21 May 2018

पुरुषोत्तम मास में क्या करें - क्या ना करें | अधिक मास में क्या करें

पुरुषोत्तम मास में क्या करें - क्या ना करें | अधिक मास में क्या करें

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जिस मास में सूर्यदेव की संक्रांति नहीं होती है, वह मास पुरुषोत्तम मास कहलाता है। पुरुषोत्तम मास को मलमास या अधिक मास के नाम से भी जाना जाता है। यह मास प्रत्येक 3 वर्ष में एक बार आता है। इन दिनों में कोई भी नया कार्य अथवा मांगलिक कार्य करना वर्जित माना गया है। किन्तु, सनातन धर्म में अधिकमास में धर्म-कर्म से जुड़े सभी कार्य करने से विशेष फल प्राप्त होता हैं। श्रीमद्भागवत पुराण में इस माह को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। मान्यता है कि इन दिनों में भागवत कथा करने से अक्षय पुण्य प्राप्त है। पुरुषोत्तम मास में केवल भगवान के लिए व्रत, दान, हवन, पूजा, ध्यान आदि करने का विधान है। ऐसा करने से सभी पापों से मुक्ति प्राप्त होती है तथा अक्षय पुण्य भी प्राप्त होता है। मलमास में दीपदान, वस्त्र दान एवं ग्रंथ दान तथा श्रीमद् भागवत कथा का विशेष महत्व है। इस मास में दीपदान करने से धन-वैभव के साथ ही आपको पुण्य-लाभ भी प्राप्त होता है।

   आज हम आपको बताएँगे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुरुषोत्तम मास में क्या करे तथा क्या ना करे? जिससे श्रीहरी विष्णु भगवान की विशेष कृपा आपको प्राप्त हो तथा आपकी सभी परेशानियां एवं संकट नष्ट हो जाए

पुरुषोत्तम मास में क्या करें

1 प्रथम कार्य- मंत्र जाप करे

   पुरुषोत्तम मास में ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र या आपके गुरु द्वारा प्रदान किया गया गुरु-मंत्र का नियमित जाप करने का विधान है। इस मास में श्रीविष्णु सहस्त्रनाम, पुरुषसूक्त, श्रीसूक्त, हरिवंश पुराण तथा एकादशी महात्म्य कथाओं के श्रवण से भी आपकी सभी मनोकामनाए शीघ्र पूर्ण होती हैं। मलमास के समय, श्रीकृष्ण, श्रीमद् भागवत गीता, श्रीराम कथा का वाचन तथा विष्णु भगवान की भक्ति करने का अलग ही महत्व है

2 दूसरा कार्य- कथा का पाठ करे या सुने

   अधिक मास में कथा पढ़ना या सुनना दोनों का ही अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इस मास में भूमि पर शयन करना श्रेष्ठ माना गया हैमल-मास के दिनो में एक ही समय भोजन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ध्यान दे की जब आप कथा पढे तब अधिक से अधिक लोग आपकी कथा को सुनें।

3 तृतीय कार्य- आचरण पर ध्यान दे
   पुरुषोत्तम मास में भगवान विष्णु के पूजन के साथ कथा श्रवण का विशेष महत्व है। मल-मास में शुभ फल प्राप्त करने के लिए साधक को पुरषोत्तम मास में अपना आचरण पवित्र तथा सौम्य रखना आवश्यक है। इस मास में साधक को अपने व्यवहार में भी नरमी रखने का विशेष ध्यान देना चाहिए

4 चतुर्थ कार्य- दीप-दान करे

   पुरुषोत्तम मास में दीपदान, वस्त्र तथा श्रीमद् भागवत कथा ग्रंथ दान का विशेष महत्व बताया है। इस मास में दीपदान करने से धन-वैभव के साथ ही आपको पुण्य-लाभ भी प्राप्त होता है।

5 पंचम कार्य- दान-पुण्य करें

   प्राचीन पुराणों अनुसार अधिक मास के दिनो में व्रत-उपवास, दान-पूण्य, यज्ञ-हवन तथा ध्यान करने से मनुष्य के कई जन्मो के पाप कर्मों का नाश हो जाता है साथ ही उन्हें कई गुना पुण्य फल प्राप्त होता है। इस माह में आपके द्वारा गरीब को दिया एक रुपया भी सौ गुना फल देता है।
    
१.            प्रतिपदा को चांदी के पात्र में घी रखकर किसी मंदिर के पुजारी को दान कर दें। इससे परिवार में शांति बनी रहती है।
२.            द्वितीया को कांसे के बर्तन में सोना दान करने से खुशहाली आती है।
३.            तृतीया को चना या चने की दाल का दान करने से व्यापार में मदद मिलती है।
४.            चतुर्थी को खारक का दान लाभदायी होता है
५.            पंचमी को गुण तथा तुवर की दाल का दान करने से रिश्तों में मिठास बनी रहती है।

पुरुषोत्तम मास में क्या ना करें

1  पुरुषोत्तम मास की अवधि में सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित रहते जिन दैविक कार्यो को सांसारिक फल की प्राप्ति के लिए प्रारंभ किया जाए, वे सभी कार्य मल-मास में वर्जित होते हैं।
2  मल-मास में तिलक, विवाह, मुंडन, गृह आरंभ, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत उपनयन उपनयन संस्कार, निजी उपयोग के लिए भूमि, वाहन, आभूषण आदि खरीदना, संन्यास अथवा शिष्य दीक्षा ग्रहण करना, नववधू का प्रवेश, देवी-देवता की प्राण-प्रतिष्ठा, यज्ञ, वृहद अनुष्ठान का शुभारंभ, अष्टाकादि श्राद्ध, कुआं, बोरिंग, तालाब का खनन करना आदि का त्याग करना चाहिए।

ध्यान दे-
1  अधिक मास में विशेष कर रोग निवृत्ति के अनुष्ठान, ऋण चुकाने का कार्य, शल्य क्रिया, संतान के जन्म संबंधी कर्म, सूरज-जलवा आदि, गर्भाधान, पुंसवन, सीमांत जैसे संस्कार किए जा सकते हैं।

2  मल-मास में यात्रा करना, साझेदारी के कार्य करना, मुकदमा लगाना, बीज बोना, वृक्ष लगाना, दान देना, सार्वजनिक हित के कार्य, सेवा कार्य करने में किसी प्रकार का दोष नहीं है।





अधिक मास में करे यह चमत्कारी उपाय जिससे परिवार में बनी रहेगी खुशहाली

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