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    31 October 2023

    करवा चौथ व्रत का चांद कितने बजे निकलेगा | शुभ मुहूर्त | Karwa Chauth Vrat ka Shubh Muhurat 2023 | Aaj Chand kitne baje niklega

    करवा चौथ व्रत का चांद कितने बजे निकलेगा | शुभ मुहूर्त | Karwa Chauth Vrat ka Shubh Muhurat 2023 | Aaj Chand kitne baje niklega 

    Karwa Chauth Vrat Muhurat 2023
    Karwa Chauth Vrat ka Shubh Muhurat 2023


              हे श्री गणेश भगवान्, हे माँ गौरी,

    जिस प्रकार करवा को चिर सुहागन का वरदान प्राप्त हुआ,

    वैसा ही वरदान संसार की प्रत्येक सुहागिनों को प्राप्त हो।

     

    करवा चौथ सनातन हिन्दु धर्म का एक प्रमुख पर्व हैं। यह त्यौहार पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान के साथ-साथ सम्पूर्ण भारत-वर्ष में भिन्न-भिन्न विधि-विधान तथा भिन्न-भिन्न परंपराओं के साथ धूमधाम से मनाया जाता हैं। करवा चौथ को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ शरद पूर्णिमा से चौथे दिवस अर्थात कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के शुभ दिवस मनाया जाता हैं। वहीं गुजरात, महाराष्ट्र तथा दक्षिणी भारत में करवा चौथ आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता हैं। तथा अङ्ग्रेज़ी कैलेंडर के अनुसार यह पर्व अक्तूबर या नवंबर के महीने में आता है। करवा चौथ के व्रत में सम्पूर्ण शिव-परिवार अर्थात शिव जी, पार्वती जी, नंदी जी, गणेश जी तथा कार्तिकेय जी की विधिपूर्वक पूजा करने का विधान हैं। करवा या करक मिट्टी के पात्र को कहा जाता हैं, जिससे चन्द्रमा को जल अर्पण किया जाता है, जल अर्पण करने को ही अर्घ्य देना कहते हैं।

    करवा चौथ का पावन व्रत सौभाग्यवती स्त्रियाँ अपने पति की दिर्ध आयु तथा अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखती हैं तथा अविवाहित कन्याएँ भी उत्तम जीवनसाथी की प्राप्ति हेतु करवा चौथ के दिवस निर्जला उपवास रखती हैं तथा चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही अपने व्रत का पारण करती हैं। यह व्रत प्रातः सूर्योदय से पूर्व ४ बजे से प्रारम्भ होकर रात्रि में चंद्र-दर्शन के पश्चात ही संपूर्ण होता हैं। पंजाब तथा हरियाणा में सूर्योदय से पूर्व सरगी के साथ इस व्रत का शुभारम्भ होता हैं। सरगी करवा चौथ के दिवस सूर्योदय से पूर्व किया जाने वाला भोजन होता हैं। जो महिलाएँ इस दिवस व्रत रखती हैं उनकी सासुमाँ उनके लिए सरगी बनाती हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान में इस पर्व पर गौर माता की पूजा की जाती हैं। गौर माता की पूजा के लिए प्रतिमा गौ - माता के गोबर से बनाई जाती हैं।

     


    आज हम आपको इस विडियो के माध्यम से बताते हैं, कारवाँ चौथ व्रत की पूजा का अत्यंत शुभ मुहूर्त तथा भारत के प्रत्येक प्रमुख नगरों में करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय-

     

    करवा चौथ के दिवस चंद्रमा उदय होने का समय प्रत्येक महिलाओं के लिए अत्यंत विशेष महत्वपूर्ण होता हैं, क्योंकि वे अपने पति की दिर्ध आयु के लिये सम्पूर्ण दिवस निर्जल व्रत रहती हैं तथा केवल उदित सम्पूर्ण चन्द्रमाँ के दर्शन करने के पश्चात ही जल ग्रहण कर सकती हैं। यह मान्यता हैं कि, चन्द्रमाँ को देखे बिना यह व्रत पूर्ण नहीं माना जाता हैं तथा कोई भी महिला कुछ भी खा नहीं सकती हैं ना ही जल ग्रहण सकती कर हैं। करवा चौथ व्रत तभी पूर्ण माना जाता हैं जब महिला उदित सम्पूर्ण चन्द्रमाँ को एक छलनी में घी का दीपक रखकर देखती हैं तथा चन्द्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति के हाथों से जल ग्रहण करती हैं।

