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    12 October 2019

    शरद पूर्णिमा व्रत 2019 | शरद पूर्णिमा पूजा शुभ मुहूर्त | शरद पूर्णिमा कब है | चंद्रोदय का समय कब है | Sharad Purnima Vrat

    शरद पूर्णिमा व्रत 2019 | शरद पूर्णिमा पूजा शुभ मुहूर्त | शरद पूर्णिमा कब है | चंद्रोदय का समय कब है | Sharad Purnima Vrat

    sharad purnima 2019
    sharad purnima ka vrat

    शरद पूर्णिमा की रात्रि माता लक्ष्मी जी को मनाने का मंत्र

    ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये।
            प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः॥


    शरद पूर्णिमा का स्‍थान हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह पूर्णिमा अन्‍य पूर्णिमा की तुलना में अति लोकप्रिय हैं। जिस रात्री आकाश से चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त होकर धरती पर अमृत बरसाता हैं, उसी आश्विन मा के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता हैं। शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहा जाता हैं।
    शरद पूर्णिमा के दिवस चंद्रमा, माता लक्ष्मी तथा भगवान विष्णु जी के पूजन करने का विधान हैं। कहा जाता हैं कि शरद पूर्णिमा का व्रत करने से व्रती की प्रत्येक मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण हो जाती हैं तथा संतानों को लंबी आयु का वरदान भी प्राप्त होता हैं। मान्यता हैं कि शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर, आसमान से अमृत की बरसात करता हैं। माना जाता हैं कि 16 कलाओं वाला पुरुष ही सर्वोत्तम पुरुष हैं। कहा जाता हैं कि भगवान श्री विष्‍णु जी के अवतार श्रीकृष्‍ण 16 कलाओं के साथ अवतरित हुये थे, एवं भगवान श्रीराम के पास 12 कलाएं थीं। साथ ही शरद पूर्णिमा के पर्व पर खीर बनाकर उसे आकाश के नीचे रखने की भी परंपरा हैं, अतः इस रात्रि में खीर को खुले आकाश में रखा जाता हैं तथा 12 बजे के पश्चात उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता हैं। ऐसी मान्‍यता हैं कि इस खीर में आकाश से गिरने वाला अमृत आ जाता हैं तथा यह खीर कई प्रकार के रोगों को नष्ट करने की शक्ति रखती हैं। एक प्रमुख बात यह भी हैं कि शरद पूर्णिमा की रात्रि, चंद्रमा पृथ्वी के सर्वाधिक निकट आ जाता हैं।
      

    शरद पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त

    इस वर्ष, शरद पूर्णिमा के लिए पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 13 अक्तूबर, रविवार की दोपहर 12 बजकर 36 मिनिट पर होगा। तथा पूर्णिमा तिथि का समापन 14 अक्तूबर, सोमवार की दोपहर 02 बजकर 38 मिनिट पर होगा।
    अतः इस वर्ष, 2019 में, शरद पूर्णिमा का व्रत 13 अक्तूबर, रविवार के दिन किया जाएगा।

    शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय 13 अक्तूबर, रविवार की संध्या 06 बजकर 03 मिनिट पर होगा।
    भगवान जी को भोग लगाने का शुभ समय मध्यरात्रि 12 बजे का रहेगा।

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