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    16 July 2019

    चन्द्र ग्रहण 2019 | खग्रास चन्द्र ग्रहण सूतक समय | चन्द्र ग्रहण कब लगेगा | Chandra Grahan 2019 | Lunar Eclipse

    चन्द्र ग्रहण 2019 | खग्रास चन्द्र ग्रहण सूतक समय | चन्द्र ग्रहण कब लगेगा | Chandra Grahan 2019 | Lunar Eclipse

    chandra grahan in india
    chandra grahan july 2019 in india

    ग्रहण के समय इस मंत्र का जाप करें

    ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै



    सनातन हिन्दु धर्म के अनुसार चन्द्रग्रहण एक धार्मिक घटना हैं जिसका धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व हैं। जो चन्द्रग्रहण खुली आँखों से स्पष्ट दृष्टिगत न हो तो उस चन्द्रग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं होता हैं। केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण, जो कि नग्न आँखों से दृष्टिगत होते हैं, ऐसे चंद्रग्रहण धार्मिक कर्मकाण्ड हेतु विचारणीय होते हैं।
    ज्योतिष तथा खगोलीय शास्त्र में किसी भी ग्रहण को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता हैं। चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन तथा सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होता हैं। ज्योतिष शास्त्रियों तथा पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण तब होता हैं जब राहु तथा केतु सूर्य एवं चन्द्रमा का ग्रास करते हैं। स्कन्द पुराण के अवन्ति खंड के अनुसार उज्जैन राहु तथा केतु की जन्म भूमि हैं, अर्थात सूर्य तथा चन्द्रमा को ग्रसित करने वाले यह दोनों छाया ग्रह उज्जैन में ही जन्मे थे।
    आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का विशेष पर्व मनाया जाता हैं। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 16 जुलाई अर्थात मंगलवार के दिवस मनाई जाएगी। भारतीय संस्कृति में गुरु को देवता तुल्य माना गया हैं। वहीं, 16 जुलाई अर्थात मंगलवार की मध्यरात्रि को चंद्र ग्रहण रहेगा। अतः चंद्र ग्रहण के नौ घंटे पूर्व 16 जुलाई से ही सूतक प्रारम्भ होने के कारण साँय 4:30 बजे से मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। अतः गुरु पूर्णिमा का पर्व साँय 4:30 बजे से पूर्व मना लेना चाहिये।

    कृपया ध्यान दें-
    chandra grahan in india
    chandra grahan
    जब चन्द्र ग्रहण मध्यरात्रि अर्थात 12 बजे से पूर्व लग जाता हैं किन्तु मध्यरात्रि के पश्चात समाप्त होता हैं अर्थात जब चन्द्र ग्रहण अंग्रेजी कैलेण्डर में दो दिनों का अधिव्यापन करता हैं, तो जिस दिन चन्द्रग्रहण अधिकतम रहता हैं उस दिन की दिनांक चन्द्रग्रहण हेतु दर्शायी जाती हैं। ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण की उपच्छाया तथा प्रच्छाया का स्पर्श पिछले दिवस अर्थात मध्यरात्रि से पूर्व हो सकता हैं।
    चन्द्रग्रहण आपके नगर में दर्शनीय नहीं हो किन्तु दूसरे देशों अथवा शहरों में दर्शनीय हो तो कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता हैं। किन्तु यदि मौसम के कारण चन्द्रग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण के सूतक का अनुसरण किया जाता हैं तथा ग्रहण से सम्बन्धित सभी सावधानियों का पालन किया जाता हैं।

    खग्रास चन्द्र ग्रहण विवरण
    इस वर्ष 16 जुलाई 2019 के दिवस आषाढ़ पूर्णिमा का चन्द्र ग्रहण हैं।
    जो कि सम्पूर्ण भारत में खग्रास के रूप में दिखाई देगा।
    यह आंशिक चन्द्र ग्रहण अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिका, हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका, एशिया तथा यूरोप के अधिकांश देश तथा उत्तरी अमेरिका के कुछ पूर्वी हिस्सों से दर्शनीय होगा।
    यह आंशिक चन्द्र ग्रहण वर्ष 2019 में द्वितीय चन्द्र ग्रहण होगा।
    यह 0.65 परिमाण का आंशिक ग्रहण हैं, अतः अधिकतम ग्रहण के दौरान चन्द्रमा का लगभग आधा भाग पृथ्वी की उपच्छाया से छिप जायेगा।
    उपच्छाया के अन्दर चन्द्रमा का हिस्सा केवल पृथ्वी के वायुमण्डल के माध्यम से अपवर्तित सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होगा।
    आंशिक चन्द्र ग्रहण भारत, पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस तथा सिंगापुर से दिखाई देगा।
    अधिकांश उत्तरी अमेरिका तथा ग्रीनलैंड से कोई भी ग्रहण दिखाई नहीं देगा।


    ग्रहण का स्थानीय सूतक, स्पर्श, मोक्ष आदि के समय इस प्रकार हैं

    सूतक प्रारम्भ 16:32 दोपहर सभी हेतु
    सूतक प्रारम्भ 20:32 रात्रि केवल बच्चों, गर्भवती स्त्री, अस्वस्थ तथा अशक्त व्यक्ति तथा वृद्धजनों हेतु
    ग्रहण स्पर्श 01:32 मध्यरात्रि
    परमग्रास ग्रहण मध्य 03:01 रात्रि
    प्रच्छाया से अन्तिम स्पर्श 04:29
    ग्रहण मोक्ष 04:30 रात्रि
    उपच्छाया से प्रथम स्पर्श - 12:15 मध्यरात्रि
    ग्रहणकाल की अवधि 2 घण्टे 58 मिनट
    उपच्छाया की अवधि 05 घण्टे 33 मिनट
    चन्द्र ग्रहण का परिमाण - 0.65
    उपच्छाया चन्द्र ग्रहण का परिमाण 1.70
    सूतक समाप्त - 04:30 सभी हेतु

    यह चंद्रग्रहण प्रत्येक राशि के जातकों को इस प्रकार फल प्रदान करेगा।

    मेष - मिश्र            वृष    - अशुभ
    मिथुन - मिश्र        कर्क - शुभ
    सिंह - मिश्र          कन्या - अशुभ
    तुला - शुभ          वृश्चिक - मिश्र
    धनु - अशुभ         मकर - अशुभ
    कुंभ - शुभ           मीन - शुभ





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