     

    करवा चौथ व्रत

    इस वर्ष, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्तूबर, मंगलवार की रात्रि 09 बजकर 30 मिनिट से प्रारम्भ हो कर, 01 नवंबर, बुधवार की रात्रि 09 बजकर 19 मिनिट तक व्याप्त रहेगी।

     

    अतः इस वर्ष 2023 में करवा चौथ का व्रत 01 नवंबर, बुधवार के दिन किया जाएगा।

    तथा यह व्रत प्रातः 06:33 से साँय 20:16 तक रखना चाहिए।

     

    करवा चौथ के व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 01 नवंबर, बुधवार की साँय 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 54 मिनट तक का रहेगा।

    करवा चौथ पर चन्द्रमा मॄगशिरा नक्षत्र तथा मिथुन राशि में रहेंगे। जिसका कारक बुध ग्रह होता है, जो की पति-पत्नी के मध्य अटूट प्रेम का कारक है।

     

    करवाचौथ के दिवस चन्द्रमाँ का उदय भारतवर्ष में 08 बजकर 16 मिनट पर होने का अनुमान हैं। तथा आपके नगर में करवा चौथ पर चन्द्रोदय का अनुमानित समय कुछ इस प्रकार से हैं -

     

    भारत के प्रमुख नगरों में करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय इस प्रकार रहेगा।

    अहमदाबाद - 08:35 पर चंद्रोदय होगा।

    दिल्ली - 08:10 पर चंद्रोदय होगा।

    लखनऊ - 07:58 पर चंद्रोदय होगा।

    कोलकाता - 07:34 पर चंद्रोदय होगा।

    मुंबई - 08:42 पर चंद्रोदय होगा।

    जयपुर - 08:19 पर चंद्रोदय होगा।

    बैंगलोर - 08.31 पर चंद्रोदय होगा।

    चेन्नई - 08:22 पर चंद्रोदय होगा।

    वाराणसी – 07:54 पर चंद्रोदय होगा।

    नडियाद - 9:03 पर चंद्रोदय होगा।

    गाज़ियाबाद - 08:09 पर चंद्रोदय होगा।

    गुरुग्राम - 08:11 पर चंद्रोदय होगा।

    फरीदाबाद - 08:10 पर चंद्रोदय होगा।

    मेरठ - 08:08 पर चंद्रोदय होगा।

    रोहतक - 08:09 पर चंद्रोदय होगा।

    करनाल - 08:09 पर चंद्रोदय होगा।

    हिसार - 08:15 पर चंद्रोदय होगा।

    सोनीपत - 08:10 पर चंद्रोदय होगा।

    कुरुक्षेत्र - 08:10 पर चंद्रोदय होगा।

    पानीपत - 08:11 पर चंद्रोदय होगा।

    चंडीगढ़ - 08:07 पर चंद्रोदय होगा।

    अमृतसर - 08:12 पर चंद्रोदय होगा।

    अंबाला - 08:10 पर चंद्रोदय होगा।

    जालंधर - 08:13 पर चंद्रोदय होगा।

    पटियाला - 08:11 पर चंद्रोदय होगा।

    लुधियाना - 08:11 पर चंद्रोदय होगा।

    जम्मू - 08:14 पर चंद्रोदय होगा।

    पंचकूला - 08:07 पर चंद्रोदय होगा।

    देहरादून - 08:04 पर चंद्रोदय होगा।

    शिमला - 08:06 पर चंद्रोदय होगा।

    इंदौर - 08:24 पर चंद्रोदय होगा।

    ग्वालियर - 08:10 पर चंद्रोदय होगा।

    कानपुर - 08:02 पर चंद्रोदय होगा।

    प्रयागराज – 07:57 पर चंद्रोदय होगा।

    उदयपुर - 08:29 पर चंद्रोदय होगा।

    अजमेर - 08:24 पर चंद्रोदय होगा।

    जोधपुर - 08:31 पर चंद्रोदय होगा।

    पटना - 07:44 पर चंद्रोदय होगा।

     


