दिशा शूल एवम उपाय | Disha Shool Aur Upay in Hindi
दिशा शूल ले जाओ बामे, राहु योगिनी पूठ।
सम्मुख लेवे चंद्रमा, लावे लक्ष्मी लूट।
Disha Shool Aur Upay in Hindi |
नमस्कार! सबसे पहले हम यह जानते है कि क्यों
आपके बड़े बुजुर्ग तिथि देख कर आने जाने की रोक टोक करते हैं | दिशाशूल
को समझने से पहले आपको दस दिशाओं के विषय में ज्ञान होना आवश्यक है :-
Ø हम सबने जानते कि दिशाएं ४ होती हैं -
१)
पूर्व
२)
पश्चिम
३)
उत्तर और
४)
दक्षिण
Ø परन्तु जब हम उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं तो ज्ञात होता है कि वास्तव में दिशाएँ दस होती हैं-
१)
पूर्व
२)
पश्चिम
३)
उत्तर
४)
दक्षिण
५)
उत्तर - पूर्व
६)
उत्तर - पश्चिम
७)
दक्षिण – पूर्व
८)
दक्षिण – पश्चिम
९)
आकाश
१०) पाताल
हमारे सनातन धर्म के ग्रंथो में सदैव १० दिशाओं
का ही उल्लेख किया गया है जैसे श्री रामभक्त हनुमान जी ने युद्ध इतनी आवाज की कि उनकी
आवाज दसों दिशाओं में सुनाई दी| हम यह भी जानते हैं कि प्रत्येक दिशा के देवता
होते हैं|
दसों दिशाओं को समझने के पश्चात अब हम बात
करते हैं वैदिक ज्योतिष की-ये ज्योतिष शब्द “ज्योति” से बना
है जिसका भावार्थ होता है “प्रकाश”
वैदिक ज्योतिष में अत्यंत विस्तृत रूप में मनुष्य के जीवन की
हर परिस्तिथियों से सम्बन्धित विश्लेषण किया गया है कि मनुष्य यदि इसको तनिक भी समझ
ले तो वह अपने जीवन में उत्पन्न होने वाली बहुत सी समस्याओं से बच सकता है और अपना
जीवन सुखी बना सकता है
-
आप जब भी बाहर की यात्रा के लिए जाए तो कार्य सफलता के लिए दिशा
शूल का विचार करके जाए ताकि आने वाली परेशानी से बचा जा सके -
Ø किस दिन कहाँ न जाए-
गमन की दिशा | वर्जित दिन |
पूर्व | सोमवार, शनिवार, |
ईशान (उत्तर-पूर्व) | बुधवार, शुक्रवार, |
उत्तर | बुधवार, मंगलवार, |
वायव्य (उत्तर-पश्चिम) | मंगलवार, |
पश्चिम | रविवार, शुक्रवार, |
नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) | रविवार, शुक्रवार, |
दक्षिण | वृहस्पतिवार, |
आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) | सोमवार, वृहस्पतिवार |
सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा
रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा
मंगल वार और बुधवार को उत्तर दिशा
गुरु वार को दक्षिण दिशा
सोमवार और गुरूवार को (अग्ने ) south east
रविवार और शुक्रवार को (नेतरअगये ) south west
मंगलवार को (वायवे ) north west
बुध और शनि को (ईशान ) north east दिशा शूल होता हैअर्थात इस दिन इन दिशायो की और यात्रा नहीं करनी चाहिए|
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नोट: बुधवार के अतिरिक्त अन्य वारों को
रात्रि में यात्रा करना दोषपूर्ण नहीं माना जाता | बड़े व्यक्तियों
की आज्ञा लेकर एवं प्रणाम करके जाने से भी दोष् समाप्त हो जाते हैं
Ø
विशेष-
यदि एक जगह से रवाना हो कर उसी दिन गंतव्य
स्थान पर पहुंचं जाना तय हो तो ऐसी यात्रा में तिथि- वार नक्षत्र,दिशा-शूल,प्रतिशुक,योगनी आदि का विचार नहीं होता है|
Ø आपातकालीन यात्रा-
यदि फिर भी किसी कारन वश आपातकालीन यात्रा
करनी पड ही जाये और दिशा शूल भी हो तो नीचे लिखे उपाए कर के यात्रा कर सकते
है-
१)
रविवार को दलिया और घी खाकर
२)
सोमवार को दर्पण देख कर
३)
मंगलवार को गुड खा कर
४)
बुधवार को धनिया या तिल खा कर
५)
वीरवार को दही खा कर
६)
शुक्रवार को जों खा कर
७)
शनिवार को अदरक या उड़द खा कर
दिशा शूल निवारणार्थ वस्तुओं की दिन वार सूची | |
दिन | उपयोगार्थ वस्तुएं |
रविवार | दलिया, घी या पान खाकर |
सोमवार | दूध पीकर |
मंगलवार | गुड़ खाकर |
बुधवार | तिल धनिया खाकर |
गुरूवार | दही खाकर |
शुक्रवार | जौ या राई खाकर |
शनिवार | अदरक अथवा उड़द की दाल खाकर |
ये करके दिशा शूल के प्रकोप से बचा जा सकता है और आप अपनी यात्रा को सुखद पूर्वक और मंगलमय बना सकते है|
- धन्यवाद
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