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    31 January 2021

    संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चन्द्रोदय का समय 2021 | Aaj Chand Nikalne kitne baje niklega | Chandrodaya ka Samay

    संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चन्द्रोदय का समय 2021 Aaj Chand Nikalne kitne baje niklega | Chandrodaya ka Samay 


    sakat chauth 2021
    sakat chauth  2021

    🌷 विघ्नों तथा मुसीबते दूर करने के लिए 🌷
    👉 कृष्ण पक्ष की चतुर्थी।
    🙏🏻 शिव पुराण में आता है कि प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (पूनम के पश्चात) के दिन प्रातः श्री गणेशजी का पूजन करें तथा रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें तथा ये मंत्र बोलें :
    🌷 ॐ गं गणपते नमः ।
    🌷 ॐ सोमाय नमः ।
     
     
    🌷 चतुर्थी तिथि विशेष 🌷
    🙏🏻 चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।
    📆 हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।
    🙏🏻 पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
    🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
    ➡ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली तथा एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
     
     
    🌷 कोई कष्ट हो तो 🌷
    🙏🏻 हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट तथा समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |
    👉🏻 छः मंत्र इस प्रकार हैं
    🌷 ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।
    🌷 ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तोभैरव देख दुष्ट घबराये ।
    🌷 ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।
    🌷 ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है तथा अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । तथा जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।
    🌷 ॐ अविघ्नाय नम:
    🌷 ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
    हिन्दु के अनुसार प्रत्येक चंद्र मास में दो चतुर्थी होती हैं। सनातन हिन्दू ग्रन्थों के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि हैं। अमावस के पश्चात आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं तथा पूर्णिमा के पश्चात आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
    चतुर्थी के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें तथा रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें तथा ये मंत्र बोलें :
    🌷 ॐ गं गणपते नमः ।
    🌷 ॐ सोमाय नमः ।
     
    ‪🌷 चतुर्थी तिथि विशेष 🌷
    🙏🏻 चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।
    📆 हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो #चतुर्थी होती है।
    🙏🏻 पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
    🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
    ➡ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली तथा एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
     
     

    संकष्टी चतुर्थी व्रत 2020 चन्द्रोदय का समय

     
    अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
    02 जनवरी, 2021, शनिवार
    चन्द्रोदय - 08:59 PM
    पौष, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 09:09 AM, जनवरी 02
    समाप्त - 08:22 AM, जनवरी 03
     
    सकट चौथ, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी
    31 जनवरी, 2021, रविवार
    चन्द्रोदय - 08:51 PM
    माघ, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 08:24 PM, जनवरी 31
    समाप्त - 06:24 PM, फरवरी 01
     
    द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
    02 मार्च, 2021, मंगलवार
    चन्द्रोदय - 09:43 PM
    फाल्गुन, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 05:46 AM, मार्च 02
    समाप्त - 02:59 AM, मार्च 03
     
    भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी
    31 मार्च, 2021, बुधवार
    चन्द्रोदय - 09:37 PM
    चैत्र, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 02:06 PM, मार्च 31
    समाप्त - 10:59 AM, अप्रैल 01
     
    विकट संकष्टी चतुर्थी
    30 अप्रैल, 2021, शुक्रवार
    चन्द्रोदय - 10:40 PM
    वैशाख, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 10:09 PM, अप्रैल 29
    समाप्त - 07:09 PM, अप्रैल 30
     
    एकदन्त संकष्टी चतुर्थी
    29 मई, 2021, शनिवार
    चन्द्रोदय - 10:27 PM
    ज्येष्ठ, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 06:33 AM, मई 29
    समाप्त - 04:03 AM, मई 30
     
    कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी
    27 जून, 2021, रविवार
    चन्द्रोदय - 09:58 PM
    आषाढ़, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 03:54 PM, जून 27
    समाप्त - 02:16 PM, जून 28
     
    गजानन संकष्टी चतुर्थी
    27 जुलाई, 2021, मंगलवार
    चन्द्रोदय - 09:52 PM
    श्रावण, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 02:54 AM, जुलाई 27
    समाप्त - 02:28 AM, जुलाई 28
     
    हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी, बहुला चतुर्थी
    25 अगस्त, 2021, बुधवार
    चन्द्रोदय - 08:56 PM
    भाद्रपद, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 04:18 PM, अगस्त 25
    समाप्त - 05:13 PM, अगस्त 26
     
    विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी
    24 सितम्बर, 2021, शुक्रवार
    चन्द्रोदय - 08:33 PM
    आश्विन, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 08:29 AM, सितम्बर 24
    समाप्त - 10:36 AM, सितम्बर 25
     
    वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी, करवा चौथ
    24 अक्तूबर, 2021, रविवार
    चन्द्रोदय - 08:26 PM
    कार्तिक, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 03:01 AM, अक्तूबर 24
    समाप्त - 05:43 AM, अक्तूबर 25
     
    गणाधिप संकष्टी चतुर्थी
    23 नवम्बर, 2021, मंगलवार
    चन्द्रोदय - 08:46 PM
    मार्गशीर्ष, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 10:26 PM, नवम्बर 22
    समाप्त - 12:55 AM, नवम्बर 24
     
    अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
    22 दिसम्बर, 2021, बुधवार
    चन्द्रोदय - 08:30 PM
    पौष, कृष्ण चतुर्थी
    प्रारम्भ - 04:52 PM, दिसम्बर 22
    समाप्त - 06:27 PM, दिसम्बर 23
     

    Sankashti Chaturthi fast 2020 moonrise time

     
    Akhurath Sankashti Chaturthi
    02 January 2021, Saturday
    Moonrise - 08:59 PM
    Paush, Krishna Chaturthi
    Start - 09:09 AM, January 02
    Ends - 08:22 AM, January 03
     
    Sakat Chauth, Lambodar Sankashti Chaturthi
    January 31, 2021, Sunday
    Moonrise - 08:51 PM
    Magha, Krishna Chaturthi
    Start - 08:24 PM, January 31
    Ends - 06:24 PM, February 01
     
    Dwijpari Sankashti Chaturthi
    02 March 2021 Tuesday
    Moonrise - 09:43 PM
    Phalgun, Krishna Chaturthi
    Start - 05:46 AM, March 02
    Ends - 02:59 AM, March 03
     
    Bhalchandra Sankashti Chaturthi
    March 31, 2021, Wednesday
    Moonrise - 09:37 PM
    Chaitra, Krishna Chaturthi
    Start - 02:06 PM, March 31
    Ends - 10:59 AM, April 01
     
    Heavy Sankashti Chaturthi
    April 30, 2021, Friday
    Moonrise - 10:40 PM
    Vaisakh, Krishna Chaturthi
    Start - 10:09 PM, April 29
    Ends - 07:09 PM, April 30
     
    Ekadant Sankashti Chaturthi
    May 29, 2021, Saturday
    Moonrise - 10:27 PM
    Jyeshtha, Krishna Chaturthi
    Start - 06:33 AM, May 29
    Ends - 04:03 AM, May 30
     
    Krishnapingal Sankashti Chaturthi
    June 27, 2021, Sunday
    Moonrise - 09:58 PM
    Ashada, Krishna Chaturthi
    Start - 03:54 PM, June 27
    Ends - 02:16 PM, June 28
     
    Gajanan Sankashti Chaturthi
    27 July 2021 Tuesday
    Moonrise - 09:52 PM
    Shravan, Krishna Chaturthi
    Start - 02:54 AM, July 27
    Ends - 02:28 AM, July 28
     
    Herumb Sankashti Chaturthi, Bahula Chaturthi
    August 25, 2021, Wednesday
    Moonrise - 08:56 PM
    Bhadrapada, Krishna Chaturthi
    Start - 04:18 PM, August 25
    Ends - 05:13 PM, August 26
     
    Vighnaraj Sankashti Chaturthi
    September 24, 2021, Friday
    Moonrise - 08:33 PM
    Ashwin, Krishna Chaturthi
    Start - 08:29 AM, September 24
    Ends - 10:36 AM, September 25
     
    Vakratund Sankashti Chaturthi, Karva Chauth
    October 24, 2021, Sunday
    Moonrise - 08:26 PM
    Karthik, Krishna Chaturthi
    Start - 03:01 AM, October 24
    Ends - 05:43 AM, October 25
     