    In the major cities of India, the time of moonrise on Karva Chauth Vrat 2023 will be like this: -

    Ahmedabad - Moonrise will be at 08:35 hrs.

    Delhi - Moonrise will be at 08:10 hrs.

    Lucknow - Moonrise will be at 07:58 hrs.

    Kolkata - Moonrise will be at 07:34 hrs.

    Mumbai - Moonrise will be at 08:42 hrs.

    Jaipur - Moonrise will be at 08:19 hrs.

    Bangalore - Moonrise will be at 08.31 hrs.

    Chennai - Moonrise will be at 08:22 hrs.

    Varanasi – Moonrise will be at 07:54 hrs.

    Nadiad - Moonrise will be at 9:03 hrs.

    Ghaziabad - Moonrise will be at 08:09 hrs.

    Gurugram - Moonrise will be at 08:11 hrs.

    Faridabad - Moonrise will be at 08:10 hrs.

    Meerut - Moonrise will be at 08:08 hrs.

    Rohtak - Moonrise will be at 08:09 hrs.

    Karnal - Moonrise will be at 08:09 hrs.

    Hisar - Moonrise will be at 08:15 hrs.

    Sonipat - Moonrise will be at 08:10 hrs.

    Kurukshetra – Moonrise will be at 08:10 hrs.

    Panipat - Moonrise will be at 08:11 hrs.

    Chandigarh - Moonrise will be at 08:07 hrs.

    Amritsar - Moonrise will be at 08:12 hrs.

    Ambala - Moonrise will be at 08:10 hrs.

    Jalandhar - Moonrise will be at 08:13 hrs.

    Patiala - Moonrise will be at 08:11 hrs.

    Ludhiana - Moonrise will be at 08:11 hrs.

    Jammu - Moonrise will be at 08:14 hrs.

    Panchkula - Moonrise will be at 08:07 hrs.

    Dehradun - Moonrise will be at 08:04 hrs.

    Shimla - Moonrise will be at 08:06 hrs.

    Indore - Moonrise will be at 08:24 hrs.

    Gwalior - Moonrise will be at 08:10 hrs.

    Kanpur - Moonrise will be at 08:02 hrs.

    Prayagraj – Moonrise will be at 07:57 hrs.

    Udaipur - Moonrise will be at 08:29 hrs.

    Ajmer - Moonrise will be at 08:24 hrs.

    Jodhpur - Moonrise will be at 08:31 hrs.

    Patna - Moonrise will be at 07:44 hrs.

     

    यदि करवा चौथ के संदर्भ में आपका कोई प्रश्न हैं या आप इस व्रत की अन्य जानकारी चाहते हैं, तो कृपया नीचे टिप्पणी कीजिए।

     

    09 July 2023

    सावन का महीना कब से शुरू हैं | श्रावण मास सोमवार व्रत कब से हैं 2023 | Sawan Kab se Start hai

    सावन का महीना कब से शुरू हैं श्रावण मास सोमवार व्रत कब से हैं 2023 | Sawan Kab se Start hai

     sawan mahina kab se start hai 2023


    करपूर गौरम करूणावतारम, संसार सारम भुजगेन्द्र हारम ।
    सदा वसंतम हृदयारविंदे, भवम भवानी सहितं नमामि ॥
     
    जिनका शरीर कपूर के समान गोरा हैं, जो करुणा के अवतार हैं, जो शिव संसार के सार अर्थात मूल हैं। तथा जो महादेव सर्पराज को गले के हार के रूप में धारण करते हैं, ऐसे सदैव प्रसन्न रहने वाले भगवान शिव को मैं अपने हृदय कमल में शिव तथा पार्वती के साथ नमस्कार करता हूँ।
     

