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    21 October 2019

    अहोई अष्टमी माता जी की आरती हिन्दी में | Ahoi Ashtami Mata ki Aarti in Hindi and English

    अहोई अष्टमी माता जी की आरती हिन्दी में | Ahoi Ashtami Mata ki Aarti in Hindi and English

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    करवा चौथ के पश्चात, अहोई माता के व्रत रूप में सम्पूर्ण उत्तरी भारत में एक प्रमुख त्यौहार मनाया जाता हैं। जैसे कि करवा चौथ पति की दीर्घ आयु के लिए किया जाता हैं, उसी प्रकार अहोई अष्टमी संतान की खुशहाली के लिए किया जाता हैं। अहोई अष्टमी के दिवस प्रत्येक संतानवती महिलाएँ अपने संतान की भलाई तथा उसकी लम्बी आयु की कामना हेतु उषाकाल अर्थात प्रातः सूर्योदय से प्रारम्भ कर गोधूलि बेला अर्थात संध्याकाल तक उपवास करती हैं। करवा चौथ के समान अहोई अष्टमी का दिवस भी कठोर उपवास का दिवस होता हैं तथा बहुत सी महिलाएँ सम्पूर्ण दिवस जल तक ग्रहण नहीं करती हैं। संध्याकाल में आकाश में तारों का दर्शन करने के पश्चात ही यह व्रत तोड़ा जाता हैं। साथ में, यह भी देखा गया हैं की, कई महिलाएँ चन्द्रमा के दर्शन करने के पश्चात ही यह व्रत को तोड़ती हैं, किन्तु इसका अनुसरण करना अत्यंत कठिन होता हैं, क्योंकि अहोई अष्टमी के दिवस रात में चन्द्रोदय अत्यंत देरी से होता हैं।

    करवा चौथ के समान अहोई अष्टमी का व्रत अधिकतर उत्तरी-भारत में अधिक प्रसिद्ध हैं। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिवस किया जाता हैं तथा अहोई अष्टमी व्रत का दिवस करवा चौथ के चार दिवस पश्चात तथा दीवाली पूजा से आठ दिवस पूर्व आता हैं। साथ ही, अङ्ग्रेज़ी कैलेंडर के अनुसार यह व्रत अक्तूबर या नवम्बर के महीने में आता है। अहोई अष्टमी का दिवस अहोई आठें के नाम से भी जाना जाता हैं क्योंकि यह व्रत अष्टमी तिथि, जो कि महीने का आठवाँ दिवस होता हैं। अहोई का अर्थ एक प्रकार से यह भी होता हैं की, "अनहोनी से बचाना"। अतः अहोई अष्टमी का पर्व मुख्यतः अपनी संतान की लम्बी आयु की कामना तथा उसके रक्षण के लिये किया जाता हैं। इस व्रत के विषय में एक ध्यान देने योग्य बात यह भी हैं कि इस व्रत को उसी वार को किया जाता हैं, जिस वार को दिपावली हों।

    अहोई अष्टमी माता जी की आरती हिन्दी में

    जय अहोई माता, जय अहोई माता। टेक।।
    तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता॥ जय अहोई माता॥
    ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।
    सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता॥ जय अहोई माता॥
    माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।
    जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता॥ जय अहोई माता॥
    तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।
    कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता॥ जय अहोई माता॥
    जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।
    कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता॥ जय अहोई माता॥
    तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता।
    खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता॥ जय अहोई माता॥
    शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।
    रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता॥ जय अहोई माता॥
    श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता।
    उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता॥ जय अहोई माता॥
    जय अहोई माता, जय अहोई माता।
    तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता॥ जय अहोई माता॥


    Ahoi Mata Ji Ki Aarti in English

    Jai Ahoi Mata Jai Ahoi Mata
    Tumko Nisdin Dhyavat Hari Vishnu DhataJai Ahoi Mata...
    Brahamni Rudrani Kamla tu he hai Jag Datta
    Surya Chandrama Dhyavat Narad Rishi GattaJai Ahoi Mata...
    Mata Roop Niranjan Sukh Sampatti Datta
    Jo koi Tumko Dhyavat Nit Mangal PattaJai Ahoi Mata...
    Tu he hai Pataal Basanti tu he hai Sukh Datta
    Karma Prabhav Prakashak Jagniddhi Se TrataJai Ahoi Mata...
    Jis Ghar Tharo Vaas Wahi Mein Gunna Atta
    Kar Na Sake Soi Kar Le Mann Nahi GhabrataJai Ahoi Mata...
    Tum Bin Sukh Na Hovay Putra Na Koi Patta
    Khan-Paan Ka Vaibhav Tum Bin Nahi AttaJai Ahoi Mata...
    Subh gun Sundar Yukta Sheer Niddhi Jatta
    Ratan Chaturdarsh tokun koi nahi PattaJai Ahoi Mata...
    Shree Ahoi Ma ki Aarti jo koi gatta
    Ur Umang Atti Upjay Paap Uttar JattaJai Ahoi Mata...
    Jai Ahoi Mata Jai Ahoi Mata
    Tumko Nisdin Dhyavat Hari Vishnu DhataJai Ahoi Mata...


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