    Ganadhip Sankashti Chaturthi
    November 23, 2021, Tuesday
    Moonrise - 08:46 PM
    Margashirsha, Krishna Chaturthi
    Start - 10:26 PM, November 22
    Ends - 12:55 AM, November 24
     
    Akhurath Sankashti Chaturthi
    December 22, 2021, Wednesday
    Moonrise - 08:30 PM
    Paush, Krishna Chaturthi
    Start - 04:52 PM, December 22
    Ends - 06:27 PM, December 23


    23 January 2021

    पौष पुत्रदा एकादशी कब हैं 2021 | एकादशी तिथि व्रत पारण का समय | तिथि व शुभ मुहूर्त | Pausha Putrada Ekadashi 2021

    पौष पुत्रदा एकादशी कब हैं 2021 | एकादशी तिथि व्रत पारण का समय | तिथि व शुभ मुहूर्त | Pausha Putrada Ekadashi 2021

    pausha putrada ekadashi vrat
    pausha putrada ekadashi vrat kab hai 2021

    वैदिक विधान कहता हैं की, दशमी को एकाहार, एकादशी में निराहार तथा द्वादशी में एकाहार करना चाहिए। सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार सम्पूर्ण वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं, किन्तु अधिकमास की एकादशियों को मिलाकर इनकी संख्या 26 हो जाती हैं। प्रत्येक एकादशी का भिन्न-भिन्न महत्व होता हैं तथा प्रत्येक एकादशियों की एक पौराणिक कथा भी होती हैं। एकादशियों को वास्तव में मोक्षदायिनी माना गया हैं। भगवान श्रीविष्णु जी को एकादशी तिथि अति प्रिय मानी गई हैं चाहे वह कृष्ण पक्ष की हो अथवा शुक्ल पक्ष की। इसी कारण एकादशी के दिन व्रत करने वाले प्रत्येक भक्तों पर प्रभु की अपार कृपा-दृष्टि सदा बनी रहती हैं, अतः प्रत्येक एकादशियों पर हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले भगवान श्रीविष्णु जी की पूजा करते हैं तथा व्रत रखते हैं, साथ ही रात्रि जागरण भी करते हैं। किन्तु इन प्रत्येक एकादशियों में से एक ऐसी एकादशी भी हैं जिसका का व्रत प्रतिवर्ष दो बार, पौष तथा श्रावण, के मास में किया जाता हैं। यह व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए रखा जाता हैं। अतः पौष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी तथा श्रावण मास की शुक्ल पक्ष एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं। जिन व्यक्तियों को संतान होने में बाधाएं आती हैं अथवा जो व्यक्ति पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखते हैं उनके लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत अत्यंत शुभ फलदायक होता हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो जातक एकादशी का व्रत नियमित रखते हैं उन्हें भगवान् श्री नारायण की विशेष कृपा निरंतर प्राप्त होती रहती हैं। पद्म पुराण के अनुसार सांसारिक सुखों की प्राप्ति तथा पुत्र इच्छुक भक्तों के लिए पुत्रदा एकादशी व्रत को विशेष फलदायक माना जाता हैं। अतः संतानहीन या पुत्र हीन जातकों के लिए इस व्रत को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया हैं। इस व्रत के प्रभाव से संतान की रक्षा भी होती हैं। अतः महिला वर्ग में इस व्रत का अत्यंत विशेष प्रचलन तथा महत्व हैं। पौष पुत्रदा एकादशी के देवता सुदर्शन चक्रधारी भगवान श्री विष्णु जी हैं। अतः इस व्रत में भगवान नारायण के बाल-गोपाल स्वरूप का पूजन किया जाता हैं। पौष पुत्रदा एकादशी के व्रत का पालन जो जातक पूर्ण श्रद्धा से करता हैं, उसे भगवान विष्णु से विद्वान, लक्ष्मीवान तथा पुत्रवान होने का वरदान प्राप्त होता हैं।

     