    सनातन हिन्दू धर्म के अनुसार चतुर्थी, एकादशी, त्रयोदशी-प्रदोष, अमावस्या, पूर्णिमा आदि जैसे अनेक व्रत तथा उपवास किए जाते हैं। किन्तु चातुर्मास को व्रतों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया हैं। चातुर्मास का समय 4 मास की अवधि में होता हैं, जो की आषाढ़ शुक्ल एकादशी अर्थात देवशयनी एकादशीसे प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी अर्थात प्रबोधिनी एकादशीतक चलता हैं। चातुर्मास के चार मास इस प्रकार हैं:- श्रावण, भाद्रपद, आश्विन तथा कार्तिक।
    चातुर्मास के प्रथम मास को ही श्रावण मास कहा जाता हैं। श्रावण शब्द, श्रवण से बना हैं जिसका अर्थ होता हैं सुनना, अर्थात सुनकर धर्म को समझना। वेदों के ज्ञान को ईश्वर से सुनकर ही ऋषियों ने समस्त प्राणियों को सुनाया था। सावन का महीना भक्तिभाव तथा सत्संग के लिए विशेष होता हैं। सावन के मास में विशेष रूप से भगवान शिव, माता पार्वती तथा श्री कृष्णजी की पूजा-अर्चना की जाती हैं। भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु सम्पूर्ण सावन के मास को अत्यंत शुभ व फलदायक माना जाता हैं। अतः भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु समस्त भक्तगण श्रावण मास के दौरान विभिन्न प्रकार से व्रत तथा उपवास रखते हैं। 
    श्रावण मास के दौरान समस्त उत्तरी भारत के राज्यों में सोमवार का व्रत अत्यंत शुभ माना जाता हैं। कई भक्त सावन मास के प्रथम सोमवार के दिन से ही सोलह सोमवार उपवास का प्रारम्भ करते हैं। श्रावण मास में प्रत्येक मंगलवार भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती माँ को समर्पित होते हैं। श्रावण मास के दौरान मंगलवार का उपवास मंगल-गौरी व्रत के रूप में जाना जाता हैं।
    वैसे तो प्रत्येक सोमवार भगवान शिव की उपासना के लिये उपयुक्त माना जाता हैं किन्तु सावन के सोमवार का महत्व अधिक माना गया हैं। श्रावण के सोमवार व्रत की पूजा भी अन्य सोमवार व्रत के अनुसार की जाती हैं। इस व्रत में केवल एकाहार अर्थात एक समय भोजन ग्रहण करने का संकल्प लिया जाता हैं। भगवान भोलेनाथ तथा माता पार्वती जी की धूप, दीप, जल, पुष्प आदि से पूजा करने का विधान हैं। शिव पूजा के लिये सामग्री में उनकी प्रिय वस्तुएं भांग, धतूरा आदि भी रख सकते हैं। सावन के प्रत्येक सोमवार भगवान शिव को जल अवश्य अर्पित करना चाहिये। रात्रि में भूमि पर आसन बिछा कर शयन करना चाहिये। सावन के पहले सोमवार से आरंभ कर 9 या 16 सोमवार तक लगातार उपवास करना चाहिये तथा उसके पश्चात 9वें या 16वें सोमवार पर व्रत का उद्यापन अर्थात पारण किया जाता हैं। यदि लगातार 9 या 16 सोमवार तक उपवास करना संभव न हो तो आप केवल सावन के चार सोमवार इस व्रत को कर सकते हैं।


     

