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    11 August 2021

    नाग पंचमी कब है 2021 | NagPanchami 2021 | पूजन का शुभ मुहूर्त | Nag Panchami kab hai | नागपंचमी किस दिन है

    नाग पंचमी कब है 2021 | NagPanchami 2021 | पूजन का शुभ मुहूर्त | Nag Panchami kab hai | नागपंचमी किस दिन है

    nag panchami kab hai 2021
    Nag Panchami


    श्रीगणेशाय नमः ।

    अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम् ।

    शङ्खपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा ॥ १॥

    एतानि नवनामानि नागानां च महात्मनाम् ।

    सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषतः ॥ २॥

    तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् ॥ ३॥

    ॥ इति श्रीनवनागनामस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

     

    मंत्र अनुवाद - नौ नाग देवता के नाम अनंत, वासुकी, शेष, पद्मनाभ, कंबाला, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक तथा कालिया हैं। यदि प्रतिदिन सुबह नियमित रूप से जप किया जाता हैं, तो आप सभी बुराइयों से सुरक्षित रहेंगे तथा आपको जीवन में विजयी बनाएंगे।

     

    ॐ भुजंगेशाय विद्महे,

    सर्पराजाय धीमहि,

    तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।

     

    हिन्दू धर्म में नागों को अति महत्वपूर्ण स्थान दिया गया हैं। त्रिदेवों में से एक भगवान भोलेनाथ के गले में स्थान पाने वाले नागों की विधिवत पूजा की जाती हैं। पौराणिक धर्मग्रंथों के अनुसार प्रतिवर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के रुप में मनाया जाता हैं। नाग पंचमी का पर्व हरियाली तीज के दो दिन के पश्चात आता हैं तथा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नाग पंचमी जुलाई या अगस्त के महीने में आती हैं। गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिणी भारत में अमान्त पंचांग के अनुसार नाग पंचमी 15 दिनों के पश्चात अर्थात श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी के दिन मनाई जाती हैं। नाग पंचमी को गुजरात में नाग पाचम के रूप में अधिक जाना जाता हैं तथा यह पर्व कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव से तीन दिन पूर्व मनाया जाता हैं। स्कन्द पुराण के अनुसार इस दिन नागों की पूजा करने से समस्त मनोकामनाएँ शीघ्र ही पूर्ण हो जाती हैं। शास्त्रीय विधान हैं कि जो भी व्यक्ति नाग पंचमी के दिन श्रद्धाभाव से नाग देवता की पुजा करता हैं, उस व्यक्ति तथा उसके परिवार को कभी भी सर्प का भय नहीं सताता। श्रावण मास के दौरान नाग देवता की पूजा करने के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता हैं। अतः नाग पंचमी पूजा के शुभ दिवस बारह नागों की पूजा की जाती हैं। नाग पंचमी के दिन नागों को कच्चा दूध अर्पित किया जाता हैं तथा परिवार के रक्षण की प्रार्थना भी की जाती हैं। कुछ जातक नाग पंचमी से एक दिन पूर्व व्रत रखते हैं जिसे नाग चतुर्थी या नागुल चविथी के रूप में जाना जाता हैं। मान्यता यह भी हैं कि नाग पंचमी के दिन नागदेव का दर्शन करना अत्यंत शुभ रहता हैं। भगवान शिव को नागो का देवता माना जाता हैं। कहा जाता हैं की भगवान शिव के आशीर्वाद स्वरूप नाग देवता पृथ्वी को संतुलित करते हुए मानव जीवन की रक्षा करते हैं। अतः नाग पंचमी के दिन, नाग पूजन करने से भगवान शिवजी भी अत्यंत प्रसन्न होते हैं।

     

    नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त

    इस वर्ष, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि, 12 अगस्त, गुरुवार की दोपहर 03 बजकर 24 मिनिट से प्रारम्भ होकर, 13 अगस्त, शुक्रवार की दोपहर 01 बजकर 42 मिनिट तक व्याप्त रहेगी।

     

    अतः इस वर्ष 2021 में नाग पंचमी का त्योहार 13 अगस्त, शुक्रवार के शुभ दिवस किया जाएगा।

     

    नाग पंचमी पूजा के दिवस नाग पूजन करने का शुभ मुहूर्त, 13 अगस्त, शुक्रवार की प्रातः 05 बजकर 34 मिनिट से 08 बजकर 06 तक का रहेगा।

     

    2021 नाग पंचमी

    सावन माह के दौरान शुक्ल पक्ष पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता हैं। आमतौर पर नाग पंचमी का दिन हरियाली तीज के दो दिन बाद पड़ता हैं। वर्तमान में नाग पंचमी अंग्रेजी कैलेंडर में जुलाई तथा अगस्त के महीने में आती हैं। महिलाएं नाग देवता की पूजा करती हैं तथा इस दिन सांपों को दूध चढ़ाती हैं। महिलाएं अपने भाइयों तथा परिवार की सलामती की प्रार्थना भी करती हैं।

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