    पौष पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण

    एकादशी के व्रत की समाप्ती करने की विधि को पारण कहते हैं। कोई भी व्रत तब तक पूर्ण नहीं माना जाता जब तक उसका विधिवत पारण ना किया जाए। एकादशी व्रत के अगले दिवस सूर्योदय के पश्चात पारण किया जाता हैं।

     

    ध्यान रहे,

    १- एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पूर्व करना अति आवश्यक हैं।

    २- यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पूर्व समाप्त हो रही हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के पश्चात ही करना चाहिए।

    ३- द्वादशी तिथि के भीतर पारण ना करना पाप करने के समान माना गया हैं।

    ४- एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए।

    ५- व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल का होता हैं।

    ६- व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्यान के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए।

    ७- जो भक्तगण व्रत कर रहे हैं उन्हें व्रत समाप्त करने से पूर्व हरि वासर समाप्त होने की प्रतिक्षा करनी चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि होती हैं।

    ८- यदि जातक, कुछ कारणों से प्रातःकाल पारण करने में सक्षम नहीं हैं, तो उसे मध्यान के पश्चात पारण करना चाहिए।

     

    इस वर्ष पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 23 जनवरी, शनिवार की रात्रि 08 बजकर 56 मिनिट से प्रारम्भ हो कर, 24 जनवरी, रविवार की रात्रि 10 बजकर 57 मिनिट तक व्याप्त रहेगी।

     

            अतः इस वर्ष 2021 में पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 24 जनवरी, रविवार के दिन किया जाएगा।

     

    इस वर्ष, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण अर्थात व्रत तोड़ने का शुभ समय, 25 जनवरी, सोमवार की प्रातः 07 बजकर 11 मिनिट से 09 बजकर 19 मिनिट तक का रहेगा।

    द्वादशी समाप्त होने का समय - 26 जनवरी दोपहर की 12:24 बजे


    2021 में शादी विवाह के शुभ लग्न मुहूर्त | Shaadi Shubh Lagan Muhurt kab hai 2021 me Shadi ka Muhurat

    2021 में शादी विवाह के शुभ लग्न मुहूर्त | Shaadi Shubh Lagan Muhurt kab hai 2021 me Shadi ka Muhurat 

    vivah ka shubh muhurat 2021
    shadi vivah ka shubh muhurat 2021
    यदि आप वर्ष 2021 में विवाह के बंधन में बंधने की सोच रहे हैं तो हम आपको 2021 में शुभ विवाह मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं।
     
    हिन्दू परम्पराओं में मानव के गर्भ में जाने से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कार किये जाते हैं। जिनमें हर संस्कार का अपना महत्व होता है। विवाह संस्कार भी इन्हीं सोलह संस्कारों में से एक है, जो पन्द्रहवां संस्कार है। स्त्री-पुरुष के जीवन में यह संस्कार बहुत महत्वपूर्ण होता है।
     
    शास्त्रों के अनुसार, यज्ञोपवीत से समावर्तन संस्कार तक मानव को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना होता है। वेदानुसार, जब युवक में सामाजिक परंपराएं निर्वाह करने की क्षमता और परिपक्वता आ जाती है तो उसे गृर्हस्थ्य जीवन में प्रवेश कराया जाता था और परिणय सूत्र में बाँध दिया जाता है।
     
    विवाह के लिए एक निश्चित तारीख तय की जाती है जिसे वर-वधू की कुंडली मिलान के पश्चात निकाला जाता है। विवाह में जितना महत्व उससे जुड़े रीती-रिवाजों का होता है उतना ही महत्व शुभ मुहूर्त का होता है। यहाँ हम 2021 विवाह मुहूर्त दे रहे हैं। ये सभी मुहूर्त पंचांग शुद्धि करके निकाले गए हैं। आप बेहिचक इनमें से मुहूर्त चुनकर विवाह-शादी का दिन चुन सकते हैं। बस ध्यान रहे उस दिन में वर-वधू के तारे अस्त नहीं होने चाहिए।
     