    सावन के सोमवार का व्रत 2023

    इस वर्ष, श्रावण सोमवार का व्रत कब से प्रारम्भ हैं तथा कब तक किया जाएगा?
    भारतवर्ष के विभिन्न क्षेत्रों में चंद्र पंचांग के आधार पर श्रावण मास के प्रारम्भ के समय में पंद्रह दिनों का अंतर आ जाता हैं। पूर्णिमांत पंचांग में श्रावण मास अमांत पंचांग से पंद्रह दिन पहले प्रारम्भ हो जाता हैं। अमांत चंद्र पंचांग का प्रयोग गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, कर्नाटक तथा तमिलनाडु में किया जाता हैं, वहीं पूर्णिमांत चंद्र पंचांग का उपयोग उत्तरी भारत के राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, बिहार तथा झारखंड में किया जाता हैं। साथ ही, नेपाल तथा उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में तो सावन के सोमवार को सौर पंचांग के अनुसार मनाया जाता हैं। अतः सावन सोमवार की आधी तारीखें दोनों पंचांग में भिन्न-भिन्न होती हैं।
     

    सावन (श्रावण) सोमवार व्रत कब से कब तक 2023

    उत्तर भारत- उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार तथा झारखण्ड के लिए सावन के सोमवार का व्रत
     
     
    श्रावण प्रारम्भ (उत्तर भारत)
    04 जुलाई, मंगलवार
     
    प्रथम श्रावण सोमवार व्रत
    10 जुलाई, सोमवार
     
    द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत
    17 जुलाई, सोमवार
     
    श्रावण अधिक मास प्रारम्भ
    18 जुलाई, मंगलवार
     
    श्रावण अधिक प्रथम सोमवार व्रत
    24 जुलाई, सोमवार
     
    श्रावण अधिक द्वितीय सोमवार व्रत
    31 जुलाई, सोमवार
     
    श्रावण अधिक तृतीय सोमवार व्रत
    07 अगस्त, सोमवार
     
    श्रावण अधिक चतुर्थ सोमवार व्रत
    14 अगस्त, सोमवार
     
    श्रावण अधिक मास समाप्त
    16 अगस्त, बुधवार
     
    तृतीय श्रावण सोमवार व्रत
    21 अगस्त, सोमवार
     
    चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत
    28 अगस्त, सोमवार
     
    श्रावण समाप्त (उत्तर भारत)
    31 अगस्त, बृहस्पतिवार
    श्रावण समाप्त
     

    सावन सोमवार व्रत 2023

    गुजरात, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के लिए सावन के सोमवार का व्रत
     
    श्रावण प्रारम्भ (दक्षिण भारत)
    18 जुलाई, मंगलवार
     
    श्रावण अधिक प्रथम सोमवार व्रत
    24 जुलाई, सोमवार
     
    श्रावण अधिक द्वितीय सोमवार व्रत
    31 जुलाई, सोमवार
     
    श्रावण अधिक तृतीय सोमवार व्रत
    07 अगस्त, सोमवार
     
    श्रावण अधिक चतुर्थ सोमवार व्रत
    17 अगस्त, सोमवार
     
    श्रावण अधिक मास समाप्त
    16 अगस्त, बुधवार
     
    प्रथम श्रावण सोमवार व्रत
    21 अगस्त, सोमवार
     
    द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत
    28 अगस्त, सोमवार
     
    तृतीय श्रावण सोमवार व्रत
    04 सितम्बर, सोमवार
     
    चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत
    11 सितम्बर, सोमवार
     
    श्रावण समाप्त (दक्षिण भारत)
    15 सितम्बर, शुक्रवार
     

    09 January 2023

    संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चन्द्रोदय का समय 2023 Aaj Chand Nikalne kitne baje niklega | Chandrodaya ka Samay

    संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चन्द्रोदय का समय 2023 Aaj Chand Nikalne kitne baje niklega | Chandrodaya ka Samay 

    sakat chauth chand kitne baje niklega
    sakat chauth chand kitne baje niklega

    🌷 विघ्नों तथा मुसीबते दूर करने के लिए 🌷

    👉 कृष्ण पक्ष की चतुर्थी।
    🙏🏻 शिव पुराण में आता है कि प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (पूनम के पश्चात) के दिन प्रातः श्री गणेशजी का पूजन करें तथा रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें तथा ये मंत्र बोलें :
    🌷 ॐ गं गणपते नमः ।
    🌷 ॐ सोमाय नमः ।
     
