देवशयनी एकादशी कब है 2018 | एकादशी तिथि व्रत पारण का समय | तिथि व शुभ मुहूर्त | Devshayani Ekadashi
Devshayani
Ekadashi 2018 एकादशी तिथि प्रारम्भ एकादशी तिथि समाप्त 2018
में देवशयनी एकादशी 23 जुलाई 2018 सोमवार को है पारण तिथि
के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय 2018 में देवशयनी एकादशी देवशयनी एकादशी व्रत पारण का समय देवशयनी एकादशी व्रत जुलाई २०१८ सोमवार पारण के
दिन द्वादशी तिथि के समाप्त होने का समय devshayani ekadashi vrat in 2018 साल
2018 में देवशयनी एकादशी पारण के दिन देवशयनी एकादशी पारण व्रत तोड़ने का समय द्वादशी
तिथि समाप्त एकादशी तिथि प्रारंभ 22 जुलाई 2018 एकादशी तिथि समाप्त 23 जुलाई 2018
वैदिक
विधान कहता है की,
दशमी को एकाहार, एकादशी में निराहार तथा द्वादशी
में एकाहार करना चाहिए। हिंदू पंचांग के अनुसार सम्पूर्ण वर्ष में 24 एकादशियां आती
हैं। किन्तु अधिकमास की एकादशियों को मिलाकर इनकी संख्या 26 हो जाती है। भगवान को एकादशी
तिथि अति प्रिय है चाहे वह कृष्ण पक्ष की हो अथवा शुकल पक्ष की। इसी कारण इस दिन व्रत
करने वाले भक्तों पर प्रभु की अपार कृपा सदा बनी रहती है अतः प्रत्येक एकादशियों पर
हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तथा व्रत रखते हैं।
किन्तु इन सभी एकादशियों में से एक ऐसी एकादशी भी है जिसमें भगवान विष्णु का क्षीरसागर में चार मास की
अवधि के लिए शयनकाल प्रारम्भ हो जाता है, अतः आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही देवशयनी एकादशी कहा जाता है। देवशयनी एकादशी को पद्मा एकादशी, पद्मनाभा एकादशी, आषाढ़ी एकादशी तथा हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु योग-निंद्रा मे
चले जाते है तथा
देवशयनी एकादशी के चार मास के पश्चात प्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान् विष्णु पुनः जागतें हैं। अतः
प्रबोधिनी
एकादशी को देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है।
एकादशी के व्रत की
समाप्ती करने की विधि को पारण कहते हैं। कोई भी व्रत तब तक
पूर्ण नहीं माना जाता जब तक उसका विधिवत पारण न किया जाए। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के पश्चात पारण किया जाता
है।
इस वर्ष 2018 में, देवशयनी एकादशी
पारण अर्थात व्रत तोड़ने का शुभ समय, 24 जुलाई, मंगलवार के दिन, प्रातः 5 बजकर 54 से 8 बजकर 22
मिनिट तक रहेगा।
देवशयनी
एकादशी क्या
है?
देवशयनी
एकादशी व्रत का पारण
ध्यान रहे,
१.
एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना
अति आवश्यक है।
२.
यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी हो तो
एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के पश्चात ही होता है।
३.
द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान होता
है।
४.
एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए।
५.
व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है।
६.
व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्यान के दौरान व्रत तोड़ने
से बचना चाहिए।
७.
जो भक्तगण व्रत कर रहे हैं उन्हें व्रत समाप्त करने से पहले
हरि वासर समाप्त होने की प्रतिक्षा करनी चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की
पहली एक चौथाई अवधि होती है।
८.
यदि,
कुछ कारणों की वजह से जातक प्रातःकाल पारण करने में सक्षम नहीं है, तो उसे मध्यान के पश्चात पारण करना चाहिए।
इस वर्ष, 2018 में आषाढ़ मास की शुक्ल एकादशी तिथि का
प्रारम्भ 22 जुलाई, दोपहर 02 बजकर 47 मिनिट से हो कर, 23 जुलाई साय 4 बजकर 23 मिनिट तक का रहेगा।
अतः इस वर्ष 2018 में देवशयनी एकादशी का व्रत 23 जुलाई, सोमवार के दिन किया जाएगा।
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