    विवाह मुहूर्त बहुत कम हैं, इस वर्ष के प्रथम महीने में अर्थात जनवरी में केवल एक मुहूर्त हैं, जो की 18 जनवरी को हैं। फरवरी और मार्च में विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार 18 जनवरी के बाद गुरु अस्त हो रहे हैं और 16 फरवरी के बाद शुक्र तारा अस्त हो रहे हैं, जिसके कारण साल के शुरुआती महीनों में विवाह नहीं हो पायेंगे, जिसके कारण इस समयावधि में विवाह करना अशुभ माना जाएगा।
    2021 में गुरु अस्त दोष और शुक्र अस्त दोष के चलते 24 अप्रैल से विवाह मुहूर्त की शुरुआत होगी। (इस साल 17 जनवरी से गुरु अस्त हो रहा है और यह 14 फरवरी तक हस्त ही रहेगा। इसके साथ ही शुक्र भी 8 फरवरी, 2021 से अस्त होगा और12 अप्रैल तक अस्त रहेगा।)
     

    इस वर्ष 2021 में विवाह मुहूर्त की शुरुआत 22 अप्रैल से हो रही हैं, हिन्दू कैलेंडर पंचांग 2021 के अनुसार वर्ष 2021 में विवाह मुहूर्त इस प्रकार है-

     

    शुभ विवाह मुहूर्त 2021

    जनवरी 2021 विवाह मुहूर्त

    शुभ नक्षत्र उपलब्ध नहीं है। गुरु तारा अस्त
     

    फ़रवरी 2021 विवाह मुहूर्त

    14 फरवरी, रविवार
    माघ शुक्ल तृतीया, चतुर्थी
    उत्तर भाद्रपद - कुम्भ - मीन
     
    15 फरवरी, सोमवार
    माघ शुक्ल चतुर्थी
    उत्तर भाद्रपद - मीन
     
    16 फरवरी, मंगलवार
    माघ शुक्ल पञ्चमी
    रेवती - मीन - मेष
     

    मार्च 2021 विवाह मुहूर्त

    शुभ नक्षत्र उपलब्ध नहीं है। शुक्र तारा अस्त
     

    अप्रैल 2021 विवाह मुहूर्त

    24 अप्रैल, शनिवार
    चैत्र शुक्ल द्वादशी
    उ. फाल्गुनी - सिंह
     
    25 अप्रैल, रविवार
    चैत्र शुक्ल त्रयोदशी
    हस्त चित्रा - कन्या
     
    26 अप्रैल, सोमवार
    चैत्र शुक्ल चतुर्दशी
    चित्रा स्वाति - कन्या तुला
     
    27 अप्रैल, मंगलवार
    चैत्र पूर्णिमा
    स्वाति - तुला
     
    30 अप्रैल, शुक्रवार
    चैत्र कृष्ण चतुर्थी
    मूल - धनु
     

    मई 2021 विवाह मुहूर्त

    01 मई, शनिवार
    चैत्र कृष्ण पंचमी
    मूल - धनु
     
    02 मई, रविवार
    चैत्र कृष्ण षष्ठी
    उत्तराषाढ़ा - धनु
     
    03 मई, सोमवार
    चैत्र कृष्ण सप्तमी
    उत्तराषाढ़ा - मकर
     
    04 मई, मंगलवार
    चैत्र कृष्ण अष्टमी
    धनिष्ठा - मकर - कुम्भ
     
    07 मई, शुक्रवार
    चैत्र कृष्ण एकादशी
    उ. भाद्रपद - मीन
     
    08 मई, शनिवार
    चैत्र कृष्ण द्वादशी
    उ. भाद्रपद रेवती - मीन
     
    15 मई, शनिवार
    वैशाख शुक्ल तृतीया
    मृगशिरा - मिथुन
     
    21 मई, शुक्रवार
    वैशाख शुक्ल नवमी
    उ. फाल्गुनी - सिंह
     
    22 मई, शनिवार
    वैशाख शुक्ल दशमी
    उ. फाल्गुनी हस्त - कन्या
     
    23 मई, रविवार
    वैशाख शुक्ल एकादशी
    हस्त चित्रा - कन्या
    24 मई, सोमवार
    वैशाख शुक्ल त्रयोदशी
    स्वाति - तुला
     
