहर 02 बजकर 51 मिनिट तक व्याप्त रहेगी।
अतः इस वर्ष 2018
में गणेश चतुर्थी की पूजा का त्योहार 13 सितम्बर, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा।
इस वर्ष 2018 में, गणेश चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त, 13 सितम्बर, गुरुवार के दिन, 11
बजकर 08 से दोपहर 01 बजकर 28 मिनिट तक का रहेगा।
अतः समस्त भक्त-गण को, इसी शुभ मुहूर्त में भगवानजी
को बुद्धि, समृद्धि तथा सौभाग्य के देवता
के रूप में मानते हुए, पूर्ण विधि-विधान से श्रीगणेश पूजा करनी
चाहिए।
श्रीगणेश चतुर्थी पर वर्जित चन्द्र-दर्शन का समय
12 सितंबर, बुधवार के दिन चन्द्र-दर्शन नहीं करने का समय
› साय 04 बजकर 02
मिनिट से रात्री 08 बजकर 44 मिनिट
13 सितम्बर, गुरुवार के दिन चन्द्र-दर्शन नहीं करने का समय
› सुबह 09 बजकर 28
मिनिट से रात्री 09 बजकर 26 मिनिट तक का रहेगा।
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