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    09 July 2023

    सावन का महीना कब से शुरू हैं | श्रावण मास सोमवार व्रत कब से हैं 2023 | Sawan Kab se Start hai

    सावन का महीना कब से शुरू हैं श्रावण मास सोमवार व्रत कब से हैं 2023 | Sawan Kab se Start hai

     sawan mahina kab se start hai 2023


    करपूर गौरम करूणावतारम, संसार सारम भुजगेन्द्र हारम ।
    सदा वसंतम हृदयारविंदे, भवम भवानी सहितं नमामि ॥
     
    जिनका शरीर कपूर के समान गोरा हैं, जो करुणा के अवतार हैं, जो शिव संसार के सार अर्थात मूल हैं। तथा जो महादेव सर्पराज को गले के हार के रूप में धारण करते हैं, ऐसे सदैव प्रसन्न रहने वाले भगवान शिव को मैं अपने हृदय कमल में शिव तथा पार्वती के साथ नमस्कार करता हूँ।
     

    सनातन हिन्दू धर्म के अनुसार चतुर्थी, एकादशी, त्रयोदशी-प्रदोष, अमावस्या, पूर्णिमा आदि जैसे अनेक व्रत तथा उपवास किए जाते हैं। किन्तु चातुर्मास को व्रतों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया हैं। चातुर्मास का समय 4 मास की अवधि में होता हैं, जो की आषाढ़ शुक्ल एकादशी अर्थात देवशयनी एकादशीसे प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी अर्थात प्रबोधिनी एकादशीतक चलता हैं। चातुर्मास के चार मास इस प्रकार हैं:- श्रावण, भाद्रपद, आश्विन तथा कार्तिक।
    चातुर्मास के प्रथम मास को ही श्रावण मास कहा जाता हैं। श्रावण शब्द, श्रवण से बना हैं जिसका अर्थ होता हैं सुनना, अर्थात सुनकर धर्म को समझना। वेदों के ज्ञान को ईश्वर से सुनकर ही ऋषियों ने समस्त प्राणियों को सुनाया था। सावन का महीना भक्तिभाव तथा सत्संग के लिए विशेष होता हैं। सावन के मास में विशेष रूप से भगवान शिव, माता पार्वती तथा श्री कृष्णजी की पूजा-अर्चना की जाती हैं। भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु सम्पूर्ण सावन के मास को अत्यंत शुभ व फलदायक माना जाता हैं। अतः भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु समस्त भक्तगण श्रावण मास के दौरान विभिन्न प्रकार से व्रत तथा उपवास रखते हैं। 
    श्रावण मास के दौरान समस्त उत्तरी भारत के राज्यों में सोमवार का व्रत अत्यंत शुभ माना जाता हैं। कई भक्त सावन मास के प्रथम सोमवार के दिन से ही सोलह सोमवार उपवास का प्रारम्भ करते हैं। श्रावण मास में प्रत्येक मंगलवार भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती माँ को समर्पित होते हैं। श्रावण मास के दौरान मंगलवार का उपवास मंगल-गौरी व्रत के रूप में जाना जाता हैं।
    वैसे तो प्रत्येक सोमवार भगवान शिव की उपासना के लिये उपयुक्त माना जाता हैं किन्तु सावन के सोमवार का महत्व अधिक माना गया हैं। श्रावण के सोमवार व्रत की पूजा भी अन्य सोमवार व्रत के अनुसार की जाती हैं। इस व्रत में केवल एकाहार अर्थात एक समय भोजन ग्रहण करने का संकल्प लिया जाता हैं। भगवान भोलेनाथ तथा माता पार्वती जी की धूप, दीप, जल, पुष्प आदि से पूजा करने का विधान हैं। शिव पूजा के लिये सामग्री में उनकी प्रिय वस्तुएं भांग, धतूरा आदि भी रख सकते हैं। सावन के प्रत्येक सोमवार भगवान शिव को जल अवश्य अर्पित करना चाहिये। रात्रि में भूमि पर आसन बिछा कर शयन करना चाहिये। सावन के पहले सोमवार से आरंभ कर 9 या 16 सोमवार तक लगातार उपवास करना चाहिये तथा उसके पश्चात 9वें या 16वें सोमवार पर व्रत का उद्यापन अर्थात पारण किया जाता हैं। यदि लगातार 9 या 16 सोमवार तक उपवास करना संभव न हो तो आप केवल सावन के चार सोमवार इस व्रत को कर सकते हैं।