     

    🌷 चतुर्थी तिथि विशेष 🌷

    🙏🏻 चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।
    📆 हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।
    🙏🏻 पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
    🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
    अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली तथा एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
     
     

    🌷 कोई कष्ट हो तो 🌷

    🙏🏻 हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट तथा समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |
    👉🏻 छः मंत्र इस प्रकार हैं
    🌷 ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।
    🌷 ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तोभैरव देख दुष्ट घबराये ।
    🌷 ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।
    🌷 ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है तथा अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । तथा जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।
    🌷 ॐ अविघ्नाय नम:
    🌷 ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
    हिन्दु के अनुसार प्रत्येक चंद्र मास में दो चतुर्थी होती हैं। सनातन हिन्दू ग्रन्थों के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि हैं। अमावस के पश्चात आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं तथा पूर्णिमा के पश्चात आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
    चतुर्थी के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें तथा रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें तथा ये मंत्र बोलें :
    🌷 ॐ गं गणपते नमः ।
    🌷 ॐ सोमाय नमः ।
     

    🌷 चतुर्थी तिथि विशेष 🌷

    🙏🏻 चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।
    📆 हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो #चतुर्थी होती है।
    🙏🏻 पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
    🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
    अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली तथा एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
     
     

    संकष्टी चतुर्थी व्रत 2023 चन्द्रोदय का समय

     
    जनवरी 10, 2023, मंगलवार
    सकट चौथ
    लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी
    08:41 पी एम
    माघ, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 12:09 पी एम, जनवरी 10
    समाप्त - 02:31 पी एम, जनवरी 11
     
    फरवरी 9, 2023, बृहस्पतिवार
    द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
    09:18 पी एम
    फाल्गुन, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 06:23 ए एम, फरवरी 09
    समाप्त - 07:58 ए एम, फरवरी 10
     
    मार्च 11, 2023, शनिवार
    भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी
    10:03 पी एम
    चैत्र, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 09:42 पी एम, मार्च 10
    समाप्त - 10:05 पी एम, मार्च 11
     
    अप्रैल 9, 2023, रविवार
    विकट संकष्टी चतुर्थी
    10:02 पी एम
    वैशाख, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 09:35 ए एम, अप्रैल 09
    समाप्त - 08:37 ए एम, अप्रैल 10
     
    मई 8, 2023, सोमवार
    एकदन्त संकष्टी चतुर्थी
    10:04 पी एम
    ज्येष्ठ, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 06:18 पी एम, मई 08
    समाप्त - 04:08 पी एम, मई 09
     
    जून 7, 2023, बुधवार
    कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी
    10:50 पी एम
    आषाढ़, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 12:50 ए एम, जून 07
    समाप्त - 09:50 पी एम, जून 07
     
    जुलाई 6, 2023, बृहस्पतिवार
    गजानन संकष्टी चतुर्थी
    10:12 पी एम
    श्रावण, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 06:30 ए एम, जुलाई 06
    समाप्त - 03:12 ए एम, जुलाई 07
     
    अगस्त 4, 2023, शुक्रवार
    विभुवन संकष्टी चतुर्थी
    09:20 पी एम
    श्रावण, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 12:45 पी एम, अगस्त 04
    समाप्त - 09:39 ए एम, अगस्त 05
     
    सितम्बर 3, 2023, रविवार
    बहुला चतुर्थी
    हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी
    08:57 पी एम
    भाद्रपद, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 08:49 पी एम, सितम्बर 02
    समाप्त - 06:24 पी एम, सितम्बर 03
     
    अक्टूबर 2, 2023, सोमवार
    विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी
    08:05 पी एम
    आश्विन, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 07:36 ए एम, अक्टूबर 02
    समाप्त - 06:11 ए एम, अक्टूबर 03
     