    30 मई, रविवार
    वैशाख कृष्ण पंचमी
    उत्तराषाढ़ा - मकर
     
    31 मई, सोमवार
    वैशाख कृष्ण षष्ठी
    धनिष्ठा - मकर
     

    जून 2021 विवाह मुहूर्त

    05 जून, शनिवार
    वैशाख कृष्ण एकादशी
    रेवती अश्विनी - मीन मेष
     
    06 जून, रविवार
    वैशाख कृष्ण एकादशी
    अश्विनी - मेष
     
    19 जून, शनिवार
    ज्येष्ठ शुक्ल नवमी
    हस्त चित्रा - कन्या
     
    24 जून, गुरुवार
    ज्येष्ठ पूर्णिमा -
    मूल - धनु
     
    25 जून, शुक्रवार
    ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा
    मूल - धनु
     
    26 जून, शनिवार
    ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया
    उत्तराषाढ़ा - मकर
     
    27 जून, रविवार
    ज्येष्ठ कृष्ण तृतीया
    धनिष्ठा - मकर
     
    28 जून, सोमवार
    ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्थी
    धनिष्ठा - मकर - कुम्भ
     

    जुलाई 2021 विवाह मुहूर्त

    01 जुलाई, गुरुवार
    ज्येष्ठ कृष्ण सप्तमी
    उ. भाद्रपद - मीन
     
    02 जुलाई, शुक्रवार
    ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी
    रेवती - मीन
     
    03 जुलाई, शनिवार
    ज्येष्ठ कृष्ण नवमी
    अश्विनी - मेष
     
    04 जुलाई, रविवार
    ज्येष्ठ कृष्ण दशमी
    अश्विनी - मेष
     
    06 जुलाई, मंगलवार
    ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी
    रोहिणी - वृषभ
     
    17 जुलाई, शनिवार
    आषाढ़ शुक्ल अष्टमी
    चित्रा - तुला
     

    चातुर्मास 2021

    21 जुलाई से 12 नवंबर तक की मुहूर्त तिथियाँ देवशयन कालिक हैं।
     

    अगस्त 2021 विवाह मुहूर्त

    शुभ नक्षत्र उपलब्ध नहीं है। वर्जित मास
     

    सितंबर 2021 विवाह मुहूर्त

    शुभ नक्षत्र उपलब्ध नहीं है। वर्जित योग
     

    अक्तूबर 2021 विवाह मुहूर्त

    शुभ नक्षत्र उपलब्ध नहीं है। वर्जित चातुर्मास
     

    नवंबर 2021 विवाह मुहूर्त

    15 नवम्बर, सोमवार
    कार्तिक शुक्ल द्वादशी
    उत्तर भाद्रपद, रेवती - मीन
     
    16 नवम्बर, मंगलवार
    कार्तिक शुक्ल द्वादशी, त्रयोदशी
    रेवती - मीन - मेष
     
    28 नवंबर, रविवार
    कार्तिक कृष्ण नवमी
    उ. फाल्गुनी - सिंह - कन्या
     
    29 नवंबर, सोमवार
    कार्तिक कृष्ण दशमी
    उ. फाल्गुनी हस्त -कन्या
     
    30 नवंबर, मंगलवार
    कार्तिक कृष्ण एकादशी
    हस्त चित्रा - कन्या
     

    दिसंबर 2021 विवाह मुहूर्त

    01 दिसंबर, बुधवार
    कार्तिक कृष्ण द्वादशी
    चित्रा स्वाति - कन्या - तुला
     
    06 दिसंबर, सोमवार
    मार्गशीर्ष शुक्ल तृतीया
    उत्तराषाढ़ा - धनु
     
    07 दिसंबर, मंगलवार
    मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी
    उत्तराषाढ़ा - धनु - मकर
     
    08 दिसंबर, बुधवार
    मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी
    धनिष्ठा - मकर
     
    09 दिसंबर - गुरुवार
    मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी
    धनिष्ठा - मकर - कुम्भ
     
    11 दिसंबर, शनिवार
    मार्गशीर्ष शुक्ल अष्टमी
    उ. भाद्रपद - मीन
     
    12 दिसंबर, रविवार
    मार्गशीर्ष शुक्ल नवमी
    रेवती - मीन
     
    13 दिसंबर, सोमवार
    मार्गशीर्ष शुक्ल दशमी
    रेवती अश्विनी - मीन - मेष


    12 January 2021

    प्रदोष व्रत कब है | हिन्दू कैलेंडर 2021 | Trayodashi Vrat kab hai | Pradosh Vrat Dates List 2021

