02 April 2019

चैत्र नवरात्रि कब हैं 2019 | Chaitra Navratri 2019 kab hai | 2019 दुर्गा पूजा कब है | Durga Puja 2019

चैत्र नवरात्रि कब हैं 2019 | Chaitra Navratri 2019 kab hai | 2019 दुर्गा पूजा कब है | Durga Puja 2019

chaitra navratri 2019
chaitra navratri kab hai
मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे।

॥ जय माता दी ॥
जय श्री कालका माँ

इस विडियो मे हम आपको बताएँगे-
१-  चैत्र नवरात्रि कब से प्रारम्भ हैं?
२-  चैत्र नवरात्रि के महत्वपूर्ण मुहूर्त
३-  चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
४-  नौ देवियो की पूजा नौ तिथि के अनुसार
५-  नौ दिवस के नौ भोग (प्रसाद)
६-  नौ दिनों के लिए नौ शुभ रंग
७-  चैत्र नवरात्री का महत्व
८-  नवरात्रि के कुछ विशेष नियम

नवरात्र हिन्दुओं का एक पवित्र त्यौहार हैं। नवरात्र की पूजा नौ दिनों तक चलती हैं तथा इन दिनों में माता के नौ रुपों की पूजा की जाती हैं।

चैत्र नवरात्रि कब से प्रारम्भ हैं?

इस वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 05 अप्रैल, शुक्रवार की दोपहर 02 बजकर 20 मिनिट से प्रारम्भ हो कर, 06 अप्रैल, शनिवार की दोपहर 03 बजकर 23 मिनिट तक व्याप्त रहेगी।

अतः इस वर्ष 2019 में चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 06 अप्रैल, शनिवार के दिन से हो रहा हैं। तथा यह नवरात्र 14 अप्रैल, रविवार तक रहेंगे।
प्रारंभ:- 06 अप्रैल 2019, शनिवार
समापन:- 14 अप्रैल 2019, रविवार
               

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना (कलश स्थापना) मुहूर्त

इस वर्ष, चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, 06 अप्रैल, शनिवार की प्रातः 06 बजकर 11 मिनिट से 09 बजकर 16 मिनिट तक अमृत योग में रहेगा। यदि इस समय आप कलश स्थापना करेंगे तो यह अति शुभ फलदायक सिद्ध होगा।


चैत्र नवरात्रि के महत्वपूर्ण मुहूर्त- 6 अप्रैल 2019

अभिजीत मुहूर्त:- 11:51-12:49
राहुकाल:- 09:17-10:50
सूर्योदय:- 06:10    सूर्यास्त:- 18:37
चन्द्रोदय:- 06:51   चन्द्रास्त:- 19:37

नौ देवियो की पूजा नौ तिथि के अनुसार

नवरात्र की पूजा नौ दिनों तक चलती हैं, तथा इन नौ दिनों में माताजी के नौ भिन्न-भिन्न स्वरुपों की पूजा की जाती हैं।

६ अप्रैल (पहला दिन):-   घट स्थापन,चंद्र दर्शन तथा माँ शैलपुत्री की पूजा
७ अप्रैल (दूसरा दिन):-    सिन्धारा दूज तथा माता ब्रह्राचारिणी की पूजा
८ अप्रैल (तीसरा दिन):-   गौरी तीज,सौभाग्य तीज तथा माँ चन्द्रघंटा की पूजा
९ अप्रैल (चौथा दिन):-   वरद विनायक चौथ तथा माँ कूष्मांडा की पूजा
१० अप्रैल (पांचवा दिन):- लक्ष्मी पंचमी, नाग पूजा तथा माँ स्कंदमाता की पूजा
११ अप्रैल (छटा दिन):-   यमुना छठ, स्कन्द षष्ठी तथा माता कात्यायनी की पूजा
१२ अप्रैल (सातवां दिन):-  महा सप्तमी तथा माता कालरात्रि की पूजा
१३ अप्रैल (आठवां दिन):-  दुर्गा अष्टमी, अन्नपूर्णा अष्टमी, सन्धि पूजा तथा माँ महागौरी की पूजा
१४ अप्रैल (नौंवा दिन):- नवरात्रि का अंतिम दिन, नवरात्री पारण, राम नवमी तथा माँ सिद्धिदात्री की पूजा

नौ दिवस के नौ भोग (प्रसाद)

जिस प्रकार नवरात्रि के नौ दिन, मां दुर्गा के भिन्न-भिन्न रूपों की पूजा की जाती है, उसी प्रकार नवरात्रि के नौ दिनों में माता को प्रत्येक दिन के अनुसार नौ भोग या प्रसाद अर्पित करने से माता जी प्रत्येक प्रकार की समस्याओं का नाश कर देती हैं।  
६ अप्रैल (पहला दिन):- केले
७ अप्रैल (दूसरा दिन):- देसी घी (गाय के दूध से बने)
८ अप्रैल (तीसरा दिन):- नमकीन मक्खन
९ अप्रैल (चौथा दिन):- मिश्री
१० अप्रैल (पांचवा दिन):- खीर या दूध
११ अप्रैल (छटा दिन):- माल-पोआ
१२ अप्रैल (सातवां दिन):-  शहद
१३ अप्रैल (आठवां दिन):-  गुड़ या नारियल
१४ अप्रैल (नौंवा दिन):- धान का हलवा

नौ दिनों के लिए नौ शुभ रंग

शुभकामना के लिए तथा प्रसंता के लिए, नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान लोग नौ भिन्न-भिन्न रंग पहने जाते हैं।
६ अप्रैल (पहला दिन):- हरा
७ अप्रैल (दूसरा दिन):- नीला
८ अप्रैल (तीसरा दिन):- लाल
९ अप्रैल (चौथा दिन):- नारंगी
१० अप्रैल (पांचवा दिन):- पीला
११ अप्रैल (छटा दिन):- नीला
१२ अप्रैल (सातवां दिन):-  बैंगनी रंग
१३ अप्रैल (आठवां दिन):-  गुलाबी
१४ अप्रैल (नौंवा दिन):- सुनहरा रंग


चैत्र नवरात्री का महत्व

यह माना जाता हैं कि यदि भक्त बिना किसी इच्छा की पूर्ति के लिए महादुर्गा की पूजा करते हैं, तो वे मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर कर मोक्ष प्राप्त करते हैं।

नवरात्रि के कुछ विशेष नियम

नवरात्रि के नौ पावन दिनो के दौरान कुछ विशेष नियमो का पालन अवश्य करना चाहिए, जो की इस प्रकार हैं।
        1- चैत्र नवरात्रि समारोह का प्रतीक प्रार्थना तथा उपवास माना जाता हैं।
2- त्योहार के आरंभ होने से पूर्व, अपने घर में देवी माँ का स्वागत करने के लिए घर की साफ-सफाई अच्छे से करनी चाहिए।
3- नवरात्रि के दौरान सात्विक जीवन व्यतीत करना चाहिए।
4- नवरात्रि के दौरान भूमि शयन करना चाहिए।
5- नवरात्रि के दौरान सात्त्विक आहार ग्रहण करना चाहिए।
6- नवरात्रि के उपवास करते वक्त सात्विक भोजन जैसे कि आलू, कुट्टू का आटा, दही, फल, आदि खाना चाहिए।
7- नवरात्रि के दौरान, भोजन में सख्त समय का अनुशासन बनाए रखना चाहिए।

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