    नवम्बर 1, 2023, बुधवार
    करवा चौथ
    वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी
    08:15 पी एम
    कार्तिक, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 09:30 पी एम, अक्टूबर 31
    समाप्त - 09:19 पी एम, नवम्बर 01
     
    नवम्बर 30, 2023, बृहस्पतिवार
    गणाधिप संकष्टी चतुर्थी
    07:54 पी एम
    मार्गशीर्ष, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 02:24 पी एम, नवम्बर 30
    समाप्त - 03:31 पी एम, दिसम्बर 01
     
    दिसम्बर 30, 2023, शनिवार
    अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
    08:36 पी एम
    पौष, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 09:43 ए एम, दिसम्बर 30
    समाप्त - 11:55 ए एम, दिसम्बर 31
     

    Sankashti Chaturthi fast 2023 moonrise time

     
    January 10, 2023, Tuesday
    Sakat Chauth
    Lambodar Sankashti Chaturthi
    08:41 p.m.
    Magha, Krishna Chaturthi
    Starts - 12:09 PM, Jan 10
    Ends - 02:31 PM, Jan 11
     
    February 9, 2023, Thursday
    Dwijapriya Sankashti Chaturthi
    09:18 p.m.
    Falgun, Krishna Chaturthi
    Starts - 06:23 am, Feb 09
    Ends - 07:58 am, Feb 10
     
    March 11, 2023, Saturday
    Bhalchandra Sankashti Chaturthi
    10:03 p.m.
    Chaitra, Krishna Chaturthi
    Starts - 09:42 PM, March 10
    Ends - 10:05 PM, March 11
     
    April 9, 2023, Sunday
    Vikat Sankashti Chaturthi
    10:02 p.m.
    Vaishakh, Krishna Chaturthi
    Starts - 09:35 am, Apr 09
    Ends - 08:37 am, Apr 10
     
    May 8, 2023, Monday
    Ekdant Sankashti Chaturthi
    10:04 p.m.
    Jyestha, Krishna Chaturthi
    Starts - 06:18 PM, May 08
    Ends - 04:08 PM, May 09
     
    June 7, 2023, Wednesday
    Krishna Pingal Sankashti Chaturthi
    10:50 p.m.
    Ashada, Krishna Chaturthi
    Starts - 12:50 AM, Jun 07
    Ends - 09:50 PM, Jun 07
     
    July 6, 2023, Thursday
    Gajanan Sankashti Chaturthi
    10:12 p.m.
    Shravan, Krishna Chaturthi
    Starts - 06:30 am, Jul 06
    Ends - 03:12 am, Jul 07
     
    August 4, 2023, Friday
    Vibhuvan Sankashti Chaturthi
    09:20 p.m.
    Shravan, Krishna Chaturthi
    Starts - 12:45 PM, Aug 04
    Ends - 09:39 am, Aug 05
     
    September 3, 2023, Sunday
    bahula chaturthi
    Heramb Sankashti Chaturthi
    08:57 p.m.
    Bhadrapada, Krishna Chaturthi
    Starts - 08:49 PM, Sep 02
    Ends - 06:24 PM, Sep 03
     
    October 2, 2023, Monday
    Vighnaraj Sankashti Chaturthi
    08:05 p.m.
    Ashwin, Krishna Chaturthi
    Begins - 07:36 am, Oct 02
    Ends - 06:11 am, Oct 03
     
    November 1, 2023, Wednesday
    karwa chauth
    Vakratunda Sankashti Chaturthi
    08:15 p.m.
    Kartik, Krishna Chaturthi
    Starts - 09:30 PM, October 31
    Ends - 09:19 PM, Nov 01
     
    November 30, 2023, Thursday
    Ganadeep Sankashti Chaturthi
    07:54 p.m.
    Marshish, Krishna Chaturthi
    Begins - 02:24 PM, November 30
    Ends - 03:31 PM, December 01
     
    December 30, 2023, Saturday
    Akhurath Sankashti Chaturthi
    08:36 p.m.
    Poush, Krishna Chaturthi
    Starts - 09:43 am, December 30
    Ends - 11:55 am, Dec 31