    प्रदोष व्रत कब है | हिन्दू कैलेंडर 2021 | Trayodashi Vrat kab hai | Pradosh Vrat Dates List 2021 

    pradosh vrat kab hai 2021
    pradosh vrat kab hai

    सनातन हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है। इस दिन भगवान शिव एवं देवी पार्वती माँ की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है एवं मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। प्रत्येक मास में दो प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष आते हैं।
     

            प्रदोष व्रत के लाभ

    सोमवार के दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
    मंगलवार के दिन व्रत रखने से बीमारीयों से राहत मिलती है।
    बुधवार के दिन प्रदोष व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं एवं इच्छाएं पूर्ण होती है।
    गुरुवार को व्रत रखने से दुश्मनों का नाश होता है।
    शुक्रवार को व्रत रखने से शादीशुदा जिंदगी एवं भाग्य अच्छा होता है।
    शनिवार को व्रत रखने से संतान प्राप्त होती है।
    रविवार के दिन व्रत रखने से अच्छी सेहत एवं उम्र लम्बी होती है।
     
    शिव मन्दिरों में सायंकाल के समय प्रदोषम मंत्र का जाप किया जाता है।

            प्रदोषम मंत्र

    ।। ॐ पञ्चवक्त्राय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ।।
     

    प्रदोष व्रत की सूची 2021

    प्रदोष पूजा का समय

    10 जनवरी, रविवार
    पौष, कृष्ण प्रदोष व्रत
    05:59 से 08:37
     
    26 जनवरी, मंगलवार
    पौष, शुक्ल भौम प्रदोष व्रत
    06:10 से 08:46
     
    09 फरवरी, मंगलवार
    माघ, कृष्ण भौम प्रदोष व्रत
    06:19 से 08:52
     
    24 फरवरी, बुधवार
    माघ, शुक्ल प्रदोष व्रत
    06:28 से 08:57
     
    10 मार्च, बुधवार
    फाल्गुन, कृष्ण प्रदोष व्रत
    06:34 से 08:59
     
    26 मार्च, शुक्रवार
    फाल्गुन, शुक्ल प्रदोष व्रत
    06:40 से 09:01
     
    09 अप्रैल, शुक्रवार
    चैत्र, कृष्ण प्रदोष व्रत
    06:45 से 09:02
     
    24 अप्रैल, शनिवार
    चैत्र, शुक्ल शनि प्रदोष व्रत
    07:17 से 09:05
     
    08 मई, शनिवार
    वैशाख, कृष्ण शनि प्रदोष व्रत
    06:58 से 09:08
     
    24 मई, सोमवार
    वैशाख, शुक्ल सोम प्रदोष व्रत
    07:05 से 09:13
     
    07 जून, सोमवार
    ज्येष्ठ, कृष्ण सोम प्रदोष व्रत
    07:11 से 09:17
     
    22 जून, मंगलवार
    ज्येष्ठ, शुक्ल भौम प्रदोष व्रत
    07:16 से 09:21
     
    07 जुलाई, बुधवार
    आषाढ़, कृष्ण प्रदोष व्रत
    07:17 से 09:23
     
    21 जुलाई, बुधवार
    आषाढ़, शुक्ल प्रदोष व्रत
    07:14 से 09:22
     
    05 अगस्त, बृहस्पतिवार
    श्रावण, कृष्ण प्रदोष व्रत
    07:06 से 09:17
     
    20 अगस्त, शुक्रवार
    श्रावण, शुक्ल प्रदोष व्रत
    06:55 से 08:50
     
    04 सितम्बर, शनिवार
    भाद्रपद, कृष्ण शनि प्रदोष व्रत
    06:41 से 08:59
     
    18 सितम्बर, शनिवार
    भाद्रपद, शुक्ल शनि प्रदोष व्रत
    06:27 से 08:49
     
    04 अक्तूबर, सोमवार
    आश्विन, कृष्ण सोम प्रदोष व्रत
    06:11 से 08:37
     
    17 अक्तूबर, रविवार
    आश्विन, शुक्ल प्रदोष व्रत
    05:59 से 08:29
     
    02 नवम्बर, मंगलवार
    कार्तिक, कृष्ण भौम प्रदोष व्रत
    05:48 से 08:21
     
    16 नवम्बर, मंगलवार
    कार्तिक, शुक्ल भौम प्रदोष व्रत
    05:42 से 08:18
     
    02 दिसम्बर, बृहस्पतिवार
