हिन्दू नव वर्ष 2019 कब है? Hindu Nav Varsh 2019 | हिन्दू नव वर्ष कब मनाया जाता है? Vikram Samvat 2076 #Hindu
hindu new year 2019 |
संवत केलेण्डर से भी पूर्व लगभग 6,700 ई.पू. हिंदूओं का प्राचीन सप्तर्षि संवत अस्तित्व में आ चुका था। किन्तु
इसका विधि अनुसार प्रारम्भ लगभग 3,100 ई. पू. माना जाता है। साथ
ही इसी समय में भगवान श्री कृष्ण जी के जन्म से कृष्ण केलेण्डर का प्रारम्भ भी
माना जाता है। उसके पश्चात कलियुगी संवत का भी प्रारम्भ माना गया है। विक्रमी संवत
का प्रारम्भ 57 ईसवीं पूर्व से माना जाता है। विक्रम संवत को नव संवत्सर भी कहा
जाता है। संवत्सर पांच प्रकार का होता है जिसमें सूर्य, चंद्र,
नक्षत्र, सावन तथा अधिमास का समावेश किया गया है।
यह 365 दिनों का होता है। इसका आरंभ मेष राशि में सूर्य की संक्राति से होता है।
वहीं चंद्र वर्ष के मास चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ,
आषाढ़ आदि है इन महीनों का नाम नक्षत्रों के आधार पर रखा गया है।
चंद्र वर्ष 354 दिनों का होता है, इसी कारण जो बढ़े हुए 10
दिन होते है वे चंद्रमास ही माने जाते है, किन्तु दिन बढ़ने
के कारण इन्हें अधिमास कहा जाता है। नक्षत्रों की संख्या 27 है इस प्रकार एक
नक्षत्र मास भी 27 दिन का ही माना जाता है। वहीं सावन वर्ष की अवधि लगभग 360 दिन
की होती है। इसमें प्रत्येक महीना 30 दिन का होता है।
इस
वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 05 अप्रैल, दोपहर 02 बनकर 20
मिनिट से प्रारम्भ हो कर, 06 अप्रैल दोपहर 03 बजकर 23 मिनिट
तक व्याप्त रहेगी।
अतः
इस वर्ष भारतीय हिन्दू नव वर्ष 06 अप्रैल शनिवार के दिन मनाया जाएगा।
01 जनवरी के दिन सम्पूर्ण विश्व में नव-वर्ष मनाया जाता है, किन्तु भारत एक विशाल तथा कृषि प्रधान देश है अतः भारत में विभिन्न
क्षेत्रो में मौसम तथा संस्कृति एवं परंपराओं के आधार पर भिन्न-भिन्न नव-वर्ष
मनाया जाता है। जो की इस प्रकार है-
·
नवसंवत्सर- चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा
·
उगाडी- तेलगू नव-वर्ष
·
गुड़ी पड़वा- मराठी तथा कोंकनी नव-वर्ष
·
बैसाखी- पंजाबी नव-वर्ष
·
पुथंडु- तमिल नव-वर्ष
·
बोहाग बिहू- असामी नव-वर्ष
·
पोहलाबोईशाख- बंगाली नव-वर्ष
·
बेस्तु वर्ष- गुजराती नव-वर्ष
·
विषु- मलयालम नव-वर्ष
·
नवरेह- कश्मीरी नव-वर्ष
·
हिजरी-इस्लामिक नव-वर्ष
आपको सम्पूर्ण विश्व के
साथ साथ भारत-वर्ष में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने वाले नव-वर्ष
की हार्दिक शुभकामनाए।
यह
नूतन-वर्ष आपके लिए शुभ रहे तथा आपको उज्ज्वल भविष्य प्रदान करें।
इस वर्ष के मुख्य पर्व और त्योहार --
6 अप्रैल- गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्र शुरू
17 अप्रैल- महावीर जयंती,
19 अप्रैल- हनुमान जयंती,
16 जुलाई- गुरु पूर्णिमा,
5 अगस्त- नागपंचमी,
15 अगस्त- रक्षाबंधन,
23 अगस्त- जन्माष्टमी,
2 सितंबर- हरतालिका तीज,
3 सितंबर- गणेश चतुर्थी गणेशोत्सव
12 सितंबर- अनंत चतुदर्शी,
13 सितंबर- श्राद्धपक्ष प्रारंभ
28 सितंबर- सर्व पितृ अमावस्या
29 सितंबर- शारदीय नवरात्रि
8 अक्टूबर- दशहरा
17 अक्टूबर- करवा चौथ
27 अक्टूबर- दीपावली
जानिए नवसंवत्सर 2076 में कैसा रहेगा सभी राशियों के लिए राशिफल--
मेष- आर्थिक उन्नति होगी, पारिवारिक व सामाजिक स्थिति मध्यम रहेगी।
वृषभ- लाभप्रद स्थिति, भाग्य साथ देगा।
मिथुन- मांगलिक कार्य होंगें, अनुकूल स्थिति।
कर्क- आर्थिक राहत मिलेगी, भूमि-वाहन योग बनेंगें।
सिंह- प्रतिष्ठा में वृद्धि, संतान पक्ष को सफलता।
कन्या- मांगलिक कार्य होंगे।
तुला- धार्मिक-सामाजिक सक्रियता
बढ़ेगी।
वृश्चिक- व्यापार विस्तार सम्भव,
लक्ष्य प्राप्ति।
धनु- स्थान परिवर्तन संभावित, अनुकूल स्थिति।
मकर- आर्थिक उन्नति होगी, संतान प्राप्ति।
कुंभ- मनोरथ पूरे होंगे. पदोन्नति
होगी।
मीन- भाग्य का पूरा साथ मिलेगा,
संतान प्राप्ति।
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