चैत्र नवरात्री 2018 | घट स्थापना शुभ मुहूर्त | चैत्र नवरात्री कब से है | जानिए सही मुहर्त | Navratri २०१८
Chaitra Navratri 2018
Navratri 2018 नवरात्री 2018 चैत्र
नवरात्र 2018 चैत्र
नवरात्री में माँ भगवती के सभी 9 रूपों की पूजा इन 9 दिनों में देवी के कौन से रूप की पूजा किस दिन की जानी चाहिए
जय माता दी
जय श्री कालका माँ
नमस्कार दोस्तों! में विनोद पांडे, आपका हार्दिक स्वागत करता हु, आपके अपने youtube चेंनल पर!
नवरात्र
हिन्दुओं का एक पवित्र त्यौहार है। नवरात्र की पूजा नौ दिनों तक चलती हैं तथा इन
दिनों में माता के नौ रुपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक वर्ष में दो बार नवरात्र
आते है, तथा गुप्त नवरात्र भी आते है। पहले नवरात्र का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल
पक्ष से होता है। तथा अगले नवरात्र शारदीय नवरात्रे कहलाते है जो आश्विन मास के
शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरु होकर नवमी तिथि तक रहते है। दोनों ही
नवरात्रों में माता जी का पूजन विधिवत् किया जाता है। देवी का पूजन करने की विधि
दोनों ही नवरात्रों में लगभग एक समान रहती है।
हिन्दू धर्म में प्रत्येक पूजा से पहले भगवन गणेश जी की
पूजा का विधान है इसलिए नवरात्र की शुभ पूजा से पहले कलश के रूप में श्री गणेश
महाराज को स्थापित किया जाता है। नवरात्र के आरंभ की प्रतिपदा तिथि के दिन कलश या
घट की स्थापना की जाती है। कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है।
आइये हम आपको बताते है, चैत्र
नवरात्र कलश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त तथा माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा किस दिन की जाएगी।
दोस्तों इस
वर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का आरम्भ 17 मार्च शनिवार
के सांय 6 बजकर 41 मिनट से हो रहा है तथा प्रतिपदा की समाप्ति अगले दिन 18 मार्च रविवार
के दिन सांय 6 बजकर 31 मिनट पर होगी।
अतः चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 18 मार्च रविवार के दिन से हो रहा है। तथा यह नवरात्र 26 मार्च सोमवार तक रहेंगे।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ = 17 मार्च 2018, शनिवार 18: 41 से होगा।
प्रतिपदा तिथि समाप्त = 18 मार्च 2018, रविवार 18: 31 पर होगा।
प्रारंभ :- 18 मार्च (रविवार) 2018
समापन :- 26 मार्च (सोमवार) 2018
चैत्र नवरात्र
कलश स्थापना का अत्यंत शुभ मुहूर्त 18 मार्च, रविवार सुबह 8 बजकर 11 मिनट से 9 बजकर 46
मिनट तक, अमृत योग में रहेगा। यदि इस समय आप कलश स्थापना करेंगे तो यह अति शुभ
फलदायक सिद्ध होगा।
चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना
मुहूर्त = 08:-11 से 09:-46 तक।
मुहूर्त की अवधि =
01 घंटा 35 मिनट।
नवरात्र की पूजा नौ दिनों तक चलती हैं, तथा इन नौ दिनों में माताजी के नौ भिन्न-भिन्न स्वरुपों की पूजा की जाती है। माता जी के यह सभी स्वरूपों का भिन्न-भिन्न प्रभाव तथा भिन्न-भिन्न महत्व है। आइये हम आपको बताते इन 9 देवियो की पूजा कौन से तिथि पर की जानी चाहिए।
18
मार्च (रविवार), 2018 :- घट स्थापन एवं माँ
शैलपुत्री पूजा
19
मार्च (सोमवार), 2018 :- माँ ब्रह्मचारिणी
20
मार्च (मंगलवार), 2018 :-
माँ चंद्रघंटा पूजा
21
मार्च (बुधवार), 2018 :- माँ कुष्मांडा पूजा
22
मार्च (बृहस्पतिवार ), 2018:- माँ स्कंदमाता पूजा
23
मार्च (शुक्रवार ), 2018:- माँ कात्यायनी पूजा
कृपया
ध्यान दे:--
1. नवरात्र में देवी
पूजा के लिए जो कलश स्थापित किया जाता है वह सोना, चांदी,
तांबा, पीतल या मिट्टी का ही
होना चाहिए। लोहे या स्टील के कलश का प्रयोग पूजा
में नहीं करना चाहिए।
2. नवरात्रों में माँ
भगवती की आराधना दुर्गा सप्तसती से की जाती है , परन्तु यदि समयाभाव है तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ अत्यंत ही
प्रभाव शाली है एवं दुर्गा सप्तसती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला है।
3. नवरात्र में कलश स्थापना किसी भी समय
की जाती है। नवरात्र के प्रारंभ से ही अच्छा
समय प्रारंभ हो जाता है अतः यदि जातक शुभ मुहूर्त में घट स्थापना नहीं कर पाता है तो वह पूरे दिन किसी भी समय कलश
स्थापित कर सकता
है।
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धन्यवाद!
Shlok Vinod Pandey
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