अहोई अष्टमी माता जी की आरती हिन्दी में | Ahoi Ashtami Mata ki Aarti in Hindi and English
ahoi ashtami mata ki aarti |
ahoi ashtami mata |
करवा चौथ के समान
अहोई अष्टमी का व्रत अधिकतर उत्तरी-भारत में अधिक प्रसिद्ध हैं। यह व्रत कार्तिक
मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिवस किया जाता हैं तथा अहोई अष्टमी व्रत का
दिवस करवा चौथ के चार दिवस पश्चात तथा दीवाली पूजा से आठ दिवस पूर्व आता हैं। साथ
ही, अङ्ग्रेज़ी कैलेंडर
के अनुसार यह व्रत अक्तूबर या नवम्बर के महीने में आता है। अहोई अष्टमी का दिवस
अहोई आठें के नाम से भी जाना जाता हैं क्योंकि यह व्रत अष्टमी तिथि,
जो कि महीने का आठवाँ दिवस होता हैं। अहोई
का अर्थ एक प्रकार से यह भी होता हैं की, "अनहोनी से बचाना"। अतः अहोई अष्टमी का पर्व मुख्यतः
अपनी संतान की लम्बी आयु की कामना तथा उसके रक्षण के लिये किया जाता हैं। इस व्रत
के विषय में एक ध्यान देने योग्य बात यह भी हैं कि इस व्रत को उसी वार को किया
जाता हैं, जिस वार को दिपावली हों।
अहोई अष्टमी माता जी की आरती हिन्दी में
जय अहोई माता,
जय अहोई माता। टेक।।
तुमको निसदिन
ध्यावत हर विष्णु विधाता॥ जय अहोई माता॥
ब्रह्माणी,
रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।
सूर्य-चंद्रमा
ध्यावत नारद ऋषि गाता॥ जय अहोई माता॥
माता रूप निरंजन
सुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको
ध्यावत नित मंगल पाता॥ जय अहोई माता॥
तू ही पाताल बसंती,
तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव
प्रकाशक जगनिधि से त्राता॥ जय अहोई माता॥
जिस घर थारो वासा
वाहि में गुण आता।
कर न सके सोई कर
ले मन नहीं धड़काता॥ जय अहोई माता॥
तुम बिन सुख न
होवे न कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव
तुम बिन नहीं आता॥ जय अहोई माता॥
शुभ गुण सुंदर
युक्ता क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू
कोई नहीं पाता॥ जय अहोई माता॥
श्री अहोई माँ की
आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे
पाप उतर जाता॥ जय अहोई माता॥
जय अहोई माता,
जय अहोई माता।
तुमको निसदिन
ध्यावत हर विष्णु विधाता॥ जय अहोई माता॥
Ahoi Mata Ji Ki Aarti in English
Jai Ahoi Mata Jai Ahoi
Mata।
Tumko Nisdin Dhyavat Hari
Vishnu Dhata॥ Jai Ahoi Mata...॥
Brahamni Rudrani Kamla tu
he hai Jag Datta।
Surya Chandrama Dhyavat
Narad Rishi Gatta॥ Jai Ahoi Mata...॥
Mata Roop Niranjan Sukh
Sampatti Datta।
Jo koi Tumko Dhyavat Nit
Mangal Patta॥ Jai Ahoi Mata...॥
Tu he hai Pataal Basanti
tu he hai Sukh Datta।
Karma Prabhav Prakashak
Jagniddhi Se Trata॥ Jai Ahoi Mata...॥
Jis Ghar Tharo Vaas Wahi
Mein Gunna Atta।
Kar Na Sake Soi Kar Le
Mann Nahi Ghabrata॥ Jai Ahoi Mata...॥
Tum Bin Sukh Na Hovay
Putra Na Koi Patta।
Khan-Paan Ka Vaibhav Tum
Bin Nahi Atta॥ Jai Ahoi Mata...॥
Subh gun Sundar Yukta
Sheer Niddhi Jatta।
Ratan Chaturdarsh tokun
koi nahi Patta॥ Jai Ahoi Mata...॥
Shree Ahoi Ma ki Aarti jo
koi gatta।
Ur Umang Atti Upjay Paap
Uttar Jatta॥ Jai Ahoi Mata...॥
Jai Ahoi Mata Jai Ahoi
Mata।
Tumko Nisdin Dhyavat Hari
Vishnu Dhata॥ Jai Ahoi Mata...॥
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