    मार्गशीर्ष, कृष्ण प्रदोष व्रत
    05:41 से 08:19
     
    16 दिसम्बर, बृहस्पतिवार
    मार्गशीर्ष, शुक्ल प्रदोष व्रत
    05:44 से 08:24
     
    31 दिसम्बर, शुक्रवार
    पौष, कृष्ण प्रदोष व्रत
    05:52 से 08:31
     
     

    Pradosh Vrat List 2021

    Pradosh Puja Time

    10 January, Sunday
    Paush, Krishna Pradosh fast
    05:59 to 08:37
     
    26 January, Tuesday
    Paush, Shukla Bhom Pradosh Vrat
    06:10 to 08:46
     
    09 February, Tuesday
    Magha, Krishna Bhaum Pradosh Vrat
    06:19 to 08:52
     
    24 February, Wednesday
    Magh, Shukla Pradosh Vrat
    06:28 to 08:57
     
    10 March, Wednesday
    Phalgun, Krishna Pradosh fast
    06:34 to 08:59
     
    March 26, Friday
    Phalgun, Shukla Pradosh fast
    06:40 to 09:01
     
    09 April, Friday
    Chaitra, Krishna Pradosh fast
    06:45 to 09:02
     
    24 April, Saturday
    Chaitra, Shukla Shani Pradosh fast
    07:17 to 09:05
     
    08 May, Saturday
    Vaishakh, Krishna Shani Pradosh Vrat
    06:58 to 09:08
     
    24 May, Monday
    Vaisakh, Shukla Som Pradosh Vrat
    07:05 to 09:13
     
    07 June, Monday
    Jyeshtha, Krishna Som Pradosh Vrat
    07:11 to 09:17
     
    22 June Tuesday
    Jyeshtha, Shukla Bhoom Pradosh Vrat
    07:16 to 09:21
     
    07 July, Wednesday
    Ashadh, Krishna Pradosh fast
    07:17 to 09:23
     
    21 July, Wednesday
    Ashadh, Shukla Pradosh fast
    07:14 to 09:22
     
    August 05, Thursday
    Shravan, Krishna Pradosh fast
    07:06 to 09:17
     
    August 20, Friday
    Shravan, Shukla Pradosh fast
    06:55 to 08:50
     
    04 September, Saturday
    Bhadrapad, Krishna Shani Pradosh Vrat
    06:41 to 08:59
     
    September 18, Saturday
    Bhadrapad, Shukla Shani Pradosh fast
    06:27 to 08:49
     
    04 October, Monday
    Ashwin, Krishna Som Pradosh Vrat
    06:11 to 08:37
     
    October 17, Sunday
    Ashwin, Shukla Pradosh fast
    05:59 to 08:29
     
    02 November, Tuesday
    Karthik, Krishna Bhaum Pradosh Vrat
    05:48 to 08:21
     
    16 November, Tuesday
    Karthik, Shukla Bhoom Pradosh Vrat
    05:42 to 08:18
     
    02 December, Thursday
    Margashirsha, Krishna Pradosh fast
    05:41 to 08:19
     
    16 December, Thursday
    Margashirsha, Shukla Pradosh fast
    05:44 to 08:24
     
    31 December, Friday
    Paush, Krishna Pradosh fast
    05:52 to 08:31
     
    हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत त्रयोदशी के दिन रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा की जाती है। प्रत्येक महीने में दो प्रदोष व्रत {शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष} होते हैं।
    अलग-अलग तरह के प्रदोष व्रत
     
     सोमवार को आने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोषम या चन्द्र प्रदोषम भी कहा जाता है।
     मंगलवार को आने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोषम कहा जाता है।
     शनिवार को आने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोषम कहा जाता है।