बहन को अवश्य दें यह 3 उपहार, कार्य
में प्राप्त होगी सफलता, होंगे लाभ | Raksha
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रक्षाबंधन का पर्व
सनातन भारतवर्ष में मनाये जाने वाले पवित्र तथा प्रमुख त्योहारों में से एक है।
रक्षाबंधन का पर्व भाई व बहन के अतुल्य स्नेह के प्रतीक के स्वरूप में भक्ति एवं
उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसमे बहन अपने भाई की
कलाई पर राखी बांधती है साथ ही अपने भाई की दिर्ध आयु के लिए प्रार्थना करती हैं, वही भाई अपनी बहनकी रक्षा करने का वचन देता है तथा अपनी बहन को प्यार के
साथ-साथ कई प्रकार के विभिन्न उपहार भी देता है। भाई तथा बहन के लिए रक्षाबंधन एक
महापर्व की जैसा ही माना गया है। हिंदुओ में रक्षाबंधन का पर्व अत्यंत हर्षोल्लास
के साथ, धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही सिख, जैन, तथा लगभग सभी भारतीय समुदायों में यह पर्व बिना
किसी रुकावट के तथा प्रेम-भाव के साथ मनाया जाता है। रक्षाबंधन के पर्व में रक्षा
सूत्र अर्थात “राखी” का सबसे अधिक
विशेष महत्व होता है। माना जाता है की “राखी” बहन का अपने भाई के प्रति स्नेह व आदर का प्रतीक होती है। रक्षाबंधन का
त्योहार सनातन हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता
है जो की अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार अगस्त या सितंबर के महीने में आता है। रक्षा
बंधन के ठीक आठ दिन के पश्चात भगवान् श्री कृष्ण का जन्मदिन अर्थात श्री कृष्ण
जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है।
दोस्तो आज हम आपको बताएँगे
वैदिक ग्रंथो में बताए गए ऐसे तीन ऐसे तीन उपहारो के बारे में , जो घर की महिलाओं को देने से घर में शांति तथा उन्नति बनी रहती है। तथा आपको
लाभ प्राप्त होता है एवं सभी कार्यो में सफलता निश्चित प्राप्त होती है।
सर्वप्रथम हम आपको एक श्लोक
तथा उसका भावार्थ बताते है-
यत्र नार्यस्तु
पूज्यन्ते,
रमन्ते तत्र देवताः ।
यत्रैतास्तु न
पूज्यन्ते,
सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।।
(मनुस्मृति अध्याय ३, श्लोक ५६) (अथर्ववेद)
- जहाँ स्त्रीजाति का
आदर-सम्मान होता है, उनकी आवश्यकताओं तथा अपेक्षाओं
की निरंतर पूर्ति होती है, नारियों कि पूजा होती है, अर्थात सत्कार होता हैं, उस स्थान, समाज, कुल या परिवार पर देवतागण प्रसन्न रहते हैं तथा
दिव्यगुण, दिव्य-भोग एवं उत्तम-संतान उत्पन्न होते हैं।
वही जहां ऐसा नहीं होता, स्त्रियों कि पूजा नहीं होती तथा
उनके प्रति तिरस्कारमय व्यवहार किया जाता है, वहाँ देवकृपा
नहीं रहती है तथा वहाँ संपन्न किये गये सभी कार्य असफल होते हैं तथा सभी क्रियाए
निष्फल रहती हैं।
अब हम आपको बताएँगे ➡ बहन को अवश्य
दें यह 3 उपहार, जिससे आपको लाभ प्राप्त होगा तथा प्रत्येक
काम में सफलता प्राप्त होगी।
1- वस्त्र
वस्त्र अर्थात कपड़े।
सजना-सवरना, श्रृंगार करना यह सब महिलाओं को अत्यंत
प्रिय होता है। जिस घर के पुरुष अपनी माता, बहन या पत्नी को
अच्छे वस्त्र प्रदान करते हैं, उस घर पर भगवान सदैव प्रसन्न
रहते हैं। ऐसे घर में सदैव सुख-शांति बनी रहती है तथा समस्त कार्यो में सफलता निश्चित
ही प्राप्त होती है। स्त्री को घर की लक्ष्मी माना जाता है, यदि
महिलाएं गंदे या मैले वस्त्र पहन कर रहती हैं या घर के पुरुष अपनी माँ, बहन या पत्नी को समय-समय पर अच्छे वस्त्र प्रदान नहीं करते तो ऐसे घर पर
लक्ष्मीमाता की कृपा क्षीण हो जाती है।
2- आभूषण
आभूषण अर्थात गहने।
गहने महिलाओं की अत्यंत प्रिय वस्तुओं में से एक है। जैसा की हमने वैदिक श्लोक के माध्यम
से बताया की जिस घर की महिलाएं प्रसन्न रहती हैं, वहाँ
देवताओं का निवास माना जाता है। अतः प्रत्येक मनुष्य को अपने घर की महिलाओं को
सुंदर गहने उपहार के स्वरूप में देने चाहिए। जिस घर की महिलाएं अच्छे कपड़े तथा
गहनों से श्रृंगार करती है, वहाँ कभी भी दरिद्रता वास नहीं
करती। ऐसे घर में सदैव खुशहाली तथा मां लक्ष्मीजी की कृपा-दृष्टि बनी रहती है।
3- मधुर वचन
हमारी संस्कृति में
महिलाओं को सदैव पूजनीय माना गया है। कई ग्रंथों तथा पुराणों में महिलाओं का
सम्मान करने की बात भी कही गई है। कहा गया है की, जिस घर
में महिलाओं से बुरी तरह से बात की जाती है या उनका सम्मान नहीं किया जाता,
ऐसे घर में भगवान कभी निवास नहीं करते है। स्त्रियों का सम्मान न
करने वाले व्यक्ति को निरंतर किसी न किसी परेशानी, रोग या
दुख का सामना करते रहना पड़ता है। अतः मनुष्य को सदैव महिलाओं का सम्मान करना चाहिए
तथा अपने घर की स्त्रियों के साथ प्रत्येक समय प्रेम व आदर से ही व्यवहार करना चाहिए
तथा भाषा में मीठी वाणी का प्रयोग करना उचित माना गया है।
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