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    04 March 2019

    शिवजी की आरती | आरती करने की सही विधि | ओम जय शिव ओमकारा | Shiv Aarti in Hindi | Lord Shiva

    शिवजी की आरती | आरती करने की सही विधि | ओम जय शिव ओमकारा | Shiv Aarti in Hindi | Lord Shiva

    ShivJi ki Aarti in Hindi
    shiva aarti in hindi
    शिव जी की आरती हिन्दू धर्म में मृत्यु के देवता शिव पूजा के लिए प्रयुक्त गान हैं। इसकी रचना पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी ने थी। महाशिवरात्रि पर शिवजी की पूजा के पश्चात आरती की जाती हैं।

    आरती करने की सही विधि
    शिवजी की आरती के बिना पूजा अधूरी मानी गई हैं। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की आरती करने से हर तरह का अमंगल दूर हो जाता हैं। शिवजी की आरती दिन में कई बार होती हैं। शिवजी की आरती घी लगी हुई रुई की बत्ती तथा कर्पूर से करनी चाहिए। आरती में श्रद्धा के अनुसार 1, 5, 7, 11 या 21 बत्तियां रख सकते हैं। बत्ती से आरती करने के पश्चात कर्पूर से आरती करें। आरती प्रारम्भ करने से पहले तथा पश्चात में शंख बजाएं। आरती करते समय गरुड़ घंटी तथा अन्य मधुर ध्वनी वाले यंत्र बजाएं। महाशिवरात्रि पर इस तरह आरती करने से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। हिन्दू धर्म में भगवान शिव को त्रिदेवों में गिना जाता हैं। भगवान शिव को कोई रुद्र तो कोई भोलेनाथ के नाम से पुकारता हैं। माना जाता हैं कि भगवान शिव भक्त की भक्ति मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव की पूजा में विशेष नियम नहीं होते।भगवान शिव का मंत्र भी बेहद आसान हैं। भगवान शिव की आराधना के लिए निम्न आरती का पाठ करना चाहिए।

    शिवजी की आरती (ShivJi ki Aarti in Hindi)

    कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारं।
    सदा वसन्तं ह्रदयाविन्दे भंव भवानी सहितं नमामि॥

    जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा।
    ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥
    ॐ जय शिव ओंकारा...
    एकानन चतुरानन पंचांनन राजे।
    हंसासंन ,गरुड़ासन ,वृषवाहन साजे॥
    ॐ जय शिव ओंकारा...
    दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें।
    तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥
    ॐ जय शिव ओंकारा...
    अक्षमाला ,बनमाला ,रुण्ड़मालाधारी।
    चंदन , मृदमग सोहें, भाले शशिधारी॥
    ॐ जय शिव ओंकारा...
    श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें
    सनकादिक, ब्रम्हादिक ,भूतादिक संगें
    ॐ जय शिव ओंकारा...
    कर के मध्य कमड़ंल चक्र ,त्रिशूल धरता।
    जगकर्ता, जगभर्ता, जगसंहारकर्ता॥
    ॐ जय शिव ओंकारा...
    ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
    प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका॥
    ॐ जय शिव ओंकारा...
    काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी।
    नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी॥
    ॐ जय शिव ओंकारा...
    त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें।
    कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें॥
    ॐ जय शिव ओंकारा.....
    जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
    ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥
    ॐ जय शिव ओंकारा...

    Lord Shiva Aarti  (English Text)

    Om Jai Shiv Omkara, Prabhu Jai Shiv Omkara
    Brahma Vishnu Sada Shiv, Ardhangii Dhara
    Om Jai Shiv Omkara...
    Ekanana Chaturanan Panchanan Raje
    Hansanan, Garuraasan Vrishvahan Saje
    Om Jai Shiv Omkara....
    Do Bhuja, Chaar Chaturbhuja Dashabhuja Ati Sohe
    Tiinon Roop Nirakhate Tribhuvan Jan Mohe
    Om Jai Shiv Omkara...
    Aksamala Vanamala Mundamala Dhari
    Chandana Mrigamad Sohai Bhaale Shashidhaari
    Jai Shiv Omkara...
    Shvetambara Piitambara Baaghambara Ange
    Brahmadhik Sanakaadhik Pretaadhik Sange
    Om Jai Shiv Omkara...
    Kara Madhye Kamandalu Au Trishul Dhari
    Jagkarta Jagharta Jagapalan Karta
    Jai Shiv Omkara...
    Brahma Vishnu Sadashiva Janata Aviveka
    Pranavaksar Ke Madhaya Tinonh Eka
    Om Jai Shiv Omkara...
    Trigun Swami Ki Aarti Jo Koi Nar Gave
    Kahata Shivananda Swami Mana Vanchita Phala Pave
    Jai Shiv Omkara...



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