• About Vinod Pandey
  • Contact Us
  • Priveacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms of Service
  • Pages

    24 January 2020

    संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चन्द्रोदय का समय | Chand Nikalne ka Time | सकट चौथ कब है 2020?

    संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चन्द्रोदय का समय | Chand Nikalne ka Time | सकट चौथ कब है 2020?

    sankashti chaturthi ka chand kab niklega
    chand kitne baje niklega

    🌷 विघ्नों तथा मुसीबते दूर करने के लिए 🌷

    👉 कृष्ण पक्ष की चतुर्थी।
    🙏🏻 शिव पुराण में आता है कि प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (पूनम के पश्चात) के दिन प्रातः श्री गणेशजी का पूजन करें तथा रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें तथा ये मंत्र बोलें :
    🌷 ॐ गं गणपते नमः ।
    🌷 ॐ सोमाय नमः ।

     ‪🌷 चतुर्थी तिथि विशेष 🌷

    🙏🏻 चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।
    📆 हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।
    🙏🏻 पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
    🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
    ➡ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली तथा एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।

    🌷 कोई कष्ट हो तो 🌷

    🙏🏻 हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट तथा समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |
    👉🏻 छः मंत्र इस प्रकार हैं
    🌷 ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।
    🌷 ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तोभैरव देख दुष्ट घबराये ।
    🌷 ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।
    🌷 ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है तथा अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । तथा जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।
    🌷 ॐ अविघ्नाय नम:
    🌷 ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
    हिन्दु के अनुसार प्रत्येक चंद्र मास में दो चतुर्थी होती हैं। सनातन हिन्दू ग्रन्थों के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि हैं। अमावस के पश्चात आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं तथा पूर्णिमा के पश्चात आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
    चतुर्थी के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें तथा रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें तथा ये मंत्र बोलें :
    🌷 ॐ गं गणपते नमः ।
    🌷 ॐ सोमाय नमः ।

    ‪🌷 चतुर्थी तिथि विशेष 🌷

    🙏🏻 चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।
    📆 हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो #चतुर्थी होती है।
    🙏🏻 पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
    🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
    ➡ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली तथा एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
      
    संकष्टी चतुर्थी व्रत 2020 चन्द्रोदय का समय
    13 जनवरी 2020
    सोमवार
    संकष्टी चतुर्थी - सकट चौथ
    चन्द्रोदय 20:47

    12 फरवरी 2020
    बुधवार
    संकष्टी चतुर्थी
    चन्द्रोदय 21:43

    12 मार्च 2020
    गुरुवार
    संकष्टी चतुर्थी
    चन्द्रोदय 21:32

    11 अप्रैल 2020
    शनिवार
    संकष्टी चतुर्थी
    चन्द्रोदय 22:26

    10 मई 2020
    रविवार
    संकष्टी चतुर्थी
    चन्द्रोदय 22:12

    08 जून 2020
    सोमवार
    संकष्टी चतुर्थी
    चन्द्रोदय21:50

    08 जुलाई 2020
    बुधवार
    संकष्टी चतुर्थी
    चन्द्रोदय21:58

    07 अगस्त 2020
    शुक्रवार
    संकष्टी चतुर्थी, बहुला चतुर्थी
    चन्द्रोदय 21:41

    05 सितम्बर 2020
    शनिवार
    संकष्टी चतुर्थी
    चन्द्रोदय 20:45

    05 अक्तूबर 2020
    सोमवार
    संकष्टी चतुर्थी
    चन्द्रोदय 20:26

    04 नवम्बर 2020
    बुधवार
    संकष्टी चतुर्थी, करवा चौथ
    चन्द्रोदय 20:31

    03 दिसम्बर 2020
    गुरुवार
    संकष्टी चतुर्थी
    चन्द्रोदय 20:10

    No comments:

    Post a Comment