02 June 2018

श्रीमद्भगवद्गीता के बारे में रोचक जानकारी | Short Note on Bhagavad Gita | Geeta Summary | रोचक तथ्य


श्रीमद्भगवद्गीता के बारे में रोचक जानकारी | Short Note on Bhagavad Gita | Geeta Summary | रोचक तथ्य



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"श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में-

प्रश्न . किसको किसने सुनाई?
उत्तर- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।

प्रश्न . कब सुनाई?
उत्तर- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।

प्रश्न - भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उत्तर- रविवार के दिन।

प्रश्न - कोनसी तिथि को?
उत्तर- एकादशी

प्रश्न - कहा सुनाई?
उत्तर- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।

प्रश्न - कितनी देर में सुनाई?
उत्तर- लगभग 45 मिनट में

प्रश्न - क्यू सुनाई?
उत्तर- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।

प्रश्न - कितने अध्याय है?
उत्तर- कुल 18 अध्याय

प्रश्न - कितने श्लोक है?
उत्तर- 700 श्लोक

प्रश्न - गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उत्तर- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।

प्रश्न - गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उत्तर- धृतराष्ट्र एवं संजय ने

प्रश्न - अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उत्तर- भगवान सूर्यदेव को

प्रश्न - गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उत्तर- उपनिषदों में

प्रश्न - गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उत्तर- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।

प्रश्न - गीता का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर- गीतोपनिषद

प्रश्न - गीता का सार क्या है?
उत्तर- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना

प्रश्न - गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उत्तर- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.

अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद
पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -
1. युधिष्ठिर    2. भीम    3. अर्जुन
4. नकुल।      5. सहदेव

( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )

यहाँ ध्यान रखें किपाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन
की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।

वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..
कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -
1. दुर्योधन      2. दुःशासन   3. दुःसह
4. दुःशल        5. जलसंघ    6. सम
7. सह            8. विंद         9. अनुविंद
10. दुर्धर्ष       11. सुबाहु।   12. दुषप्रधर्षण
13. दुर्मर्षण।   14. दुर्मुख     15. दुष्कर्ण
16. विकर्ण     17. शल       18. सत्वान
19. सुलोचन   20. चित्र       21. उपचित्र
22. चित्राक्ष     23. चारुचित्र 24. शरासन
25. दुर्मद।       26. दुर्विगाह  27. विवित्सु
28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ
31. नन्द।        32. उपनन्द   33. चित्रबाण
34. चित्रवर्मा    35. सुवर्मा    36. दुर्विमोचन
37. अयोबाहु   38. महाबाहु  39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल41. भीमवेग  42. भीमबल
43. बालाकि    44. बलवर्धन 45. उग्रायुध
46. सुषेण       47. कुण्डधर  48. महोदर
49. चित्रायुध   50. निषंगी     51. पाशी
52. वृन्दारक   53. दृढ़वर्मा    54. दृढ़क्षत्र
55. सोमकीर्ति  56. अनूदर    57. दढ़संघ 58. जरासंघ   59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक
61. उग्रश्रवा   62. उग्रसेन     63. सेनानी
64. दुष्पराजय        65. अपराजित
66. कुण्डशायी        67. विशालाक्ष
68. दुराधर   69. दृढ़हस्त    70. सुहस्त
71. वातवेग  72. सुवर्च    73. आदित्यकेतु
74. बह्वाशी   75. नागदत्त 76. उग्रशायी
77. कवचि    78. क्रथन। 79. कुण्डी
80. भीमविक्र 81. धनुर्धर  82. वीरबाहु
83. अलोलुप  84. अभय  85. दृढ़कर्मा
86. दृढ़रथाश्रय    87. अनाधृष्य
88. कुण्डभेदी।     89. विरवि
90. चित्रकुण्डल    91. प्रधम
92. अमाप्रमाथि    93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान     95. दीर्घबाहु
96. सुजात।         97. कनकध्वज
98. कुण्डाशी        99. विरज
100. युयुत्सु

( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थीजिसका नाम""दुशाला""था,
जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )

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