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    05 November 2018

    श्री कुबेर मंत्र | श्री कुबेर आरती | Kuber Aarati in Hindi

      श्री कुबेर मंत्र | श्री कुबेर आरती | Kuber Aarati

     श्री कुबेर मंत्र

     ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।
    kuber aarti in hindi
    Kuber Aarati in Hindi

     श्री गणेश जी आरती

     जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
     माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय...
     एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।
     माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥
     अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
     बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय...
     हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
     लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥
     दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
     कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय...
    'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।
     जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
     माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ जय...
     

     महालक्ष्मी जी आरती

     ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
     तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय...
     उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
     सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय...
     तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता ।
     जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय...
     तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।
     कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय...
     जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।
     सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय...
     तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।
     खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय...
     शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।
     रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय...
     महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।
     उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय...
     

     धन्वंतरि जी आरती

     जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
     जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।
     तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
     देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।
     आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
     सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।
     भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
     आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।
     तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
     असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।
     हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
     वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।
     धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
     रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।

     श्री कुबेर आरती


     ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ,
    स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे।
    शरण पड़े भगतों के,
    भण्डार कुबेर भरे।
    ॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
    शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
    स्वामी भक्त कुबेर बड़े।
    दैत्य दानव मानव से,
    कई-कई युद्ध लड़े ॥
    ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
    स्वर्ण सिंहासन बैठे,
    सिर पर छत्र फिरे,
    स्वामी सिर पर छत्र फिरे।
    योगिनी मंगल गावैं,
    सब जय जय कार करैं॥
    ॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
    गदा त्रिशूल हाथ में,
    शस्त्र बहुत धरे,
    स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
    दुख भय संकट मोचन,
    धनुष टंकार करें॥
    ॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
    भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
    स्वामी व्यंजन बहुत बने।
    मोहन भोग लगावैं,
    साथ में उड़द चने॥
    ॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
    बल बुद्धि विद्या दाता,
    हम तेरी शरण पड़े,
    स्वामी हम तेरी शरण पड़े अपने भक्त जनों के ,
    सारे काम संवारे॥
    ॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
    मुकुट मणी की शोभा,
    मोतियन हार गले,
    स्वामी मोतियन हार गले।
    अगर कपूर की बाती,
    घी की जोत जले॥
    ॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
    यक्ष कुबेर जी की आरती ,
    जो कोई नर गावे,
    स्वामी जो कोई नर गावे ।
    कहत प्रेमपाल स्वामी,
    मनवांछित फल पावे।
    ॥ इति श्री कुबेर आरती ॥

     

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