     

    सावन के सोमवार का व्रत 2023

    इस वर्ष, श्रावण सोमवार का व्रत कब से प्रारम्भ हैं तथा कब तक किया जाएगा?
    भारतवर्ष के विभिन्न क्षेत्रों में चंद्र पंचांग के आधार पर श्रावण मास के प्रारम्भ के समय में पंद्रह दिनों का अंतर आ जाता हैं। पूर्णिमांत पंचांग में श्रावण मास अमांत पंचांग से पंद्रह दिन पहले प्रारम्भ हो जाता हैं। अमांत चंद्र पंचांग का प्रयोग गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, कर्नाटक तथा तमिलनाडु में किया जाता हैं, वहीं पूर्णिमांत चंद्र पंचांग का उपयोग उत्तरी भारत के राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, बिहार तथा झारखंड में किया जाता हैं। साथ ही, नेपाल तथा उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में तो सावन के सोमवार को सौर पंचांग के अनुसार मनाया जाता हैं। अतः सावन सोमवार की आधी तारीखें दोनों पंचांग में भिन्न-भिन्न होती हैं।
     

    सावन (श्रावण) सोमवार व्रत कब से कब तक 2023

    उत्तर भारत- उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार तथा झारखण्ड के लिए सावन के सोमवार का व्रत
     
     
    श्रावण प्रारम्भ (उत्तर भारत)
    04 जुलाई, मंगलवार
     
    प्रथम श्रावण सोमवार व्रत
    10 जुलाई, सोमवार
     
    द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत
    17 जुलाई, सोमवार
     
    श्रावण अधिक मास प्रारम्भ
    18 जुलाई, मंगलवार
     
    श्रावण अधिक प्रथम सोमवार व्रत
    24 जुलाई, सोमवार
     
    श्रावण अधिक द्वितीय सोमवार व्रत
    31 जुलाई, सोमवार
     
    श्रावण अधिक तृतीय सोमवार व्रत
    07 अगस्त, सोमवार
     
    श्रावण अधिक चतुर्थ सोमवार व्रत
    14 अगस्त, सोमवार
     
    श्रावण अधिक मास समाप्त
    16 अगस्त, बुधवार
     
    तृतीय श्रावण सोमवार व्रत
    21 अगस्त, सोमवार
     
    चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत
    28 अगस्त, सोमवार
     
    श्रावण समाप्त (उत्तर भारत)
    31 अगस्त, बृहस्पतिवार
    श्रावण समाप्त
     

    सावन सोमवार व्रत 2023

    गुजरात, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के लिए सावन के सोमवार का व्रत
     
    श्रावण प्रारम्भ (दक्षिण भारत)
    18 जुलाई, मंगलवार
     
    श्रावण अधिक प्रथम सोमवार व्रत
    24 जुलाई, सोमवार
     
    श्रावण अधिक द्वितीय सोमवार व्रत
    31 जुलाई, सोमवार
     
    श्रावण अधिक तृतीय सोमवार व्रत
    07 अगस्त, सोमवार
     
    श्रावण अधिक चतुर्थ सोमवार व्रत
    17 अगस्त, सोमवार
     
    श्रावण अधिक मास समाप्त
    16 अगस्त, बुधवार
     
    प्रथम श्रावण सोमवार व्रत
    21 अगस्त, सोमवार
     
    द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत
    28 अगस्त, सोमवार
     
    तृतीय श्रावण सोमवार व्रत
    04 सितम्बर, सोमवार
     
    चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत
    11 सितम्बर, सोमवार
     
    श्रावण समाप्त (दक्षिण भारत)
    15 सितम्बर, शुक्रवार