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    08 January 2019

    2019 में होलिका दहन कब है | शास्त्रोक्त नियम | होली 2019 | होली कब है 2019 | When Is Holi in 2019

    2019 में होलिका दहन कब है | शास्त्रोक्त नियम | होली 2019 | होली कब है 2019 | When Is Holi in 2019

    holi kab hai bataiye
    holi kab hai bataiye
    हिन्दू पंचांग के अनुसार होली त्यौहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धुलेंडी, धुलंडी तथा धूलि आदि नामों से भी जाना जाता है। महाशिवरात्रि के पावन पर्व के पश्यात, इस त्योहार को बसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करने के लिए मनाते हैं। होलिका दहन जिसे छोटी होली भी कहते हैं इस पर्व के अगले दिन पूर्ण हर्षोल्लास के साथ रंग खेलने का विधान है तथा अबीर-गुलाल आदि एक-दूसरे को लगाकर व गले मिलकर इस पर्व को मनाया जाता है। बसंत ऋतु में प्रकृति में फैली रंगों की छटा को ही रंगों से खेलकर वसंत उत्सव होली के रूप में दर्शाया जाता है। विशेषतः हरियाणा में इस पर्व को धुलंडी भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म में भी इस पर्व का बहुत अधिक महत्व होता है।



    होलिका दहन का इतिहास


    होली का वर्णन बहुत पहले से हमें देखने को मिलता है। प्राचीन विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में 16वीं शताब्दी का चित्र मिला है जिसमें होली के पर्व को उकेरा गया है। ऐसे ही विंध्य पर्वतों के निकट स्थित रामगढ़ में मिले एक ईसा से 300 वर्ष पुराने अभिलेख में भी इसका उल्लेख मिलता है। कुछ लोग मानते हैं कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का वध किया था। इसी ख़ुशी में गोपियों ने उनके साथ होली खेली थी।



    होलिका दहन का शास्त्रोक्त नियम

    फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक होलाष्टक माना जाता है, जिसमें शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। पूर्णिमा के दिन होलिका-दहन किया जाता है। इसके लिए मुख्यतः दो नियम ध्यान में रखने चाहिए -

        1. पहला, उस दिन भद्रान हो। भद्रा का ही एक दूसरा नाम विष्टि करण भी है, जो कि 11 करणों में से एक है। एक करण तिथि के आधे भाग के बराबर होता है।
               2. दूसरा, पूर्णिमा प्रदोषकाल-व्यापिनी होनी चाहिए। सरल शब्दों में कहें तो उस दिन सूर्यास्त के पश्यात के तीन मुहूर्तों में पूर्णिमा तिथि होनी चाहिए।


    होली का वर्णन बहुत पहले से हमें देखने को मिलता है। प्राचीन विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में १६वीं शताब्दी का चित्र मिला है जिसमें होली के पर्व को उकेरा गया है। ऐसे ही विंध्य पर्वतों के निकट स्थित रामगढ़ में मिले एक ईसा से ३०० वर्ष पुराने अभिलेख में भी इसका उल्लेख मिलता है।

    होलिका दहन 2019

    20 मार्च 2019 बुधवार



    रंगवाली होली (धुलण्डी)
    21 मार्च 2019, गुरुवार

    होलिका दहन मुहूर्त
    20 मार्च 2019 बुधवार
    साँय 20:28 से 00:22
    भद्रा पूँछ - 15:23 से 18:24
    भद्रा मुख - 18:24 से 20:07
    पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 20 मार्च 2019 समय- 10:44 बजे
    पूर्णिमा तिथि समाप्त- 21 मार्च 2019 समय 07:22 बजे

    आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाए।
     

     

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